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दिसम्बर 03, 2022 294 0 Daniella Stephans, UK
Encounter

आओ प्यार पावें

अगर आज आप अपना दिल खोल दें, तो आप दुनिया बदल सकते हैं! डेनिएला स्टीफ़ंस ने प्यार पाने की अपनी अविश्वसनीय और कभी अंत न होनेवाली यात्रा का वर्णन कर रही है।

मैं एक ऐसी कैथलिक थी, जिसे आप ‘पालना कैथलिक’ कह सकते हैं; मैं सात संतानों की कैथलिक परिवार के दिल में पली-बढ़ी हूँ। हम नियमित रूप से मिस्सा बलिदान में जाते थे और मैं अपने विश्वास के बारे में अधिक जानने के लिए, संतों का अनुकरण करती थी, और प्रभु की उपस्थिति को प्रदर्शित करनेवाली उन सुंदर छवियों के प्रति आकर्षित हो जाती थी। प्रभु ने छोटी उम्र से ही मेरे जीवन में प्रेम के बीज बो दिए। जब मुझे अपनी किशोरावस्था में मिस्सा बलिदान में जाने या न जाने का विकल्प दिया गया था, तब भी मैंने मिस्सा जाना जारी रखा, जब कि मेरे कुछ भाई-बहनों ने मिस्सा न जाने का विकल्प चुन लिया था। मैं हमेशा सही काम करना चाहती थी और कभी भी मुसीबत में नहीं पड़ना चाहती थी। मैं अपने माता-पिता को निराश नहीं करना चाहती थी और मुझे पता था कि रविवार के दिन जानबूझकर मिस्सा में न जाना पाप है।

हालाँकि, मैं वास्तव में कभी नहीं समझ पायी कि मेरे साथ क्या हो रहा था। मैं बस मिस्सा बलिदान के विभिन्न हिस्सों के माध्यम से खाना पूर्ती कर रही थी। हालांकि मुझे लगा कि ईश्वर मेरे करीब हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उसे नहीं जानती थी  और अभी भी मेरे दिल में एक भारी, धड़कता हुआ खालीपन महसूस कर रही थी। जब मैं सोमवार से लेकर शुक्रवार तक बहुत सारे कामों में व्यस्त रहती थी, और इसलिए मेरे पास इसके बारे में चिंता करने का वक्त नहीं था, लेकिन सप्ताहांत में, मैं इस गहरे अकेलेपन से परेशान रहती थी।

 खो गयी प्यार में

सयानी कहलाने की उम्र में पहुंचने के बाद, भौतिक दुनिया जो कुछ दे सकती थी, उन सारी चीज़ों से मैं आकर्षित हो गयी थी, इसलिए मैंने शराब पीकर और दोस्तों के साथ पार्टियों में जाकर अपनी समस्या को हल करने की कोशिश की, लेकिन वह खालीपन वैसे खाली ही रह गई। मैं ने तिरस्कार, अकेलापन और निराशा महसूस किया। हालाँकि मैं अपना काम करने के लिए स्वतंत्र होना चाहती थी, मैं अपने विवेक से जूझ रही थी, जो मुझे बराबर बता रहा था कि मैं जो करना चाहती थी, वह गलत था। ईश्वर ने मेरी सृष्टि इन गलतियों को करने के लिए नहीं की थी। एक स्वर्गदूत के साथ याकूब की कुश्ती के बारे में मैंने बाइबिल में पढ़ा था और मुझे लगा कि यही कहानी मेरी भी है। जब एक रविवार को मिस्सा के दौरान मैं इन सब के बारे में सोचकर प्रार्थना कर रही थी, मुझे सहसा एहसास हुआ कि मैं स्वयं को स्वीकार नहीं कर रही थी। परमेश्वर के पास मेरे जीवन के लिए एक बेहतर योजना थी। येशु के पवित्र हृदय की एक मूर्ति को देखते हुए, मैं समझ पा रही थी कि येशु मेरे दिल के दरवाजे पर दस्तक दे रहे थे, अंदर आने के लिए अनुमति मांग रहे थे, लेकिन मैं इस अद्भुत उपहार को स्वीकार करने से बहुत डर रही थी, क्योंकि मुझे डर था कि येशु मेरे अंदर आएंगे और मेरी आजादी छीन लेंगे। उस क्षण तक, मुसीबत में पड़ने के डर के कारण ही मैं बदतर पापों से बची रही। फिर, किसी तरह, ईश्वर की कृपा से, मैंने खुद को यह कहते हुए पाया, “ठीक है, हे प्रभु, मैं तुझे एक अवसर दूंगी।” उस पल में, मैंने ऊपर की ओर देखा और पहली बार येशु के बपतिस्मा की एक तस्वीर देखी। उस तस्वीर में येशु बहुत मजबूत, विनम्र और सौम्य लग रहे थे। तुरंत मेरा दिल बदल गया। डर दूर हो गया, खालीपन की वह भारी सुराख अविश्वसनीय गर्मजोशी से भर गयी और मुझे येशु से प्यार हो गया। इस पल ने सब कुछ बदल दिया। मैं पूरी तरह जीवित महसूस करते हुए गिरजाघर से बाहर चली गयी। मैं उस महिला की तरह महसूस कर रही थी जिसने, येशु के वस्त्र के किनारे को छुआ और मैं अपने सारे दर्द से मुक्त होकर तुरंत स्वस्थ हो गई। मुझे डर था कि अगर मैंने उसे अपने दिल में बसा लिया, तो वह मेरी आजादी छीन लेगा, लेकिन मैं गलत थी। जिस चट्टान की सुराख में परमेश्वर ने मूसा को रखा था वह उस सुराख के समान है जो मसीह के सीने में छेदा गया है। मैंने महसूस किया कि मसीह ने मुझे अपने पवित्र हृदय में खींच लिया है, जहाँ मैं उसके निकट और सुरक्षित रखी गयी हूँ और प्रभु येशु मुझ से बात कर सकते थे, ठीक उसी तरह, जिस तरह कोई दोस्त अपने दोस्त से बात करता है, जिस तरह मूसा ने प्रभु के साथ बात की थी। 

काली सुराख

जितना अधिक मैंने दैनिक मिस्सा पूजा में और आराधना में प्रभु के साथ व्यक्तिगत मुलाकातों की तलाश की, उतना ही मैंने अपने आप को उसके करीब होने का एहसास पाया। इसलिए, मैंने ईशशास्त्र का अध्ययन किया और जैसे-जैसे मैं परमेश्वर को और अधिक गहराई से जानती गयी, उसने अपने आप को मेरे सामने और भी अधिक प्रकट किया, यहाँ तक कि त्रासदी के समय में भी; उदाहरण केलिए मेरे भाई की मृत्यु के मौके पर भी। उन दिनों, मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पहचान पाने के लिए संघर्ष कर रही थी और भविष्य को लेकर डर महसूस कर रही थी। मैं अब ईश्वर की उपस्थिति को महसूस नहीं कर पा रही थी और सोचती थी कि क्या प्रभु ने मुझे छोड़ दिया है। मैं येशु के कहे गए उन सारे वचनों को जानती थी, “मैं ही मार्ग, सत्य और जीवन हूँ… मैं पुनरुत्थान और जीवन हूँ।” लेकिन अब मेरे विश्वास की परीक्षा हो रही थी। क्या यह सब सच था? जब मैं अपने भाई के कमरे में चुपचाप बैठ कर उसके खाली बिस्तर को देख रही थी, मुझे याद आया कि कैसे येशु ने मार्था से कहा था, “तुम्हारा भाई फिर जी उठेगा,” और मैं ने महसूस किया कि येशु मुझसे ये शब्द कह रहे थे। जब मैं विश्व युवा दिवस में भाग लेने गयी तो मुझे भारी भीड़ में कुछ कुछ अकेलापन और खोया खोया महसूस हुआ। जब मैंने चारों ओर उन सारे युवा लोगों को देखा, तो मैंने येशु से पूछा, “हे प्रभु, तू कैसे इन सभी लोगों से एक ही समय प्यार कर सकता है और मुझसे भी प्यार करता है?” परमेश्वर ने मुझे दिखाया कि जिसके साथ प्रभु का व्यक्तिगत संबंध है, उस प्रत्येक व्यक्ति को अलग अलग व्यक्ति के रूप में वह कैसे देखता है। ईश्वर हम में से प्रत्येक को एक अद्वितीय और व्यक्तिगत प्रेम की दृष्टि से देखता है। वह आपसे उतना प्यार करता है जितना कोई और नहीं, कर सकता, क्योंकि आपके जैसा दुनिया में और कोई नहीं है। परमेश्वर आपको अद्वितीय रूप से, अभूतपूर्व रूप से, अनोखे रूप से और व्यक्तिगत रूप से प्यार करता है। आदम से लेकर अनंत काल तक कोई भी ऐसा नहीं है, और न रहेगा, जो बिल्कुल आपके जैसा हो। इसलिए, जब आप व्यक्तिगत रूप से उसके प्यार को महसूस करते हैं, तो वह आपको उस अद्वितीय व्यक्ति के रूप में देखता है, जो कोई और नहीं कर सकता। उसने हम में से प्रत्येक के लिए स्वयं को बलिदान कर दिया। जब वे क्रूस पर थे, वे हम में से प्रत्येक के बारे में व्यक्तिगत रूप से नाम लेकर सोच रहे थे।

 मेरे डर को दूर कर दिया गया

 येशु ने मुझे दिखाया कि पिता ईश्वर के बारे में मेरी छवि और समझ गलत थी। मुझे लगा था कि मैं संकट में हूँ, इस बात के लिए परमेश्वर मुझे दोषी ठहरा रहा है। मुझे उसके दंड का डर था, लेकिन मैं गलत थी। येशु हमारा उद्धार करने के लिए पिता ईश्वर की योजना के अनुसार, हमारे लिए पिता के प्रेम को प्रकट करने के लिए – हमारे बीच रहकर परमेश्वर और मनुष्य के बीच की दरार को ठीक करने के लिए – दुनिया में आए। येशु ने हमें यह भी बताया कि यदि हमने उसे देखा होता, तो पिता को देखा होता। येशु ने मुझे दिखाया कि मेरे हृदय में जो खालीपन है वह परमेश्वर द्वारा भरा जाना चाहिए, और जब मैंने येशु को अंदर जाने दिया, तो उसने मुझे सचमुच मुक्त कर दिया। हम परमेश्वर के द्वारा और परमेश्वर के लिए बनाए गए हैं, इसलिए जब मैंने उसे अंदर बुलाया, तो उसने अपनी गर्मजोशी और प्रेमपूर्ण उपस्थिति से मुझे भर दिया, जो अवसाद और बेचैनी मुझे परेशान कर रही थी, उसे उसने दूर कर दिया। जब हम उस ईश्वर के आकार के छेद को अन्य चीजों से भरने की कोशिश करते हैं, तो वे सभी कम पड़ जाते हैं, क्योंकि वह अनंत और अपूरणीय है। इसने मुझे याद दिलाया कि कैसे हमें चेतावनी दी जाती है कि “वाहन में गलत ईंधन डालने से आपकी यात्रा में तबाही हो सकती है और आपकी कार के इंजन को व्यापक नुकसान होने की संभावना है।” आपका हृदय आपका इंजन है और पाप से होने वाली क्षति को रोकने के लिए इसे सही ईंधन की आवश्यकता है। दैनिक मिस्सा पूजा, नियमित पाप स्वीकार, प्रार्थना, आराधना, बाइबिल पाठ और विश्वास का अध्ययन, और माँ मरियम के साथ एक गहरा रिश्ता, ये सभी मिलकर वह ईंधन रहा है जिसने मेरे दिल को बहाल किया है और जिसके द्वारा मुझे ईश्वर के साथ व्यक्तिगत संपर्क द्वारा अपना जीवन जीने की कृपा मिली है। येशु ने मुझे और अधिक गहराई में जाने के लिए आमंत्रित किया। यद्यपि अक्सर अपना क्रूस उठाना और प्रतिदिन उसका अनुसरण करना पीड़ादायक होता है, फिर भी उसने परीक्षाओं और प्रलोभनों के द्वारा मेरा नेतृत्व किया है और अपने प्रेम को प्राप्त करने और साझा करने की मेरी क्षमता का विस्तार किया है।

