Home/Engage/Article

अगस्त 20, 2021 1180 0 Connie Beckman, USA
Engage

गुस्से में शुरू होती वह सुबह…

आपका दिन बड़ा खराब बीत रहा है ? तो अब ‘बदबूदार सोच’ से बाहर निकलिए

आज सुबह जब मैं नींद से जागी, तो गुस्सैल थी और अजीब प्रकार की सोच से परेशान थी। आप इस कहावत से परिचित हैं, ‘मैं बिस्तर के गलत बाजू से उठ गया’ – निश्चित रूप से यह कहावत पूरी तरह मुझ पर सही बैठ रहा था। दिन की शुरुआत इस तरह करना निश्चित रूप से अच्छा नहीं था। ऐसा लग रहा था मानो कि मैंने कीड़ों का एक खट्टे और चिपचिपे गुच्छा खा लिया हो। हालाँकि, जैसे ही मैं अपनी रसोई की मेज पर नाश्ता करने के बाद वहीँ बैठकर पवित्र ग्रन्थ का दैनिक पाठ पढ़ रही थी, मैंने बाहर की धूप और प्रकाश को अंदर आने देने के लिए सामने का दरवाजा खोला। फिर यह चमत्कार हुआ! मैंने पक्षियों के अति सुन्दर समूह गायन की शानदार आवाज सुनी। मैं वहाँ आँखें बंद करके बैठ गयी और सुनती जा रही थी, ऐसा लगा कि पक्षी एक और सुन्दर दिन प्राप्त होने पर अपने सृष्टिकर्ता की स्तुति कर रहे थे। “आकाश के पक्षी उनके पास रहते हैं और डालियों में चहचहाते हैं।”  (स्तोत्र 104:12)

यह अनुभव ऐसा था, मानो पवित्र आत्मा ने मेरे हृदय में स्तुति का एक राग उंडेला हो। खुशी-खुशी अपने सृजनहार परमेश्वर की स्तुति कर रहे पक्षियों के समूह के बीच में मेरा गुस्सा गायब हो गया। “आओ, हम आनंद मनाते हुए प्रभु की स्तुति करें, अपने शक्तिशाली त्राणकर्ता का गुणगान करें!” (स्तोत्र 95).

पवित्र आत्मा के इस क्षण ने मुझे यह महसूस करने में मदद की कि बुरे मूड को दूर करने के लिए, मेरी सबसे अच्छी ढाल होगी हमारे ईश्वर की स्तुति गाना करना। मुझे पता नहीं है कि पक्षियों का भी कभी बुरा दिन होता है या वे भी गुस्सैल हो जाते हैं। लेकिन अगर वे ऐसा करते भी हैं, तब भी वे अपने सृजनहार की स्तुति गाते ही हैं। येशु हमें बताते हैं: “आकाश के पक्षियों को देखो: वे न तो बोते हैं, न लुनते हैं, और न बखारों में जमा करते हैं, फिर भी तुम्हारा स्वर्गिक पिता उन्हें खिलाता है। क्या तुम उनसे बढ़कर नहीं हो ?”

मैंने यह कहते सुना है कि बदबूदार सोच को रोकने का तरीका तीन सकारात्मक विचारों से उसका मुकाबला करना है। मैं स्तोत्र भजनों को पढ़ती रहूँ और मुझे प्राप्त सभी आशीर्वादों केलिए तथा मुझे, मेरे परिवार तथा दोस्तों को मिली प्रभु की प्रेमपूर्ण देखभाल के लिए उसे धन्यवाद देना अपने आप को नकारात्मक दृष्टिकोण से बाहर निकालने के लिए एक निश्चित उपाय है।

कभी-कभी मैं अपनी बदबूदार सोच वाली दुनिया में कुछ समय के लिए अपनी हताशा, उदासी और अवसाद के साथ रहना चाहती हूँ। लेकिन पवित्र आत्मा मुझे अपनी छत्त पर बैठने, अपनी आँखें बंद करने और पक्षियों के सामूहिक अति मधुर संगीत को सुनने के लिए आमंत्रित करता है। जब मैं ऐसा करती हूं, तो मैं मसीह के प्रकाश में सांस लेती हूं,  मैं अपनी उदासी को धन्यवाद के और स्तुति के आनंदमय मनोवृत्ति में बदल देती हूं।

मधुर गीत-संगीत गाने वाले पक्षियों और प्रकृति की सुन्दरता का बखान करनेवाले जंगली फूलों के माध्यम से मुझे येशु यह दिखा रहे हैं कि मैं भी आनन्दित रह सकती हूं और अपने सृजनहार की स्तुति में गीत गा सकती हूँ,  इस केलिए हे येशु तुझे धन्यवाद। “पृथ्वी पर फूल खिलने लगे हैं। गीत गाने का समय आ गया है, और हमारे देश में कपोत की कूजन सुनाई दे रही है।” (सुलैमान का सर्वश्रेष्ठ गीत 2:12)

Share:

Connie Beckman

Connie Beckman is a member of the Catholic Writer’s Guild. She desires to encourage Catholic spiritual growth by sharing the truths of the Catholic faith. Beckman shares her joy and love of God through her writings.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel