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दिसम्बर 03, 2022 335 0 Teresa Ann Weider, USA
Encounter

मैं गिर गयी हूं लेकिन उठ सकती हूं

परमेश्वर प्रार्थनाओं का उत्तर देता है और कभी-कभी हम ने जिस के होने की संभावना पर सोचा ही नहीं था, परमेश्वर उससे भी बहुत आगे बढ़ता है…

एक लोकप्रिय टेलीविज़न विज्ञापन है जो कई वर्षों तक एक घायल व्यक्ति को चित्रित करते हुए दिखाया गया है, “मेरी मदद करो, मैं गिर गया हूँ और मैं उठ नहीं सकता!” हालांकि वे लोग केवल एक मेडिकल अलर्ट सिस्टम बेचने के लिए प्रचार कर रहे अभिनेता लोग हैं जो किसी आपात स्थिति में मदद की पुकार लगा रहे हैं, हर बार जब मैंने उस विज्ञापन को देखा है तो मैंने सोचा है कि ऐसी हताश-भरे और नाजुक हालत में फँस जाना कितना भयावह होगा। अकेले रहना और गिरने के बाद वापस उठने में असमर्थ होना तनावपूर्ण और भयावह होगा। सौभाग्य से ऐसी कंपनियां और उपकरण हैं जिन पर हम भरोसा कर सकते हैं, ताकि हमारे लिए या खतरे में फंसे हमारे प्रियजनों के लिए सुरक्षा उपाय किए जा सकें।

आवर्ती दुविधा

वह विज्ञापन एक दिन मेरे दिमाग में तब आया जब मैं प्रायश्चित के संस्कार (जिसे मेलमिलाप या पाप स्वीकार के नाम से भी जाना जाता है) प्राप्त करने की तैयारी में अपनी अंतरात्मा की जांच कर रही थी। परमेश्वर की उपस्थिति से मुझे दूर ले जाने वाली अपमानजनक बातों पर चिंतन करने के बाद,  मुझे लगा कि यह निराशाजनक था कि मैं बारम्बार पवित्रता के मार्ग से गिर रही हूँ। मुझे ऐसा लगा कि ऐसे गुनाहों को जिन्हें मैं अक्सर पिछले पाप स्वीकार संस्कारों में कबूल किया करती थी, उन्हें मुझे फिर से कबूल करने की ज़रूरत थी। संत पौलुस उसी दुविधा के साथ अपने संघर्षों के बारे में बात करते हैं। रोमियों के नाम पत्र 7:15-19 में उन्होंने कहा, “मैं अपना ही आचरण नहीं समझता हूँ, क्योंकि मैं जो करना चाहता हूँ, वह नहीं, बल्कि वही करता हूँ जिससे मैं घृणा करता हूँ। यदि मैं वही करता हूँ जो मैं नहीं करना चाहता, तो मैं संहिता से सहमत हूँ और उसे कल्याणकारी समझता हूँ, किन्तु मैं कर्ता नहीं रहा, बल्कि कर्ता है, मुझ में निवास करने वाला पाप। मैं जानता हूँ कि मुझमें, आर्थात मेरे दैहिक स्वभाव में थोड़ी भी भलाई नहीं, क्योंकि भलाई करने की इच्छा तो मुझमे विद्यमान है, किन्तु उसे कार्यान्वित करने की शक्ति नहीं है। मैं जो भलाई चाहता हूँ, वह नहीं कर पाता, बल्कि मैं जो बुराई नहीं चाहता, वही कर डालता हूँ।” यह एक संघर्ष है, जिसका हम सभी अनुभव करते हैं। कैथलिक कलीसिया की धर्म-शिक्षा पाप के प्रति इस अवांछित झुकाव को “कामुकता” के रूप में परिभाषित करती है। विज्ञापन में अभिनेता से जुड़ना आसान था, क्योंकि आध्यात्मिक रूप से मैं गिर गयी थी, और ऐसा लगा कि मैं वापस नहीं उठ सकती। परमेश्वर से दूर जाने से मैं एक हताश, नाजुक स्थिति में पहुँच गयी, जो हमें उसके द्वारा दिए जा रहे कई अनुग्रहों से वंचित स्थिति थी। परमेश्वर के साथ मेरा रिश्ता टूट गया था, और उस पतित अवस्था में रहने का विचार तनावपूर्ण और भयावह था। हालाँकि, येशु मुझसे प्यार करता है। वह दयालु है और उसने अभी भी पाप के अवांछित झुकाव से पीड़ित हम सभी के लिए सुरक्षा उपाय किए हैं। 

अनवरत प्रार्थना 

मेरा परिवार जिस गिरजाघर का हिस्सा था, उस गिरजाघर की ओर से शनिवार की शाम के जागरण मिस्सा बलिदान से एक घंटे पहले पाप स्वीकार के संस्कार का प्रस्ताव रखा गया। मेरे लिए शनिवार को पाप स्वीकार संस्कार में जाना महत्वपूर्ण था क्योंकि मैं ईश्वर के साथ अपने रिश्ते को महत्व देती थी और इसे बहाल करना चाहती थी। मैंने अपने पति से पूछा कि क्या पाप स्वीकार समाप्त होने पर वह मेरे साथ मिस्सा बलिदान में शामिल होंगे। मेरा सौभाग्य था कि वे सहमत हो गए। उनका पालन-पोषण मेथोडिस्ट कलीसिया में हुआ था और 25 से अधिक वर्षों से यह मेरी निरंतर प्रार्थना थी कि ईश्वर उनके दिल में विश्वास की पूर्णता में आने की इच्छा को रखेंगे और उन्हें कैथलिक कलीसिया का सदस्य बनायेंगे। अभी के लिए, मैं ईश्वर के समय की प्रतीक्षा कर रही थी और बस खुश थी कि हम मिस्सा बलिदान में साथ साथ भाग लेंगे। चर्च में भीड़ नहीं थी, इसलिए पहले ही मैं ने पाप स्वीकार करने के लिए पुरोहित के सामने घुटने टेकी थी। पाप स्वीकार करने के लिए नम्रता की आवश्यकता होती है। पाप मुक्ति के आनंद ने मेरे अन्दर नयी ऊर्जा और पुनर्स्फूर्ती महसूस करायी। पुरोहित से प्राप्त प्रायश्चित को करने के बाद, मेरा दिल अब पाप के भार से बोझिल नहीं था। जैसे ही शांति की भावना ने एक बार फिर मेरी आत्मा को घेर लिया, वैसे ही मेरे आस-पास और मेरे अन्दर भी सब कुछ शांत था। बार-बार, मैंने परमेश्वर को उसकी दया के लिए धन्यवाद दिया। मैंने संतोष के साथ आह भरी, “हे ईश्वर, मैं तुझ से कुछ भी मांगकर इस क्षण को खराब नहीं करना चाहती। मैं बस तुझे बार-बार धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं उस एक कोढ़ी की तरह बनना चाहती हूँ जो तुझसे चंगाई पाने के बाद तेरा धन्यवाद करने के लिए वापस आया।” मैं घुटने टेककर प्रभु की पवित्र उपस्थिति में समा गयी और समझ गयी कि अनुग्रह की स्थिति में होने का एहसास कितना अच्छा, धन्य और महान है। येशु ने हमारे रिश्ते को बहाल कर दिया था और हम फिर से एक हो गए थे। हालाँकि, मौन और शांत रहना एक ऐसा गुण है जिसके लिए मुझे बराबर संघर्ष करना पड़ता है। मेरे दिमाग में ईश्वर से सिर्फ एक बात मांगने की तीव्र इच्छा जागृत हुई। “प्रभु, सिर्फ एक चीज मांगती हूँ, बल्कि यह मेरे लिए नहीं है। कृपया मेरे पति के दिल और दिमाग में कैथलिक बनने की इच्छा भर दें। मैं चाहती हूं कि उसे पता चले कि कैथलिक बनना कैसा लगता है।” शांत प्रार्थना में समय जल्दी बीत गया और जब मैं ने आँखें खोली तब देखा कि मेरे पति भी कुछ देर से मेरे बगल में बैठे हुए हैं। मैंने यह कहते हुए सुना है कि जब आप अनुग्रह की स्थिति में प्रार्थना करते हैं, तो आपकी प्रार्थनाएँ परमेश्वर द्वारा स्पष्ट रूप से सुनी जाती हैं। आप उसके इतने करीब हैं कि वह आपके दिल की फुसफुसाहट सुन सकता है। मुझे यकीन नहीं है कि यह वास्तव में ठोस कैथलिक सिद्धांत है या नहीं, लेकिन यह उल्लिखित करता है कि ईश्वर के करीब रहना कितना महत्वपूर्ण है। जब उस शाम को मिस्सा शुरू हुआ, तो पुरोहित ने सभी का स्वागत किया और उन्होंने उस शाम के मिस्सा बलिदान में किसी भी व्यक्तिगत निवेदन को समर्पित करने के लिए एक शांत क्षण का अनुभव करने के लिए कहा। जिस तरह से वे आम तौर पर मिस्सा का आरंभ करते थे, उस दिन वैसा नहीं था, उनका उत्साह अद्भुत था। मैं  उस पल को खोना नहीं चाहती थी, मैंने तुरंत अपने पति के कैथलिक धर्म में आने के लिए प्रार्थना दोहराई। मैंने उस शाम से पहले या बाद में कभी पुरोहित को इस तरह से मिस्सा शुरू करते हुए नहीं सूना था। अंत में, यह एक अच्छा संकेत था कि मेरी प्रार्थना के लिए परमेश्वर का उत्तर निकट था। बाकी मिस्सा के दौरान भी मेरे दिल में यह निवेदन बना रहा, और मुझे ईश्वर और मेरे पति दोनों से बहुत जुड़ाव महसूस हुआ।

