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जुलाई 27, 2021 1268 0 Shalom Tidings
Encounter

कभी अकेला नहीं

अकेलेपन की सबसे बड़ी मारक प्रतिरोधक औषधि क्या है?

वह एक साधारण रविवार की शाम थी। मैं छात्रावास में रहती थी। सप्ताह का अंत होने के कारण मेरे ज्यादातर दोस्त घर गए हुए थे। दिन के सारे काम और पढ़ाई खत्म करने के बाद, मैं पास के कॉन्वेंट के छोटे प्रार्थनालय में शाम की मिस्सा पूजा में भाग लेने के लिए तैयार हो गयी। जैसे ही मैं प्रार्थनालय की ओर बढ़ रही थी,  वैसे ही अकेलापन की एक भारी भावना ने  मुझे अपने गिरफ्त में ले ली। मैं अपने परिवार से मीलों दूर थी, इस तथ्य के अलावा, कोई और बात मेरे ऊपर बोझ डाल रही थी, लेकिन मैं उस की पहचान नहीं कर पा रही थी। अकेलापन मेरे लिए कोई नई बात नहीं थी। मैंने कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रावास में पहले ही 6 साल से अधिक समय बिताया था।  दूसरे देश में काम कर रहे मेरे माता पिता से मैं सेमेस्टर ब्रेक के दौरान ही मिल पाती थी।

जब मैं प्रार्थनालय पहुँची, तो मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि वह असामान्य रूप से लोगों से भरा हुआ था। हालांकि, मैं सामने की पंक्ति में अपने लिए थोड़ी जगह खोजने में कामयाब रही और बैठ गयी, फिर भी मैं अपने विचारों में तल्लीन रही। मिस्सा पूजा आगे बढ़ती रही, लेकिन मैं प्रार्थनाओं पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ थी। जैसे-जैसे पवित्र संस्कार ग्रहण करने का समय नजदीक आया, मेरे अंदर का दर्द बढ़ चुका था। मैं पवित्र संस्कार लेनेवालों की पंक्ति में शामिल हो गई और येशु को प्राप्त करने के बाद, वापस आकर धन्यवाद देने के लिए घुटने टेक लिया।

अगले ही पल मुझे एहसास हुआ कि अकेलापन और उदासी की तीव्र भावना गायब हो गई थी! मानो कि पल में मेरे कंधे से भारी वजन उठा लिया गया हो। मैं इस परिवर्तन पर आश्चर्यचकित थी, क्योंकि मैं महसूस कर रही थी कि मैंने न तो मिस्सा पूजा के दौरान कोई ख़ास प्रार्थना की थी, न ही येशु से इसके बारे में कुछ भी कहा था। लेकिन प्रभु पवित्र वेदी से मुझे देख रहा था। वह जानता था कि मैं संघर्ष कर रही थी और मुझे मदद की ज़रूरत थी।

इस छोटी सी घटना ने मेरे स्मृति पटल में एक गहरा निशान छोड़ा। कई सालों के बाद भी, मुझे याद रहता है कि कैसे प्रभु ने मेरी कोमल परवरिश की थी। मेरे जीवन के सभी कठिन क्षणों के दौरान पवित्र संस्कार में उपस्थित प्रभु मेरी शरणस्थली रहा है। अपनी कृपा और दया के साथ मेरी मदद करने में एक बार भी वह विफल नहीं रहा है। जब हम जीवन के तूफानों से त्रस्त महसूस करते हैं, सही दिशा पाने में अनिश्चितता का अनुभव करते हैं, हमें बस उसकी ओर दौड़ना है। हम में से कुछ लोग मनोवैज्ञानिक सलाहकार के साथ बात करने के लिए बहुत पैसा खर्च करते हैं, लेकिन हम अक्सर यह महसूस नहीं करते हैं कि सबसे बड़ा सलाहकार बिना किसी नियुक्ति के हमारी समस्याओं को सुनने के लिए हमेशा तैयार रहता है!

अकेलापन के लिए ईश्वर की उपस्थिति से बढकर और कोई अधिक मारक औषधि नहीं है। यदि आपको कभी लगता है कि कोई भी आपको नहीं समझ पाता है या आपकी परवाह नहीं करता है, तो पूर्ण आत्मविश्वास के साथ पवित्र संस्कार के सम्मुख चलें। हमारे प्रभु येशु आपकी प्रतीक्षा कर रहां है, ताकि आप उनसे आराम, शक्ति और अत्यधिक प्रेम का अनुभव कर सकें!

“जब आप पवित्र संस्कार में यीशु के साथ समय बिताते हैं तो वह पृथ्वी पर आपके द्वारा बिताये गए सबसे अच्छा समय होता है।” – कोलकत्ता की संत तेरेसा

 पवित्र संस्कार में वास्तविक रूप में मौजूद मेरे प्यारे येशु, भविष्य के बारे में मेरी सभी चिंताओं को तेरे चरणों में अर्पित करने में मेरी मदद कर। तुझ पर मेरा पूरा भरोसा है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि तेरे लिए कुछ भी असंभव नहीं है। अपने  अत्यधिक प्यार से मुझे सांत्वना दे और मुझे मजबूत कर। आमेन।

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