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दिसम्बर 03, 2022 327 0 Jackie Perry
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डरो मत

विश्वास की छलांग लगाने में आप झिझक रहे हैं? तो यह लेख आपके लिए है।

पांच साल पहले, मेरे तत्कालीन प्रेमी (जो अब मेरे पति बन चुके हैं) और मैं गंभीरता से डेटिंग कर रहे थे, जबकि हम एक दुसरे से दूर रह रहे थे। मैं टेनेसे के नैशविले में रहती थी और वह उत्तरी डकोटा के विलिस्टन पर रहते थे, जो 1,503 मील दूर था। पैंतीस के आसपास की उम्र वाले दो लोग, जिनके मन में प्रेम और विवाह हो, उनके लिए यह दूरी व्यावहारिक नहीं थी। लेकिन हम इन अलग-अलग राज्यों में अच्छी तरह से स्थापित हो चुके थे। डेटिंग के दौरान, हमने अपने भविष्य के बारे में अलग-अलग और एक साथ प्रार्थना की, खासकर दूरी के बारे में। जब हमने आत्म-समर्पण की नौरोज़ी प्रार्थना की, तो अचानक उनकी कंपनी ने उन्हें वापस अपने गृह राज्य वाशिंगटन में स्थानांतरित कर दिया, और जल्द ही मैंने भी वाशिंगटन जाने का फैसला किया, जहां हम अंततः एक ही शहर में रहते हुए डेट कर सकते थे।

एक नया रोमांचक साहस

एक दोपहर, मेरी एक दोस्त के साथ बातचीत करते हुए मैंने उससे कहा कि मैं ने वाशिंगटन जाने का निर्णय लिया है। जब उसने कहा, “तुम बहुत बहादुर हो!” यह सुनकर मैं दंग रह गयी। मैं अपने फैसले का वर्णन करने के लिए सौ शब्दों का इस्तेमाल कर सकती थी, लेकिन ‘बहादुर’  शब्द उनमें से एक नहीं होता। मुझे नहीं लगता कि मेरा यह निर्णय बहादुरी का था; यह निर्णय सिर्फ इसलिए सही लगा क्योंकि यह चिंतन और विवेक पर आधारित था। मैं अपने भविष्य के बारे में लम्बी और गहरी प्रार्थना कर रही थी, और जब मैंने प्रार्थना की, तो मैंने महसूस किया कि ईश्वर न केवल मेरे दिल को बदल रहां है, बल्कि मुझे इस नए साहसिक कार्य के लिए तैयार भी कर रहा है।

मैं जिस शहर में पिछले लगभग दस वर्षीं से रहती थी, और समय के साथ उस शहर से मेरा बेहद प्यार हो गया था और  जिन चीजों ने मुझे उस शहर से बांधे रखा था, इस निर्णय को लेते ही अचानक उन चीज़ों ने  मुझ पर अपनी पकड़ छोड़ दी। एक के बाद एक, मेरे दायित्वों को मैं ने बड़े करीने से लपेटना शुरू कर दिया या पूरी तरह से पुनर्निर्देशित किया। जैसे ही मैंने उन परिवर्तनों का अनुभव किया, मैं अपने उस व्यस्त जीवन से दूर हो गयी और मैं ने अपने भविष्य के बारे में प्रार्थना करना जारी रखा। मैंने एक नई स्वतंत्रता का अनुभव किया जिसने मुझे कुछ हद तक आज्ञाकारी घूमंतू जैसे बनने की अनुमति दी जिससे पवित्र आत्मा की प्रेरणाओं का पालन करने में मुझे आसान हो गया था।

जो सही है वही करें

जैसा कि मैंने कहा, ‘बहादुर’ होना मेरे दिमाग में कभी नहीं आया था। जब मैंने लोगों को अपनी योजनाएँ बताईं, तब उनके  चेहरों पर आश्चर्य की नज़र दिखाई देने लगे। इस के बावजूद और अज्ञात की परवाह किए बिना, मुझे लगा कि मैं अपने जीवन के लिए अगला सही कदम उठा रही हूं। बाद में यह स्पष्ट पता चला कि मैं अपने जीवन के लिए सही कदम ही उठा रही थी। यह मेरे द्वारा किए गए सबसे सही कामों में से एक था।

इसके तीन वर्ष बाद मेरे प्रेमी और मैंने अंततः शादी कर ली। शादी के दो साल बाद मैंने अपनी पहली प्यारे बेटे को गर्भ में धारण किया, जिसे मैं ने गर्भाशय में खो दिया, और फिर अगले साल हमारी खूबसूरत बच्ची का जन्म हुआ।

हाल ही में, मेरे दोस्त के द्वारा बहादुर कहे जाने के बारे में मैं बराबर सोच रही थी। उसकी टिप्पणी पवित्र ग्रन्थ के एक अंश के साथ मेल खाती है जो मेरे दिमाग में लगातार गूँज रही है: “… ईश्वर ने हमें भीरुता का नहीं, बल्कि सामर्थ्य, प्रेम तथा आत्मसंयम का मनोभाव प्रदान किया।” (2 तिमथी 1:7)

पवित्र आत्मा ने मुझे जो साहस दिया है, उसके स्थान पर यदि मैं भय को चुनी होती, तो मैं उस भविष्य को नष्ट कर देती जिसकी योजना परमेश्वर ने मेरे लिए बनाई थी। मेरे लिए पति के रूप में ईश्वर के मन में जो व्यक्ति था, मैं शायद उस आदमी से शादी नहीं कर पाती। मेरे पास मेरी बच्ची नहीं होती या हमारा पहला बेटा स्वर्ग में नहीं होता। मेरे पास वह जीवन नहीं होता जिसे मैं अभी जी रही हूं।

डर सड़ा हुआ है। डर विचलित करने वाला है। डर झूठ बोलता है। डर चोर है। परमेश्वर ने हमें डर की आत्मा नहीं दी है।

मैं आपको अपने जीवन के लिए एक स्वस्थ दिमाग और पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के साथ साहसपूर्वक, और प्रेमपूर्वक बहादुरी का मार्ग चुनने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। आत्मा की प्रेरणाओं को सुनने की क्षमता बढावें और भीरुता को दूर करें। भीरुता प्रभु का नहीं है। निष्क्रिय रूप से अपने जीवन को अपने पास से गुजरते देखते हुए, कायरता की भावना के साथ यात्रा न करें। इसके बजाय, सामर्थ्य, प्रेम और आत्म-संयम के मनोभाव लेकर, पवित्र आत्मा के साथ एक सक्रिय भागीदार बनें। साहसिक बनें। बहादुर बनें। वह जीवन जिएं जिसकी योजना ईश्वर ने आपके लिए, सिर्फ अकेले आपके लिए बनाई है।

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Jackie Perry

Jackie Perry is a wife, mother, and inspiring writer. Her Catholic faith ignites her desire to share her journey of life on her blog jackieperrywrites.com *The article, ‘Do You Trust?’ appeared in the September/October 2020 issue of Shalom Tidings magazine. Scan now to read. (shalomtidings.org/do-you-trust)

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