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नवम्बर 08, 2024 38 0 जॉन ब्लैंको
Encounter

सलाखें कोई बाधा नहीं हैं

मैंने अपने सबसे अच्छे दोस्त से कहा: “इस टूटी और बिखरी हुई दुनिया में वास्तव में कलीसिया को तुम्हारे जैसे व्यक्ति की ज़रूरत है …” कहीं न कहीं, यह बात उसके दिल को छू गई।

मेरे सबसे अच्छे दोस्त से मेरी पहली मुलाक़ात तीन साल पहले हुई थी। तुरंत हम बहुत करीब नहीं आए, क्योंकि सबसे पहले, डेव को लोगों से घुलने-मिलने में काफ़ी समय लगता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहाँ जेल में लोग बाहर के लोगों की तुलना में बहुत ज़्यादा सतर्क रहते हैं। हालाँकि, समय के साथ, यह सब बदल गया, और डेव तब से मेरा सबसे करीबी सहयोगी बन गया है।

डेव से मिलने के कुछ समय बाद ही, उसे यह स्पष्ट हो गया कि मैं अपने कैथलिक धर्म को लेकर बहुत गंभीर था। कारागार में मेरी कोठरी की दीवार पर क्रूसित येशु की मूर्ती और संतों की तस्वीरें टंगी हुई थीं। मैंने टेलीविज़न पर मिस्सा देखा और उसमें भाग लिया, और ईमानदारी से कहूँ तो, मैंने इस विषय पर कई बार चर्चा की। पहले तो, डेव ने कोई टिप्पणी नहीं की या मेरे धर्म में ज़्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई; वह बस विनम्रता से अपना सिर हिलाकर आगे बढ़ जाता था, लेकिन मेरे अन्दर से मुझे कुछ प्रेरणा मिल रही थी कि मुझे अपनी आस्था को साझा करने और चमत्कारों के बारे में तथा कैथलिक होने के कारण जो शांति मैंने प्राप्त की थी उस के बारे में बताने से नहीं हिचकना चाहिए।

जड़ों की ओर लौटना

जैसे-जैसे समय बीतता गया और मैं डेव के करीब होता गया, वह अपने विश्वास के बारे में थोड़ा और खुलने लगा। उसने मुझे बताया कि वह एक ईसाई है, लेकिन वह वास्तव में वर्षों से किसी प्रार्थना सभा या पूजा में नहीं गया था, आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि वह इतने लंबे समय से कारागार की एक कालकोठरी में बंद था, जेल परिसर में घूमने में असमर्थ था। लेकिन जैसे-जैसे मैंने गहराई से खोजबीन की, मुझे आश्चर्य हुआ कि डेव वास्तव में एक कैथलिक के रूप में बड़ा हुआ था। इतना ही नहीं, बल्कि उसने दीक्षा के सभी तीन संस्कार प्राप्त किए थे! मैंने तुरंत उससे सवाल पूछना शुरू कर दिया और उसके और उसकी आस्था यात्रा के बारे में मैं ने बहुत कुछ सीखा।

मैंने जो कई चीजें खोजीं, उनमें से एक वास्तव में सबसे अलग थी। आज भी डेव को पुराने कैथलिक शूरवीरों से लगाव है। इस वजह से, वह जिस सबसे पसंदीदा गिरजाघर में गया था, वह कैथलिक गिरजाघर था जो आकार में गोल था, शूरवीरों के टेम्पलर गिरजाघरों की याद दिलाता था। ऐसे गिरजाघरों के प्रति डेव के आकर्षण के माध्यम से मैं महसूस कर सकता था कि कलीसिया के प्रति उसमें अभी भी कुछ रुचि थी, भले ही वह बहुत ही छोटी रूचि थी।

