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जुलाई 27, 2021 1664 0 मेरी थेरेस एमन्स, USA
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दुनिया को चंगा करें

मैं एक बड़े परिवार में पली बढ़ी हूँ| हम दस भाई बहन हैं और व्यवहार में एक दूसरे से काफी अलग|  इसलिए हमारा घर हमेशा शोर शराबे और शरारतों से भरपूर रहा है| लेकिन इस शोरगुल के बीच ढेर सारा प्यार और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास भी रहा है| मुझे अक्सर वे दिन याद आते हैं जब मैं और मेरे भाई-बहन रोज़ कोई ना कोई लड़ाई या किसी ना किसी बात को लेकर माँ को घेर लेते थे और उन्हें बेवजह तंग करते थें|

अक्सर, माँ हमारे इन रोज़मर्रा के लड़ाई-झगड़ों के जवाब में, अपनी शांत आवाज़ में बस येशु के पर्वत प्रवचन को धीमे से दोहरा देती थीं: “धन्य है वे जो शांति स्थापित करते हैं, वे ईश्वर की संतान कहलाएंगे|” उनकी ये बातें सुनते ही हम झगड़ना छोड़ देते थे और एक दूसरे को माफ़ कर आपस में सुलह कर लेते थे| समय के साथ साथ माँ की कही हुई कईं ऐसी ज्ञान भरी बातें अब मेरी अंतरात्मा की आवाज़ बन गई हैं| और ख़ास तौर पर जिन मुश्किल हालातों और उलझी हुई परिस्थितियों में हम इन दिनों जी रहे हैं,  उस में यह आवाज़ और उभरकर मुझे राह दिखाती है|

लेकिन हैरानी की बात यह है, कि यह दुनिया उस माहौल से ज़्यादा अलग नही है, जिस मे मैं पली बढ़ी हूँ| यह दुनिया भी उतनी ही शोर शराबे और उथल पुथल अव्यवस्था से भरी है| लेकिन साथ ही साथ इस में ढेर सारा प्यार और ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास भी है| हालांकि मैं यह समझती हूँ कि इस दुनिया में सबके मिज़ाज, सबकी सोच, सबका चाल-चलन, सबकी ज़रूरतें मेल नही खाती, फिर भी, मेरा मानना है कि सामूहिक रूप से कहीं ना कहीं एक दूसरे के प्रति प्रेम और शांति की भावना है|

मेरे पापा की पसंदीदा प्रार्थना बड़ी ही सहज और सुन्दर प्रार्थना थी | यह संत फ्रांसिस की प्रार्थना है, और समय के साथ इस प्रार्थना का मतलब मेरे जीवन में और भी गहरा होता गया है| हम आजकल जिन हालातों में जी रहे हैं, उनके लिए यह प्रार्थना बहुत मददगार है| यह सिर्फ शांति की प्रार्थना ही नही बल्कि यह एक ऐसी प्रार्थना है जो उस राह को खोजती है जिससे हम शांति फैलाने का माध्यम बन सकते हैं|

यह प्रार्थना हमें दूसरों की सेवा करने केलिए खुद को त्यागने की मांग करती है, और अपनी इस दर्द भरी, घायल दुनिया को चंगा करें| जब भी मैं इस प्रार्थना के हृदय स्पर्शी शब्दों पर मनन-चिंतन करती हूँ, मेरा दिल उन लोगों केलिए करुणा और सांत्वना से भर जाता है जो किसी भी रूप में घायल हैं| और मेरे मन में उन्हें ठीक करने, उन्हें सहारा देने, और उन्हें मानसिक शांति दिलाने की इच्छा जागती है|

सब लोग असीसी के संत फ्रांसिस की प्रार्थना के शब्दों को अपने जीवन का हिस्सा बना लेंगे तो यह दुनिया कितनी अलग, अनोखी और कितनी प्यारी होगी |

 

हे प्रभु, मुझे अपनी शान्ति का माध्यम बना|

जहां घृणा हो, वहाँ मैं प्रेम के बीज बोऊँ

जहां चोट हो, वहां मैं क्षमा का भाव उपजाऊँ

जहां संदेह हो, वहाँ मैं विश्वास ला सकूं

जहां निराशा हो, वहाँ आशा लाऊँ

जहां अंधेरा हो, वहाँ रौशनी फैलाऊँ

जहां दुःख हो, वहाँ ख़ुशियाँ ला सकूं|

हे मेरे स्वर्गीय स्वामी, मेरी मदद कर कि मैं

दिलासा पाने की नहीं, देने की कोशिश करूँ|

समझे जाने की नहीं, समझ पाने की कोशिश करूँ

प्यार पाने की नहीं, प्यार देने की कोशिश में रहूँ

क्योंकि जब हम बांटते हैं, तभी हमें दिया जाता है

जब हम क्षमा करते हैं तभी हमें क्षमा मिलती है

और जब हम मरते हैं तभी हम अनंत जीवन प्राप्त करते हैं|

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मेरी थेरेस एमन्स

मेरी थेरेस एमन्स चार बच्चों की माँ हैं जो अपनी सेवकाई में हमेशा व्यस्त रहती हैं । उन्होंने अपने स्थानीय पल्ली में छोटे बच्चों को कैथलिक धर्मशिक्षा सिखाने में 25 से अधिक वर्ष बिताए हैं। वे अपने परिवार के साथ यू.एस.ए. के मोंटाना में रहती हैं।

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