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मार्च 23, 2023 291 0 Margaret Fitzsimmons
Encounter

आप अमूल्य हैं

सालों तक मार्गरेट फिट्ज़सिमोंस ने गहरे दर्द और शर्म को सहा। एक दिन उन्होंने उन चार शब्दों को सुना उन चार शब्दों ने उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी …

टूटा हुआ बचपन

मैं ने 1945 में दुनिया में जन्म लिया था, जब युद्धग्रस्त जर्मनी के बुनियादी ढांचे क्षतिग्रस्त हो चुके थे और देश लाखों विस्थापित लोगों से जूझ रहा था। मेरे कोई पिता नहीं थे, इसलिए मेरी मां ने मुझे पालने के लिए अकेले ही संघर्ष किया। मेरी माँ अलग अलग संबंधो की एक श्रृंखला से गुजर रही थी। घर के किराए का भुगतान करने के लिए, वह बहुत सारे अतितिक्त काम करती थी, जैसे जिस इमारत में हम रहते थे, उसकी सीढ़ियों पर झाडू लगाती थी, और मैं वहाँ कूड़ेदान को खाली करने में उनकी मदद करने की कोशिश करती थी।

मेरी माँ के दोस्तों में, एक मेरे पसंदीदा छद्म पिता थे, एक पुलिसकर्मी, एक अच्छे इंसान। मेरी माँ ने उनसे समबन्ध बनाकर गर्भधारण किया, लेकिन माँ उस बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती थी, इसलिए उसका गर्भपात हो गया, फिर माँ ने उस पुलिस कर्मी के साथ रिश्ते को छोड़ दिया और होटलों में काम करना शुरू कर दिया। जब माँ नीचे काम कर रही थी और ग्राहकों के साथ शराब पी रही थी, तब मैं आमतौर पर होटल के छत के बेडरूम में अकेली रहती थी। नशा करने के बाद मेरी माँ चिड़चिड़ी हो जाती थी और घर आने पर बिना किसी कारण के मेरे ऊपर गुस्सा करने लगती थी। वह हमेशा मेरे लिए काम की एक लंबी सूची छोड़ जाती थी, लेकिन मैं उसे कभी संतुष्ट नहीं कर पाती थी। हालात बिगड़ गए और एक रात माँ उस पुलिसकर्मी की नई प्रेमिका से लड़ने लगी। उस लड़ाई के चलते माँ जेल में बंद हो गई।

बद से बदतर

मां का छोटा भाई ऑस्ट्रेलिया चले गए, उस के बाद, मेरे नानाजी ने सोचा कि अगर मेरी माँ और मामा एक ही देश में होते तो अच्छा होता। इसलिए, हम 1957 में उनके साथ ऑस्ट्रेलिया चले गए और कुछ समय उनके साथ रहे। माँ को एक जगह रसोइया का काम मिल गया, और मैंने सारे थाली बर्तन धोए। जब कभी वह मुझे काम पर कम ध्यान देते हुए पकडती, तो वह बार्बेक्यू का कांटा या जो कुछ उसके हाथ में रहता, वे सब मेरे ऊपर फेंक देती थी। चूँकि मैं केवल बारह वर्ष की थी और अक्सर गलतियाँ करती थी, इसलिए मेरे पूरे शरीर पर चोट के निशान बन गए। जब वह नशे की हालत में थी, तो यह और भी बुरी हो जाती थी। मुझे उससे नफरत होने लगी।

हम तब तक एक बोर्डिंग हाउस में रह रहे थे, और माँ की मुलाक़ात बहुत से नए लोगों से हुई थी, जो ग्रामीण इलाकों में गाड़ी चलाना और पेड़ों के नीचे बैठकर शराब पीना पसंद करते थे। मैं तब तक लगभग तेरह साल की हो गयी थी, इसलिए वह मुझे घर पर नहीं छोड़ती थी| वह मुझे अपने साथ ले जाती थी, लेकिन वह अपने दोस्तों के साथ झाड़ी में चली जाती थी; और जो भी आसपास होते थे, मुझे उनके पास बिठा देती थी। ऐसी ही एक रात को, मेरे साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, लेकिन माँ से कुछ भी कहने से मैं डर रही थी।