हालाँकि, डेव से उसके जड़ों की ओर संभावित वापसी के बारे में बात करना उतना आशाजनक नहीं था। मैं स्पष्ट कर दूँ – वह कभी असभ्य या आक्रामक नहीं था, लेकिन ऐसा लगता था कि उसे संस्कारों की कोई इच्छा नहीं थी। वह अपनी दिनचर्या से संतुष्ट था, और उस में कैथलिक धर्म शामिल नहीं था, और दुर्भाग्य से, स्वयं कलीसिया ने उसे लगभग भुला दिया था।

आशा की एक किरण

जैसे-जैसे महीने बीतते गए, डेव कलीसिया के बारे में छोटे-छोटे सवाल पूछता रहा। कोई बड़ी बात नहीं, बस समय बीतने के साथ-साथ वह थोड़ी और दिलचस्पी दिखाता रहा। बेशक, मैं उसे दबाव महसूस नहीं कराना चाहता था, इसलिए मैंने धैर्यपूर्वक और प्रार्थनापूर्वक उसे कलीसिया में वापस लाने के अपने मिशन को जारी रखा। मैं महसूस कर सकता था कि पहले की तुलना में आशा की एक किरण ज़्यादा थी और मैं कभी-कभी उससे कहता: “तुम जानते हो डेव, इस टूटी हुई दुनिया में कलीसिया को वास्तव में तुम्हारे जैसे किसी व्यक्ति की ज़रूरत है।” वह कभी भी मुझे जवाब नहीं देता था, बस चुपचाप मेरे शब्दों पर विचार करता रहता था, लेकिन डेव अपनी चुप्पी के माध्यम से बहुत कुछ कह रहा था।

कुछ हफ़्ते पहले, कैथलिक उपयाजकों का एक दल हमारी कोठरी में हमसे मिलने आया। वे कैथलिकों के लिए परम प्रसाद और सभी बंदियों के लिए मसीही साहित्य लेकर आए और कोठरी से कोठरी जाकर पूछते रहे कि क्या लोग उनके साथ प्रार्थना करना चाहेंगे। उनके जाने के कुछ समय बाद, डेव मेरी कोठरी में आया और मुझे बताया कि कैसे एक आदमी ने उसे आश्चर्यचकित कर दिया क्योंकि वे एक विशेष गोल आकार के गिरजाघर के बारे में बात कर रहे थे जिस गिरजाघर का वह आदमी सदस्य था। यह वही जगह थी जहाँ डेव बचपन में गया था। उसने बताया कि उस आदमी ने उससे कहा था कि उसे एक दिन वहाँ उससे मिलने की उम्मीद है। डेव ने जो अगली बात बताई वह बहुत ही आश्चर्यजनक थी:

“आप जानते हैं, मैं इसके बारे में सोच रहा था, और मुझे कैथलिक कलिसिया में वापस जाने की बड़ी इच्छा है।” मैं अवाक रह गया। मैं सचमुच तीन साल से इस तरह की रूचि का इंतज़ार कर रहा था, और मुझे पता था कि यह दिन कभी आएगा। मैंने इसके लिए बार-बार प्रार्थना की थी। मुझे नहीं पता था कि डेव से क्या कहना है। एक लंबी चुप्पी के बाद, मैंने उससे पूछा: “क्या आप फिर से परम प्रसाद ग्रहण करने में रुचि रखते हैं?” उसने कहा कि उसे इसमें रूचि है।

खुला दरवाज़ा

15 साल की उम्र में डेव पर एक वयस्क के तौर पर आरोप लगाया गया और उसे आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई। अब वह 48 साल का है। जब वह एक किशोर के तौर पर जेल गया, तो उसने वयस्क अपराधियों की दुनिया में फिट होने की कोशिश की। उसकी कहानी में बहुत हिंसा और खून-खराबा है। उसके रास्ते पर चलने वाले ज़्यादातर लोग अंत में इतने थक जाते हैं कि ऐसा लगता है कि कुछ भी उन्हें वापस नहीं ला सकता, लेकिन अब डेव की दिलचस्पी थी। ईश्वर की स्तुति हो!

पिछले हफ़्ते डेव ने 33 साल में पहली बार परम प्रसाद ग्रहण किया। उसने जेल में कभी भी परम प्रसाद में येशु को प्राप्त नहीं किया था, हालाँकि यह हर समय उपलब्ध था। उसे जेल की व्यवस्था में भुला दिया गया था।

मेलमिलाप के संस्कार को प्राप्त करना असंभव था; इस कारण, वह पहले पाप स्वीकार के लिए नहीं गया, लेकिन परिस्थितिवश उसे संस्कार प्राप्त करने की अनुमति दी गई। वह अधिकतम सुरक्षा वाले कोठरियों के ब्लॉक में है और उसकी सुरक्षा व्यवस्था सबसे मज़बूत है, इसलिए जेल के अधिकारी बंदियों को पुरोहित से आमने-सामने मुलाक़ात करने की अनुमति देने में परेशानी महसूस करते हैं। इसलिए, उसने अपनी अंतरात्मा की पूरी तरह से जांच की और पश्चाताप की प्रार्थना की और पहले अवसर पर पाप स्वीकार करने का मन बनाया।

कभी न भूले जाने वाले

पूरी दुनिया में अनगिनत लोग हैं जिन्हें भुला दिया गया है। आपके अपने समुदाय में ऐसे पुरुष, महिलाएँ और यहाँ तक कि बच्चे भी हैं जिन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत है जो सिर्फ़ दोस्त हो और जो उनके प्यार और उस विश्वास को साझा कर सके जो मसीह ने हमें अपनी कलिस्या में दिया है। आइए हम सुसमाचार फैलाना जारी रखें।

अगर आप कलीसिया और उसके जीवन देने वाले संस्कारों से दूर रहे हैं, तो मेलमिलाप या पाप स्वीकार के संस्कार से शुरू होने वाले उपचार के लिए एक खुला निमंत्रण है। ईश्वर और उनकी कलीसिया के साथ संगति में वापस आने का पहला कदम अपने पापों को स्वीकार करना है, लेकिन याद रखें, जबकि हम निश्चित रूप से ईश्वर के सामने अपने पापों को स्वीकार कर रहे हैं, उससे भी ज़्यादा, ईश्वर इस समय का उपयोग एक बहुत ही खास तरीके से, अपनी क्षमा और प्रेम को हमारे सामने स्वीकार करने के लिए कर रहे हैं। कोई भी चीज़ इतनी बड़ी नहीं है कि उसे माफ़ न किया जा सके, और कोई भी चीज़ इतनी बड़ी नहीं है कि ईश्वर की चंगाई के रास्ते में खड़ी हो; क्षमा और दया के लिए दरवाज़ा हमेशा खुला है।

किसी स्थानीय गिरजाघर से या पल्ली पुरोहित से संपर्क करें और मेलमिलाप के अगले निर्धारित संस्कार में भाग लेने की योजना बनाएं। यदि अन्य लोग भी प्रतीक्षा कर रहे हों तो थोड़ा पहले आना सुनिश्चित करें। आपको खुशी होगी कि आपने यह कदम उठाया है, और स्वर्ग में देवदूत और संत आपकी घर वापसी पर प्रसन्न होंगे।

 

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जॉन ब्लैंको लुइसियाना सुधार विभाग में एक कैदी है। चौदह साल तक नाई के रूप में काम करने के बाद, वे अब सलाखों के पीछे से एक पेशेवर कलाकार और लेखक के रूप में काम करते हैं। उनका पहला उपन्यास, फ्लीस एज़ व्हाइट एज़ स्नो, 2024 के अंत में प्रकाशित होने की उम्मीद है।

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जॉन ब्लैंको

जॉन ब्लैंको लुइसियाना सुधार विभाग में एक कैदी है। चौदह साल तक नाई के रूप में काम करने के बाद, वे अब सलाखों के पीछे से एक पेशेवर कलाकार और लेखक के रूप में काम करते हैं। उनका पहला उपन्यास, फ्लीस एज़ व्हाइट एज़ स्नो, 2024 के अंत में प्रकाशित होने की उम्मीद है।

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