Home/Engage/Article

मार्च 16, 2022 217 0 Carol Osburn, USA
Engage

सिर्फ मांगो

“मांगो और तुम्हें दिया जाएगा। ढूँढो और तुम्हें मिल जाएगा। खटखटाओ और तुम्हारे लिये खोला जाएगा।” – मत्ती 7:7

सन 2020 का पतझड़ का मौसम था, और वह दिन भी उन खूबसूरत दिनों में से एक था। मेरे पति मार्क, और मैं घर के आसपास कुछ काम कर रहे थे। मैं कोविड के कारण घर के अन्दर और आसपास ही पूरा दिन बिताकर बोर हो चुकी थी, इसलिए मैंने मार्क से कहा कि मैं एक ड्राइव के लिए बाहर जा रही हूं और कुछ घंटों में घर वापस आ जाऊंगी। उसने मुझे ड्राइव करके खुश रहने के लिए शुभकामनाएं दी और कहा कि हम बाद में एक-दूसरे से मिलेंगे।

अपनी कार में बैठने के बाद, मैंने मॉल की ओर जाने का फैसला किया। जब मैं मॉल के नज़दीक पहुँच रही थी तो मैंने ज़ोर से प्रभु से पूछा, “प्रभु, मुझे कहाँ जाना चाहिए?” मैंने तुरंत अपने दिल में सुना, “पैट्रीशिया”।

पैट्रीशिया मेरी पुरानी पड़ोसिन है जो अपने स्वाश्य की बेहतर देखभाल ले लिए इन दिनों एक संस्था में भर्त्ती कर दी गयी है। मैंने सोचा कि पैट्रीशिया के पास जाना एक अच्छा विचार है, और मुझे उससे मिले हुए काफी समय हो चुका था। अब तक मैं आधा रास्ता पार चुकी थी। मैंने फैसला किया कि पहुँचने के पहले फोन नहीं करूंगी, बल्कि पार्किंग में पहुँचने के बाद फोन करूंगी। उस समय कोविड की पाबंदियों ने मुझे उस संस्था के अंदर जाने से रोक दिया था। मैंने सोचा कि शायद पैट और मैं बाहर घूम सकती हैं। शायद मुझे कुछ देर इंतजार करना होगा।

मैंने सीधे पार्किंग में पहुंचकर पैट को फोन किया। उसने तुरंत जवाब दिया! मुझे लगा कि फोन बजा ही नहीं है। पैट के पहले शब्द थे, “कैरोल, तुम कहाँ हो?”, मानो कि वह जानती थी कि मैं आ रही हूँ। मैंने उससे कहा कि मैं उस संस्था के स्थान पर पार्किंग में थी। उसने मुझे बताया कि वह बाहर आँगन में है और मैं वहाँ मास्क पहन कर उसके साथ जा सकती हूँ। इसलिए, मैं गाड़ी लेकर आँगन की ओर गयी, मास्क लगायी और गेट पर उससे मिली। वह मुझे अंदर ले गयी। हम दोनों एक दूसरे को देखकर बहुत खुश हुई।

सूरज हमारे चेहरों पर चमक रहा था; और प्रभु येशु हमारे दिलों में चमक रहा था।  वहाँ हम आँगन में बैठी थीं, बस हम दोनों; एक घंटे से अधिक देर तक बातें करती और हँसती रहीं। हमने एक साथ प्रार्थना भी की। क्या अद्भुत मुलाकात है! मुझे कहना चाहिए, वह ईश्वरीय विधान था।

ज़रा सोचिए, अगर मैंने उस शांत स्वर को, उस छोटी सी आवाज़ को, जो घर पर, मुझे धूप में बाहर निकलने के लिए उकसा रही थी, उस आवाज़ को जो बाद में गाडी चलाते समय भी, नहीं सुना होता, तो मैं अपनी दोस्त, पैट्रीशिया के साथ एक शानदार मुलाक़ात से चूक जाती!

धन्यवाद, येशु, तू जिस तरह से मुझे प्यार करता हैं, उसके लिए धन्यवाद!

Share:

Carol Osburn

Carol Osburn आध्यात्मिक निर्देशिका और लेखिका हैं। 44 से अधिक वर्षों से विवाहित हैं, और अपने पति के साथ अमेरिका के इलिनोई में रहती हैं। उनकी तीन संतान और नौ पोते-पोतियां हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel