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दिसम्बर 03, 2022 247 0 Deacon Jim McFadden
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धर्म के कबाड़ को कैसे दूर करें

योहन के सुसमाचार के अध्याय 2 में येशु द्वारा यरूशलेम मंदिर जाने के बारे में और येरूशलेम मंदिर की सफाई के बारे में  नाटकीय विवरण मिलता है, जहां येशु व्यापारियों को बैल, भेड़, और कबूतर बेचते हुए और पैसे बदलने वाले साहूकारों को अपनी मेज पर बैठे हुए पाते हैं। रस्सियों से एक कोड़ा बनाकर, येशु उन्हें मंदिर परिसर से बाहर निकालते हैं, साहूकारों की मेजों को उलट देते हैं और उन्हें आदेश देते हैं कि “मेरे पिता के घर को बाज़ार मत बनाओ” (पद.16)।

येशु ने किसी को नहीं मारा, लेकिन पास्का पर्व के इतने करीब की इस नाटकीय कार्रवाई ने निश्चित रूप से भीड़ का ध्यान आकर्षित किया और धर्माधिकारियों से और उन लोगों से एक प्रतिक्रिया को जन्म दिया जिनके आर्थिक हितों को खतरा था।

इस वृत्तांत में येशु का व्यवहार हमें चुनौती देता है कि हम अपने फायदे और स्वार्थी हितों की नहीं, बल्कि उस परमेश्वर की महिमा की तलाश करें जो वास्तव में प्रेम है। येशु के साहसिक हस्तक्षेप ने मंदिर को “कबाड़ के धर्म” से मुक्त कर वास्तविक धर्म के लिए जगह बनाने का कार्य किया। आज के दौर में कबाड़ का धर्म क्या है और कैसा दिखता है?

सीधे शब्दों में कहें तो कबाड़ धर्म कैथलिक परंपरा के वे तत्व हैं,  जो हमारे व्यक्तिगत और स्वार्थी परिपाटी का समर्थन करने वाले हैं, और जो कैथलिक तत्व हमारे स्वार्थी एजंडा में नहीं हैं, उन पर पर्दा डालते हैं। हम उन सारी सही कार्य कर सकते हैं – नियमित रूप से मिस्सा में भाग लेना, अच्छी धर्मविधि की सराहना करना, उदारता से दान देना, पवित्र ग्रन्थ को उद्धृत करना, और यहां तक ​​कि ईशशास्त्र के कुछ हिस्से को भी समझ लेना – लेकिन अगर हम सुसमाचार को अपने दिल की गहराई तक नहीं जाने देते हैं, तो हम कैथलिक विश्वास को पालतू बना लेते हैं, और इसे “कबाड़ धर्म” के रूप में सीमित और छोटा बनाते हैं। उस गहरी प्रतिबद्धता के बिना, धर्म सुसमाचार के बारे में कम, बल्कि अपने बारे में और अपने व्यक्तिगत विचारधारा के बारे में अधिक हो जाता है – चाहे हम खुद को किसी भी राजनीतिक परिदृश्य में पाते हैं।

सुसमाचार हमारा आह्वान करता है कि स्वयं को दास का रूप देनेवाला और क्षमाशील येशु के मार्ग को हम अपनावें। हम अहिंसक बनने और न्याय और भलाई को बढ़ावा देने के लिए बुलाये गए हैं। और हमें उन कार्यों को अनुकूल और प्रतिकूल दोनों परिस्थितियों में करने की जरूरत है चाहे वह आसान हो या कठिन हो। जब इस्राएली कनान देश की ओर जा रहे थे और जब यात्रा कठिन हो गई, तो वे मिस्र में अपने पुराने जीवन के आराम और सुरक्षा की ओर लौटना चाहते थे। उनकी तरह, हम धर्म को हमें पहचान देनेवाले एक ऐसे परिधान के रूप में पहनने के प्रलोभन में पड़ सकते हैं, जबकि धर्म एक ऐसा ख़मीर बने जो हमें भीतर से बदल देता है। हमें यह याद रखना चाहिए कि हम ईश्वर के उदार और सुरक्षापूर्ण प्रेम के साधन हैं; हम अपनी इस पुकार के प्रति दृढ़ रहें।

हमारे अनुष्ठान और भक्ति अभ्यास हमें याद दिलाएंगे कि ईश्वर की सच्ची आराधना करना है, जीवन के लिए निरंतर धन्यवाद देना है और दूसरों के साथ अपने जीवन को साझा करके कृतज्ञता व्यक्त करना है। यदि हम ऐसा करते हैं, तो यहां और वर्त्तमान में मौजूद पुनर्जीवित मसीह के देहधारण में हम भी शामिल हो जायेंगे, हम भी उस देह्धारण को अपने जीवन में साकार करेंगे। हम अपने समुदाय में न्याय के साथ शांति की शुरुआत करेंगे। संक्षेप में, हम सच्चे धर्म का पालन करेंगे, अपने आप को एक ऐसे ईश्वर से जोड़ेंगे जो केवल हमसे प्रेम करना चाहता है और बदले में प्रेम पाना चाहता है।

 

 

 

 

 

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Deacon Jim McFadden

Deacon Jim McFadden कैलिफोर्निया के फॉल्सम में संत जॉन द बैपटिस्ट कैथलिक चर्च में सेवारत हैं। वह ईशशास्त्र के शिक्षक हैं और वयस्क विश्वास निर्माण और आध्यात्मिक निर्देशन के क्षेत्र में कार्य करते हैं।

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