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अगस्त 18, 2021 1626 0 Elizabeth Livingston
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जब आपका विश्वास तर्कसंगत नहीं है

क्या आप की पीड़ाओं से आशीर्वाद मिल सकता है?

हाल ही में मेरे पति और मुझे हमारे छह साल के बेटे अशर के स्कूल में जाना पड़ा। मेरे बेटे की एकाग्रता की कमी और पढ़ाई से सम्बंधित अन्य मुद्दों का आंकलन करने के लिए स्कूल के अधिकारियों के साथ एक बैठक के लिए हम लोग बुलाये गए थे। आंकलन दो घंटे से अधिक देर तक चला और इसमें मेरे और मेरे पति के लिए अलग-अलग परामर्श और सवाल-जवाब के सत्र शामिल थे। अशर की चुनौतियों को समझने और उसकी गतिविधियों में सुधार लाने और उसके बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करने के लिए हमें इस मूल्यांकन की बड़ी आवश्यकता थी।

मैं अपनी बेटी को गोद में लिए मूल्यांकन कक्ष में बैठी थी और मेरा बेटा खिलौनों से भरे दूसरे कमरे में खेल रहा था। मूल्यांकनकर्ता एक लम्बी प्रश्नावली साथ लाई थी और वे मुझसे प्रश्न पूछने लगी। उन्होंने मेरे परिवार का इतिहास, गर्भावस्था की जटिलताओं, चिकित्सा, घर की चुनौतियों, घर और स्कूल में आशेर की गतिविधियों, उसकी विभिन्न मुसीबतों, परिवार का समर्थन आदि के बारे में पूछा। उन्होंने मेरे सभी जवाबों को अपने नोटबुक में दर्ज किया।

प्रश्नावली को पूरा करने के बाद, शायद मेरी भावनात्मक स्थिति की गहराई की एक झलक पाने के कारण, उस काउंसलर ने कहा कि वे मुझसे एक बहुत ही व्यक्तिगत सवाल पूछना चाहती है – “आप कैसे भावनात्मक रूप से इन सारी चुनौतियों से मुकाबला कर रहीं हैं? आपकी ताकत का स्रोत क्या है?” मैंने कहा कि मुझे ईश्वर पर विश्वास है और मुझे भरोसा है कि वह मुझे हर दिन का सामना करने की शक्ति देता है।

मुझे नहीं पता था कि मेरी ताकत का यह रहस्य उस काउंसलर के लिए कितना मायने रखता है। मेरे बारे में वह जितना जानती थी बस यही कि मेरी ज़िंदगी   पूरी तरह से गड़बड़ थी: १. अपनी गोद में एक चार साल की बेटी को पकड़ी हुई,  जो लगभग एक निष्क्रिय और नीरस अवस्था में है; २. एक और संतान जो खुद को एक ऐसी दुनिया में उपयुक्त पाने के लिए संघर्ष कर रहा है, जो  उस दुनिया की उम्मीदों के मुताबिक़ कार्य  नहीं कर पाता है; ३. और मैं थकी-हारी और टूटी हुई एक माँ जो  मूल्यांकन कक्ष में इस उम्मीद से बैठी हुई हूँ कि वे मेरे बेटे की खामियों को नहीं बल्कि उसकी विशिष्टता को खोज निकालें और मुझे एक अच्छे  अभिभावक होने के कुछ उपयोगी नुस्खे बताएँगे।

लेकिन मुझे बड़ा आश्चर्य तब हुआ जब उस काउंसलर ने मुस्कराते हुए अपना सिर हिलाया और मेरी ताकत के स्रोत ईश्वर होने की बात पर उन्होंने आंसू भरी आँखों से मेरे साथ सहमति जताई।

मैं सोचती थी कि येशु में अपने विश्वास की गवाही देने में मेरा जटिल और टूटा जीवन मुझे अयोग्य बना देगा। लेकिन मैंने पाया कि मेरी टूटी ज़िंदगी के द्वारा अपने विश्वास को साझा करने से मेरे जीवन में ख्रीस्त की शक्ति प्रकट होती है, जैसा कि संत पौलुस ने ठीक ही कहा है: हमारी दुर्बलता में उसका सामर्थ्य पूर्ण रूप से प्रकट होता है (2 कुरिं 12: 8)।

आमतौर पर, हम अपनी ताकत और सफलताओं के माध्यम से ईश्वर को महिमान्वित करना चाहते हैं और इसलिए हम गवाही देने से पूर्व उस वक्त की प्रतीक्षा करते हैं जब हमारे जीवन में सब कुछ सुचारू रूप से चल रहा हो। लेकिन परमेश्‍वर भी अपनी महिमा के लिए हमारी टूटी ज़िन्दगी का उपयोग करना चाहता है। वह चाहता है कि हम अपने विश्वास को अपनी परीक्षाओं के बीचो-बीच में साझा करें।

अपनी पुस्तक “द पर्पस ड्रिवेन लाइफ” में लेखक रिक वॉरेन ने मुझे बहुत सुकून देनेवाले इन शब्दों को लिखा है: “आपकी कमजोरियाँ कोई अप्रत्याशित संयोग नहीं हैं। आपके माध्यम से परमेश्वर की शक्ति का प्रदर्शन करने के उद्देश्य से उसने जानबूझकर आपके जीवन में इन कमजोरियों को होने की अनुमति दी। आपके जख्मों में दुसरे लोग उपचार पाएंगे। आपका सबसे बड़ा जीवन संदेश और आपका सबसे प्रभावी सेवाकार्य आपकी गहरी चोटों से बाहर निकल आयेगा।”

यदि आप अपने आप को दर्द और अंधेरे के बीच में पाते हैं, तो उन अनुभवों को नष्ट न करें। ईश्वर की महिमा के लिए उनका उपयोग करें। सब कुछ सुधर जाने की प्रतीक्षा न करें या “देखो कैसे मैं ने इस पर जीत पाई है!” ऐसा कहने की नौबत का इंतज़ार न करें। परमेश्वर आपकी अव्यवस्था और अराजकता के माध्यम से दूसरों की सेवकाई में आपका उपयोग करें, इस पर विचार करें। आप उस परमेश्वर के कन्धों पर अपना सिर रखकर धैर्य और साहस प्राप्त करते हुए आपकी जर्जर स्थिति में उसकी ताकत प्रकट होने दीजिए। जिस चीज को आप अपने विश्वास की गवाही देने में आपको अयोग्य करनेवाली मानते हैं, वह एक ऐसी चीज हो सकती है, जो आपकी आस्था को और ईश्वर के प्रेम के प्रति आपकी गवाही को स्पष्ट रूप से बताती है। मुझे उम्मीद है कि मेरा अनुभव आज आपको प्रोत्साहित करेगा।

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Elizabeth Livingston

Elizabeth Livingston एक लेखिका, वक्ता और ब्लॉगर हैं। उनके प्रेरक लेखन के माध्यम से, कई लोगों ने ईश्वर की चंगाई के प्रेम को अनुभव किया है। वे भारत के केरल प्रदेश में अपने पति और दो खूबसूरत बच्चों के साथ रहती है। उनके द्वारा लिखित अन्य लेख पढ़ने के लिए देखें: elizabethlivingston.in/

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