एक और रात, हाईवे पर ड्राइव करते समय, एक कार हमें ओवरटेक करती रही और अंत में वे हमें रोकने में  कामयाब हुए। यह रात को गश्त करनेवाली पुलिस थी। वे हमें पुलिस स्टेशन ले गए और हमें अलग-अलग कमरों में बिठाकर पूछताछ की। जब उन्हें पता चला कि मेरे साथ दुष्कर्म हुआ है, तो एक डॉक्टर मेरी जांच करने आये। उन्होंने एक या दो दिन बाद मां को कचहरी में हाजिर होने का समन दिया। लेकिन जैसे ही हम घर पहुंचे, माँ ने पैकिंग शुरू कर दी और हम दोनों अगली ट्रेन से शहर से बाहर निकल गयीं। हम एक छोटे से कस्बे में पहुँचे, जहाँ उसे रसोइया के रूप में दूसरी नौकरी मिली, और मुझे एक घर की नौकरानी के रूप में रखा गया। वहां का जीवन एक कठिन दौर था, लेकिन मैंने जीना सीख लिया।

उम्मीद के लिए बेताब

माँ ने विल्सन नामक एक आदमी के साथ संबंध बनाया और हम उस आदमी के साथ टली नामक जगह में रहने चले गए। अपनी पहली पत्नी की मृत्यु के बाद वह एक पागलखाने में भर्ती था। माँ ने जल्द ही उसे भ्रष्ट कर दिया, और वे नशे में लिप्त होकर आपस में लड़ने लगे। मुझे उनकी लड़ाई के बीच में रहना पसंद नहीं था। जब माँ गर्भवती हुई, तो उसने कहा, “चलो विल्सन की कार लेते हैं और सिडनी जाते हैं, और एक नया जीवन शुरू करते हैं। मैं वास्तव में फिर से न शादी करना चाहती हूँ न इस बच्चे को पैदा करना चाहती हूँ।“ मैंने भयावह अनुभव किया। मैं अकेली रहती हुई थक चुकी थी और वर्षों से एक भाई या बहन की चाह रखती थी। तो, मैंने जाकर विल्सन को बताया। जब उन्होंने मेरी मां को चुनौती दी, उसके बाद उन दोनों ने एक दुसरे से शादी कर ली, लेकिन माँ ने मुझे इन सब के लिए जिम्मेदार ठहराया। उसने मुझसे कहा कि “तुम्हें बच्ची की देखभाल करनी होगी, क्योंकि मैं इस बच्ची को नहीं चाहती थी।“ इसके बाद मेरी छोटी बहन ही मेरी दुनिया थी, हाँ टॉम से मिलने के बाद सब कुछ बदल गया।

लड़ाई-झगड़ों से मैं ऊब गयी थी और टॉम ने वादा किया था कि जब मैं सयानी हो जाऊंगी तब वह मुझसे शादी कर लेगा, इसलिए मैंने घर छोड़ दिया। मैंने सोचा कि इसके बाद जीवन शानदार होगा, लेकिन ऐसा नहीं था। टॉम की माँ प्यारी थी। उसने वास्तव में मेरी देखभाल करने की कोशिश की, लेकिन टॉम नशे में धुत हो जाता, फिर घर आकर मुझे गाली देता, मेरे साथ दुर्व्यवहार करता था। वह शराब पीता रहता था और एक नौकरी के बाद दूसरी नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता था, इसलिए हम लगातार एक जगह से दूसरी जगह बदलते रहे। हमने शादी कर ली, और मुझे उम्मीद थी कि वह अपनी बुरी आदतें छोड़ देगा और मेरे साथ बेहतर व्यवहार करना शुरू कर देगा, लेकिन वह मुझे पीटता रहा और दूसरी लड़कियों के साथ अय्याशी करता रहा। मुझे इस दलदल से बचना था, इसलिए मैं वहां से भाग निकली और ब्रिसबेन चली गयी जहां मुझे बर्तन धोने का काम मिला।

एक रात काम के बाद देर रात मैं बस से उतरी और देखा कि सड़क के उस पार कोई खड़ा है। मुझे पता था कि यह टॉम था। हालाँकि मैं घबरा गयी थी, कहीं वह कुछ बेवकूफी करने की कोशिश न करें ऐसा सोचकर मैं रोशनी में ही रही। उसने मेरा पीछा किया, लेकिन मैंने उससे कहा कि मैं वापस नहीं जाऊंगी और उससे तलाक चाहती हूं।

एक नई शुरुआत

जब मैं घर पहुंची, मैंने अपना बैग पैक किया, सिडनी के लिए ट्रेन पकड़ी, और उसके बाद शहर से बाहर बस में सवार हो गयी। महीनों तक, मुझे बुरे सपने आते रहे कि वह मेरा पीछा कर रहा है। मैं ने कमर कस लिया और एक अस्पताल में घरेलू कामगार के रूप में नौकरी करने लगी। यहाँ मैंने नए दोस्त बनाए। एक और जवान लड़की थी, जिसकी अंग्रेजी कमजोर थी, जो काफी हद तक मेरे जैसी थी। हमारी आपस में अच्छी पटती थी और हमने अपना नर्सिंग प्रशिक्षण एक साथ शुरू किया, फिर प्रशिक्षण के बाद एक अस्पताल में हमने काम किया।

वह एक लड़के को जानती थी जो सेना में राष्ट्रके लिए सेवा दे रहा था। जब उस लड़के ने उसे एक नृत्य के कार्यक्रम लिए आमंत्रित किया, तो मेरी दोस्त ने मेरे लिए भी टिकट ली ताकि हम दोनों साथ जा सकें। नाच के कार्यक्रम में मुझे रुची नहीं थी, लेकिन यह बाहर निकलने का एक अच्छा मौका था। भोजन परोसने वाले सेना के कैटरर्स में से एक ने मुझ पर ध्यान देना शुरू किया। मुझे लगा कि यही बेहतर है, इसलिए हम दोनों ने कुछ डांस किए और उसके बाद हम दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। हम एक-दूसरे से मिलते रहे, लेकिन कुछ हफ्तों के बाद पीटर ने मुझे बताया कि उसे एविएशन कोर्स करने के लिए भेजा जा रहा है। मुझे बहुत निराशा हुई।

हम दोनों ने अपने जीवन की कहानियाँ एक दुसरे को सुनायी थीं, इसलिए वह जानता था कि मेरे साथ क्या चल रहा है, लेकिन उसने मुझे छोड़ा नहीं और मेरे संपर्क में रहा। जितना अधिक मैं उसे जानती थी, उतना ही मैं उसे पसंद करती थी। लेकिन मैं पहली शादी की आपदा के बाद दोबारा शादी नहीं करना चाहती थी। आखिरकार, उसने मुझे अपने परिवार से मिलवाया और उसकी ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही हमारी सगाई हो गई। वह टाउन्सविले में तैनात था जहाँ पहले मैं टॉम के साथ रहा करती थी। हालाँकि मैं अतीत की भयावहता से गुजरना नहीं चाहती थी, फिर भी मैं पीटर को ना नहीं कह सकती थी। हम कानूनी रूप से शादी करने में सक्षम होने से पहले लगभग दो साल तक साथ रहे। पीटर कैथलिक बन गया, लेकिन सैन्य प्रशिक्षण की हड़बड़ी में उसने कैथलिक विश्वास में रहना बंद कर दिया, इसलिए हमने अपने घर के ही पिछवाड़े में शादी कर ली।

वे चार शब्द जिनके कारण सब कुछ बदल गया

कभी-कभी मैं अकेली होती थी क्योंकि पीटर अक्सर मैदान में हेलीकॉप्टर की सर्विसिंग के लिए बाहर रहता था। मुझे एक हाई स्कूल में लैब असिस्टेंट की नौकरी मिल गई, लेकिन हमें एहसास हुआ कि हमारे जीवन में कुछ कमी है। हमारे पास सब कुछ था, फिर भी एक खालीपन था। तब पीटर ने सुझाव दिया, “चलो चर्च चलते हैं।” शुरुवाती दौर में हम दोनों चर्च में पीछे के बेंच में बैठते थे, लेकिन जैसे ही प्रभु की उपस्थिति के लिए हमारे हृदय खुल गए, हम और अधिक जुड़ गए। हमने सप्ताह के अंत में होनेवाले वैवाहिक जीवन प्रशिक्षण के बारे में सुना और साइन अप किया। यह हम दोनों के लिए एक वास्तविक आंख खोलने वाला था। हमारे हृदय द्रवित हो उठे।

उस सप्ताह के अंत में हमने सीखा कि मन की बातों को लिखकर कैसे संवाद किया जाए। मैं अपने जीवन में जो महसूस करती थी, उसे शब्दों में बयां नहीं कर पाती थी। मां मुझे हमेशा चुप रहने के लिए कहा करती थी, इसलिए मैंने मुंह न खोलने की शिक्षा ली थी और इस तरह अपनी भावनाओं को साझा करने में असमर्थ हो गई थी।

“ईश्वर कबाड़ नहीं बनाता”, जब मैंने पहली बार ये शब्द सुने, मैं जानती थी कि ये शब्द मेरे लिए ही बने थे। भावुकता की एक लहर मुझ पर हावी हो गई। ‘ईश्वर ने मुझे बनाया है। मैं ठीक हूँ। मैं कबाड़ नहीं हूं।’ उन सभी वर्षों में, मैं अपने आप को हीनभावना से देखती थी, उन सारे भयानक बातों के लिए स्वयं को दोषी ठहरा रही थी – बलात्कार, पियक्कड़ से शादी करना (जब कि मुझे पता होना चाहिए था कि यह शादी ठीक नहीं होगी), फिर तलाक, मेरी मां का दुर्व्यहार …। मैं जीवन में वापस आ रही थी। इसके बाद हर बार जब मैं मिस्सा पूजा या प्रार्थना सभा में जाती तो मेरा दिल बेहतरी और अच्छाई के लिए बदल रहा था। मैं ईश्वर और अपने पति से बहुत प्यार करती थी।

नफरत के बदले प्यार

इसके पहले, मैंने कभी किसी को माफ नहीं किया था। मैंने अपनी चोटों को पीछे धकेल दिया था और उन पर ताला लगा लिया था मानो कि मुझे कभी चोट लगी ही नहीं। जब पीटर और मेरी सगाई हुई, तो मैं माँ को बताना चाहती थी। मैंने पत्र भेजे, लेकिन उसने उन पत्रों को “प्रेषक को” लौटा दिया, इसलिए मैंने हार मान ली। फिर, मैंने एक बार सपने में अपनी माँ को एक पेड़ से लटकती हुई देखा। उसकी गहरी नीली आंखें खुली हुई थीं और मुझे घूर रही थीं। मैंने उसकी तरफ दयाभाव के साथ देखा और कहा, “हे ईश्वर, मैं उसे नापसंद करती हूं, लेकिन उतना ज़्यादा नहीं।” किसी तरह, उस सपने ने मुझे नफरत न करना सिखाया। यहां तक कि अगर मैं किसी के द्वारा किए गए कार्यों को पूरी तरह से नापसंद करती हूं, तो मुझे लगा कि नफरत करना गलत था। मैंने माँ को पूरी तरह से माफ़ कर दिया, और इस कारण मेरे लिए अनुग्रह के अन्य द्वार खुल गए। मैं नरम हो गयी और फिर से अपनी मां के पास पहुंचने के लिए प्रयास करती रही। आखिरकार उसने जवाब दिया, और हम कुछ दिनों तक माँ के साथ रहे। कुछ वर्षों बाद जब मेरी बहन ने मुझे यह बताने के लिए फोन किया कि माँ की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है, तो मैं फूट-फूट कर रोने लगी।