 संघर्षों के बीच

हर दिन, हमारा दुश्मन शैतान हमें हतोत्साहित करने और हमें परमेश्वर के प्रेम से दूर करने का प्रयास कर रहा है। वह नहीं चाहता कि हम जानें और अनुभव करें कि परमेश्वर हमें क्या देना चाहता है। वह हमारे घमंड को इतना सख्त और कड़ा कर देता है कि हम परमेश्वर की इच्छा के आगे झुकने को तैयार नहीं हैं। जब हम अपने पाप के द्वारा दिए जा रहे उस दर्द और पीड़ा के कारण अपने आप को टूटा हुआ महसूस करते हैं, तो हम खुद को यह सोचकर धोखा देते हैं कि ईश्वर हमसे प्यार नहीं करता। संत तेरेसा ने कहा था कि जब ईश्वर पूर्ण होता है और हम इतने अपूर्ण होने के बावजूद, वह हमसे प्यार कर सकता है; हमारे इस तरह के मज़बूत विश्वास को तोड़ना और नष्ट करना ही शैतान की रणनीति है। जब मैं संघर्ष करती रहती हूँ तो क्या वास्तव में उस समय भी परमेश्वर मुझसे प्रेम करता है? एक बार, येशु ने अपने चेलों को रात भर आंधी के खिलाफ संघर्ष करते हुए छोड़ दिया, जब येशु स्वयं एक पहाड़ पर प्रार्थना कर रहे थे। लेकिन सुबह शिष्यों ने येशु को पानी के ऊपर से अपनी ओर आते हुए देखा। जब आप कठिन समय से गुजर रहे होते हैं, तो प्रभु आपके संघर्ष के बीच में होते हैं। वह आप से यह भी कहता है, “डरो मत।” और जब हम खुद को डूबते हुए महसूस करते हैं, जैसे पतरस ने अपना विश्वास विफल होने पर महसूस किया था, जब वह येशु की ओर, पानी के ऊपर टहलते हुए गया था, उसी तरह हम भी पुकार सकते हैं, “प्रभु मुझे बचा ले।” जब ऐसा लगे कि सब कुछ आपके विरुद्ध हो रहा है, तब उस प्रभु पर ही अपनी नज़रें टिकाए रखें और वह आपको विफल नहीं करेगा। हमेशा एक नया सवेरा होता है। हर दिन फिर से शुरू करने का दिन और अवसर होता है। “रात को भले ही रोना पड़े, भोर में आनन्द–ही–आनद है” (भजन संहिता 30:6)। रात परीक्षण और प्रलोभन का प्रतीक हो सकती है। भोर मसीह का प्रतीक है जो विश्व का प्रकाश है। याद रखें कि ईस्टर के रविवार को, मसीह ने कब्र को प्रकाश से प्रज्वलित करके छोड़ा था। वे हमारे साथ अपना प्रकाश साझा करने आये हैं।

येशु नाम का अर्थ है ‘ईश्वर बचाता है’। वे हमें बचाने आये थे। वे हमारी पीडाओं को साझा करने, हमारे साथ गहरी दोस्ती बनाने और हमें बाहर निकालने के लिए आये थे। विश्वास एक मांस पेशी की तरह है जो कठिन परिस्थितियों और दबाव में बढ़ता है। अच्छा होगा कि मैं अपनी इच्छाओं को ईश्वर को समर्पित करूँ और यह विश्वास करूँ कि वह उन्हें पूरा करेंगे, लेकिन यह कठिन है। “मैं अपनी इच्छा से अधिक, ईश्वर की इच्छा चाहता हूं,” ईमानदारी से ऐसा कहने में सक्षम होना आसान नहीं है, क्योंकि हम जो करना चाहते हैं उसे ही करना पसंद करते हैं। माँ मरियम ने ऐसा ही किया जब उसने कहा, “तेरा कथन मुझ में पूरा हो जाए” (लूकस 1:38)। माँ मरियम अपनी सौम्यता के साथ हमारे साथ खड़ी है, हमारी गहरी इच्छाओं को मानव जाति के कल्याण और अच्छाई के साथ समान बनाने में वह हमारी मदद करती है।

इसलिए, ईश्वर की कृपा से, मैं विश्वास के साथ आगे बढ़ती हूं, यह जानते हुए कि मैं ईश्वर से अपनी सभी जरूरतों के बारे में एक दोस्त और परिवार के सदस्य के रूप में बात कर सकती हूं। मैंने परमेश्वर को एक प्रेममय पिता के रूप में जाना है, जो हमें अपनी सभी खामियों, गलतियों और बारम्बार असफलताओं के बावजूद, बच्चों के समान उसकी प्रेमपूर्ण योजना में भरोसे रखते हुए उसके पास आने के लिए बुलाता है।

“आओ, हम अनुग्रह के सिंहासन के पास जाएं” (इब्रानी 4:16) और “तुम न डरोगे और न घबराओगे, क्योंकि तुम जहां कहीं भी जाओगे प्रभु तुम्हारा ईश्वर तुम्हारे साथ होगा” (योशुआ 1:9)

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Daniella Stephans

Daniella Stephans is a Catholic speaker who lives in Manchester, UK.

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