चौंकाने वाली खबर

 घर जाते समय, मेरे पति ने अप्रत्याशित रूप से कहा कि उन्हें मुझसे कुछ कहना है। अच्छा हुआ कि वही गाड़ी चला रहे थे, क्योंकि यदि मैं गाडी चलाती, तो उनके शब्द मुझे चौंका दिया होता और गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से लुढ़क जाती। “मैंने फैसला किया है कि मैं हम लोगों के गिरजा घर में वयस्कों के ख्रीस्तीय बप्तिस्मा संस्कार की प्रारम्भिक दीक्षा कार्यक्रम में नामांकन करूं और देखता हूं कि मैं कैथलिक बनना चाहता हूं या नहीं।” स्तब्ध होकर मैंने कुछ नहीं कहा। विचार और भावनाएँ मेरे मन और शरीर में घूम रही थीं। मैंने प्रभु से बस इतना पूछा: “यह क्या हो रहा है प्रभु? क्या मेरी प्रार्थना सुनने के लिए पाप स्वीकार संस्कार ने तेरे साथ मेरे सम्बन्ध को साफ कर दिया था? क्या मिस्सा बलिदान में मेरा व्यक्तिगत निवेदन सुना गया था? इतने सालों के बाद क्या तू सच में मेरी प्रार्थनाओं का जवाब दे रहा है?” अपने आप को पुनः संभालने के बाद, मैंने अपने पति के साथ उनके इस निर्णय के बारे में विस्तार से बात की। हम अपने दाम्पत्य जीवन के दौरान एक साथ मिस्सा बलिदान में शामिल होते थे और मेरे पति के लिए यह महत्वपूर्ण था कि हमारा परिवार एक साथ एक ही गिरजाघर में जाए। वर्षों से, उनके पास कई प्रश्न थे, लेकिन कैथलिक चर्च को अपने परिवार के रूप में प्यार और विश्वास के साथ देखते थे। पवित्र आत्मा ने उन्हें यह समझने के लिए निर्देशित किया कि उस परिवार का हिस्सा बनने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने और सभी संस्कारों और उनके अनुग्रहों में भाग लेने में सक्षम होने का यही सही समय था। प्रारम्भिक दीक्षा कार्यक्रम को पूरा करने के बाद, अंततः अगले पास्का जागरण की रात को, मेरे पति कैथलिक चर्च के सदस्य के रूप में स्वीकार किये गये, जिससे हम दोनों को अपार आनंद हुआ। मेरी प्रार्थना का जो उत्तर पाने के लिए मैं इतने लंबे समय से इंतज़ार कर रही थी, वह उत्तर मुझे सही समय पर देने केलिए ईश्वर का निरंतर धन्यवाद करते हुए, मेरा दिल खुशी से नाच रहा है। 

पिटारे में और अधिक आश्चर्य!

रुकिए, और भी बहुत कुछ है! परमेश्वर जानता था कि मैंने उससे पूछा था कि क्या उसने वास्तव में मेरी प्रार्थनाओं को सुना और उत्तर दिया है। परमेश्वर यह सुनिश्चित करना चाहता था कि मैं निश्चित रूप से जानूं कि उसने मेरी प्रार्थना सुनी है, क्योंकि पिटारे में और अधिक आश्चर्य रखे हुए थे। हमारे दोनों बेटे अपने लिए जीवन संगिनी चुन चुके थे। वे दोनों अद्भुत युवतियां थीं जो अपने प्रोटेस्टेंट विश्वास में प्रभु के साथ-साथ चलते हुए बड़ी हुई थीं। कैथलिक धर्म में उनके आगमन के लिए मेरी प्रार्थनाओं में उन्हें भी नियमित रूप से शामिल किया गया था, हालाँकि उस शाम को मैंने उनके लिए विशेष रूप से प्रार्थना नहीं की थी। उस विशेष मिस्सा बलिदान के एक सप्ताह के भीतर, एक दूसरे से स्वतंत्र, दोनों युवतियों ने मुझ से कहा कि उनका इरादा कैथलिक बनने का है। मैं निश्चित रूप से जानती हूं कि मेरे पति का कैथलिक बनने का निर्णय महज संयोग नहीं था और एक अतिरिक्त बोनस के रूप में, अब मेरी बहू बनने वाली वे अद्भुत युवा महिलाएं भी कैथलिक बनेंगी। प्रभु की स्तुति हो! मैं ईश्वर के मन को जानने का दावा नहीं करती। उन तीनों ने, एक-दूसरे से स्वतंत्र होकर, कैथलिक बनने का फैसला कैसे किया, इस पर भी मैं कोई दावा नहीं कर सकती कि मैं ईश्वर का मन जानती हूँ। यह मेरे लिए चमत्कार है और मैं इसे सिर्फ चमत्कार के रूप में देखकर खुश हूं। ठीक है,… एक और बात। मेरा मानना ​​है कि जब हम ऐसा कुछ कार्य करते हैं जिससे परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते को ठेस पहुँचती है, तो हमें पाप स्वीकार के द्वारा उसके पास जाना चाहिए और उससे कहना चाहिए कि हमें खेद है। मेरा मानना ​​है कि जब हम वास्तव में परमेश्वर के साथ अपने संबंध को ठीक करना चाहते हैं, तो वह हमें आशीष देना चाहता है। मेरा मानना ​​है कि प्रार्थना वास्तव में काम करती है और प्रभु हमें जवाब देना चाहता है। मेरा मानना ​​है कि ईश्वर मुझसे प्यार करता है और उसने मुझे एक बार नहीं, दो बार नहीं, बल्कि उस शनिवार को तीन बार आशीर्वाद दिया, लेकिन वह चाहता था कि मैं यह भी जानूँ कि वह मेरी सभी प्रार्थनाओं को हर समय सुनता है, चाहे मैं किसी भी स्थिति में हो।

मुझे पता था कि मैं गिर गयी थी और, विषय वासना के कारण, मेरे फिर से गिरने की संभावना है। अल्लेलुइया, अच्छी खबर है! जब मैं अपने व्यवहार को नहीं समझ सकती; यहां तक ​​​​कि जब मैं उन अच्छे कामों को करने में असफल हो जाती हूं जो मैं करना चाहती हूं, और उन पापपूर्ण कार्यों को करती हूं जिनसे मैं नफरत करती हूं … तब भी ईश्वर की कृपा से और उसकी क्षमा के माध्यम से, मुझे पता है कि मैं अकेली नहीं हूं, मुझे तनावग्रस्त, भयभीत या गिरे हुए रहने की जरूरत नहीं है। मैं वापस उठ सकती हूँ।

संत पौलुस, हमारे लिए प्रार्थना कर। आमेन।

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Teresa Ann Weider

Teresa Ann Weider ने विभिन्न सेवाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी द्वारा कई वर्षों तक कलीसिया की सेवा की है। वे अमेरिका के कैलिफोर्निया में अपने परिवार के साथ रहती हैं।

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