उसकी मृत्यु के बाद, मुझे लगा कि मैंने माँ को ठीक से माफ़ नहीं किया है, लेकिन एक अच्छे पुरोहित के साथ आत्मिक परामर्श और प्रार्थना के बाद मुझे अपार शांति मिली। जब मैंने क्षमा के शब्द कहे, पवित्र आत्मा का प्रकाश मेरे अस्तित्व में प्रवेश कर गया, और मुझे पता था कि मैंने उसे क्षमा कर दिया है।

टॉम को क्षमा करना कुछ कठिन काम था जिस केलिए मुझे बार बार प्रार्थना में वापस जाना पडा। इसमें काफी समय लग गया, और मुझे एक से अधिक बार जोर से कहना पड़ा कि मैं टॉम को मेरे साथ उसके दुर्व्यवहार केलिए, मेरी ठीक से देखभाल न करने केलिए, क्षमा करती हूं। मुझे पता है कि मैंने उसे माफ कर दिया है। इस प्रक्रिया से यादें दूर नहीं जाती हैं, लेकिन चोट तो दूर हो जाती है।

स्लेट को साफ करना

क्षमा एक बार का कार्य नहीं है। जब भी आक्रोश फिर से उभरे तो हमें क्षमा कर देना चाहिए। निरन्तर द्वेष रखने की इच्छा को हमें त्याग देना चाहिए और उन्हें येशु को सौंप देना चाहिए। इस तरह मैं प्रार्थना करती हूं: “येशु, मैं सब कुछ तुझे सौंप देती हूं, तू ही हर बात का ख्याल रखना।” और वह ख्याल रखता है। बार बार इस प्रार्थना को करने के बाद मैं पूरी तरह से शांति महसूस करती हूं।

मेरे साथ हुए बलात्कार के लिए मजबूती के साथ चंगाई की क्षमा महसूस करने में मुझे काफी समय लगा। मैंने बस इसे टालने की कोशिश की। मैं इसके बारे में सोचना भी नहीं चाहती थी। फिर भी एक बार जब मैंने इसे प्रभु को समर्पित किया तो यह भी ठीक हो गयी और मैं अपने बलात्कारियों को क्षमा कर पाई। अब वह घटना मेरे ऊपर कोई असर नहीं करती है। ईश्वर ने इसे शुद्ध कर मुझे स्वस्थ कर दिया है, क्योंकि मैंने ईश्वर से कहा था कि जो कुछ उसका नहीं है, वह सब मुझसे ले ले।

अब, मैं उन सब बातों को, जैसे वे घटित होती हैं, वैसे ही ईश्वर को सौंप देती हूं, और मुझे शांति मिलती है। हमारे पास एक अद्भुत ईश्वर है, जो हमें क्षमा करता है, सुबह, दोपहर और रात, हर वक्त। हमारे जीवन में चाहे जो भी अंधकार हो, परमेश्वर हमारे पश्चाताप करने और क्षमा मांगने की प्रतीक्षा कर रहा है, ताकि वह हमें शुद्ध कर सके और हमें पूर्ण बना सके।

 

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Margaret Fitzsimmons

Margaret Fitzsimmons lives with her husband in Brisbane, Australia.

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