Home/Evangelize/Article

जनवरी 24, 2024 212 0 Rosanne Pappas, USA
Evangelize

आलिंगन जिसकी मुझे ज़रुरत थी

जब संघर्ष और दर्द रहता है, आगे बढ़ने के लिए हमें क्या प्रेरित करता है?

जब डॉक्टर मेरे 11-वर्षीय बेटे की मांसपेशियों की ताकत का परीक्षण कर रही थी, तब वह धैर्यपूर्वक जांच की मेज पर बैठा रहा। पिछले आठ वर्षों में, मैंने उस डॉक्टर को मेरे बेटे की त्वचा की जाँच करती और उसकी मांसपेशियों की ताकत का परीक्षण करती हुई देखा था, और हर बार, मेरे अंदर एक घबराहट पैदा हो जाती थी।

अपनी जांच समाप्त करने के बाद वे पीछे हटी, मेरे बेटे का सामना किया, और धीरे से वे शब्द बोले जिनसे मैं डरती थी: “तुम्हारी मांसपेशियां कमजोरी के लक्षण दिखा रही हैं। मेरा मानना है कि बीमारी फिर से सक्रिय हो गयी है।”

मेरे बेटे ने मेरी तरफ देखा और फिर अपना सिर लटका लिया। मेरा पेट मरोड़ गया। डॉक्टर ने अपना हाथ मेरे बेटे के कंधों पर रख दिया। “यहीं रुको, मैं जानती हूं कि पिछले कुछ वर्ष तुम्हारे लिए बहुत दर्दनाक रहे हैं, लेकिन हम उन पर पहले से कामयाब कर चुके हैं, और हम इस पर फिर से कामयाबी पा सकते हैं।

धीरे-धीरे साँस छोड़ती हुई, मैं अपने आप को स्थिर करने के लिए बगल वाली डेस्क पर झुक गयी। डॉक्टर ने पीछे मुड़कर मेरी ओर देखा. “आप ठीक हैं?”

“हाँ, मेरा बच्चा बड़ी अजीब स्थिति में है, बस इतना ही,” मैंने कहा।

“क्या आप बैठना नहीं चाहती?

एक रंगीन मुस्कान के साथ, मैं बुदबुदायी, “नहीं, मैं ठीक हूँ, धन्यवाद।”

वह वापस मेरे बेटे की ओर मुड़ी. “हम एक नई चिकित्सा आज़माने जा रहे हैं।”

“क्यों? पुरानी चिकित्सा इस केलिए अच्छी थी,” मैंने कहा।

“जी हाँ, अच्छी थी, लेकिन स्टेरॉयड की भारी खुराक शरीर पर कठोर काम करती है।”

मैंने सोचा, जब मैं वास्तव में उत्तर सुनना ही नहीं चाहती थी, तो मैंने प्रश्न क्यों पूछे।

“मुझे लगता है, अब एक अलग इलाज आज़माने का समय आ गया है।”

मेरे बेटे ने दूसरी ओर देखा और उत्सुकता से अपने घुटनों को रगड़ा।

“चिंता न करो, अनावश्यक उत्कंठा से बचने का प्रयास करो। हम इस पर नियंत्रण पा लेंगे।”

“ठीक है,” मेरे बेटे ने कहा।

“उस इलाज में कुछ कमियां हैं, लेकिन जो कमियाँ आएँगी हम उसे पूरा करेंगे।”

मेरा दिल मेरे सीने में धड़क उठा। कमियां?

वह मेरी ओर मुड़ी, “चलिए, खून की जाँच का कुछ काम करवा लें। मैं एक योजना बना लूंगी, और आपको एक सप्ताह में कॉल करूंगी।

एक चिंताजनक सप्ताह के बाद, डॉक्टर ने परीक्षण के परिणामों को बताने केलिए फोन किया। “मेरे संदेह की पुष्टि हो गई है। उसे बुखार हो रहा है, इसलिए हम तुरंत नई दवा शुरू करेंगे। हालाँकि, उसे कुछ कठिन दुष्प्रभावों का अनुभव हो सकता है।”

“दुष्प्रभाव?”

“हाँ।”

जैसे ही उसने संभावित दुष्प्रभाव गिनाए तो घबराहट फैल गई।

क्या मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया जा रहा था, या मैं धीरे-धीरे अपने बेटे को खो रही थी?

उन्होंने कहा, “अगर आपको इनमें से कोई भी दुष्प्रभाव नजर आए तो तुरंत मुझे फोन करें।”

मेरे गालों पर आँसू लुढ़क पड़े।

मैंने यह खबर अपने पति के साथ साझा किया और कहा, “मैं अभी ठीक नहीं हूं। मेरी अथिति ऐसी है मानो एक धागे से लटकी हुई हूं। बच्चे मुझे इस तरह नहीं देख सकते। मुझे ज़ोर से रोने की इच्छा हो रही है ताकि मैं अपने आप को संभाल लूं ।”

उन्होंने मेरे कंधों पर हाथ रखा और मेरी आँखों में देखते हुए कहा, “तुम कांप रही हो, मुझे तुम्हारे साथ चलना चाहिए। मैं नहीं चाहता कि तुम्हें समय से पूर्व प्रसव पीड़ा हो।”

“नहीं, मुझे कुछ नहीं होगा; मैं बिल्कुल ठीक हो जाउंगी. मुझे बस खुद को संभालने की ज़रूरत है।”

“ठीक है। मैंने यहां सब कुछ नियंत्रण में कर लिया है। सब ठीक होने जा रहा है।” 

समर्पण…

प्रार्थनालय की ओर गाड़ी चलाते हुए, मैंने रोती हुई कहा, “मैं अब और अधिक झेल नहों सकती। इतना बहुत काफ़ी है। ईश्वर, मेरी मदद कर! मेरी सहायता कर!”

प्रार्थनालय में अकेली बैठकर, मैं दुःख से येशु को परम पवित्र संस्कार में देखती रही।

“येशु, कृपया, मेहरबानी से …यह सब बंद कर। मेरे बेटे को अब भी यह बीमारी क्यों है? उसे इतनी खतरनाक दवा क्यों लेनी पड़ती है? उसे कष्ट क्यों सहना पड़ता है? यह बहुत कठिन है। कृपया, येशु, कृपया उसकी रक्षा कर।

मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं और येशु के चेहरे की कल्पना की। मैंने एक गहरी साँस ली और मेरे मन और हृदय को उसकी कृपा से भरने की विनती की। जैसे ही मेरे आंसुओं की धार कम हुई, मुझे आर्च बिशप फुल्टन शीन की पुस्तक, ‘लाइफ ऑफ क्राइस्ट’ में येशु के शब्द याद आए। “मैंने ब्रह्मांड का निर्माण किया, मैंने ग्रहों को गति दी, और तारे, चंद्रमा और सूर्य मेरी आज्ञा का पालन करते हैं।” अपने मन में, मैंने उसे यह कहते हुए सुना: “सब कुछ मेरे अधीन है! तुम्हारे बेटे के इलाज का प्रभाव मेरे लिए कोई मुकाबला नहीं है। अपनी चिंताएं मुझ पर छोड़ दो। मुझ पर भरोसा करो।”

क्या ये मेरे विचार थे, या ईश्वर मुझसे बात कर रहे थे? मुझे यकीन नहीं था, लेकिन मुझे पता था कि ये शब्द सच थे; मुझे अपने डर को छोड़ना पड़ा और अपने बेटे की देखभाल के लिए ईश्वर पर भरोसा करना पड़ा। मैंने अपने डर को दूर करने के इरादे से गहरी सांस ली और धीरे-धीरे सांस छोड़ी। “येशु, मैं जानती हूं कि तू हमेशा मेरे साथ है। कृपया अपनी बांहें मेरे चारों ओर लपेट ले और मुझे आराम दे। मैं डर के कारण थककर चकनाचूर हो गयी हूँ।”

आया जवाब ….

अचानक, पीछे से दो बाहें मेरी चारों ओर लिपट गईं। यह मेरा भाई था!

“तुम यहां पर क्या कर रहे हो?” मैंने पूछ लिया।

“मैंने तुम्हें ढूंढते हुए घर पर फोन किया। मुझे लगा कि तुम यहां हो सकती हो. जब मैंने तुम्हारी कार पार्किंग में देखी, तो मैंने सोचा कि मैं अंदर आऊंगा और तुम्हें ढूंढ लूँगा।”

“मैं ईश्वर से प्रार्थना कर रही थी कि वह मुझे अपनी बांहों में भर लें, तभी तुम आये और मुझे गले लगा लिया।”

उसकी आँखें खुली रह गईं। “सच?”

“हाँ, सच में!”

जैसे ही हम पार्किंग स्थल की ओर निकले, मैंने उसे मेरा हालचाल लेने के लिए धन्यवाद दिया। “तुम्हारा आलिंगन मुझे याद दिलाया कि ईश्वर प्रेमपूर्ण कार्यों द्वारा अपनी उपस्थिति प्रकट करता है। यहाँ तक कि जब मैं पीड़ित होती हूँ, तब भी वह देखता है, सुनता है और समझता है। उसकी उपस्थिति यह सब सहने योग्य बनाती है और मुझे उस पर भरोसा करने और उसे लिपट कर रहने में सक्षम बनाती है, इसलिए, आज मेरे लिए उसके प्यार का पात्र बनने के लिए धन्यवाद।

हम गले मिले और मेरी आँखों से आँसू लरझते रहे। ईश्वर की प्रेमपूर्ण उपस्थिति का जबरदस्त अहसास मुझे अंदर तक छू गया।

Share:

Rosanne Pappas

Rosanne Pappas एक कलाकार, लेखिका और वक्ता हैं। पप्पस अपने जीवन में ईश्वर की कृपा की व्यक्तिगत कहानियों को साझा करके दूसरों को प्रेरित करती हैं। 35 से अधिक वर्षों से विवाहित, वह और उसका पति फ्लोरिडा में रहते हैं, और उनकी चार संतानें हैं।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel