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जून 03, 2022 640 0 Heidi Hess Saxton, USA
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जब आप नहीं जानते कि प्रार्थना कैसे करें, तब प्रार्थना कैसे करें ?

आगे पढ़ें और आप निश्चित रूप से परमेश्वर के हृदय की कुंजी पाएंगे!

लिस्यू की संत तेरेसा ने एक बार समझाया था कि प्रार्थना “दिल का उछाल” है; यह स्वर्ग की ओर मुड़ी हुई एक सरल दृष्टि है, यह पहचान और प्रेम की पुकार है, जिसमें पीड़ा और आनंद दोनों शामिल हैं।”

उसने मेरे दिल में घोंसला बना लिया

जब मेरे पति और मैं पालक माता-पिता बन गए, हम दोनों, तीन भयभीत, पीड़ित और बेसहारे बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में असहाय महसूस कर रहे थे, और दु:खी होकर अपने आप को इस कार्य के लिए अयोग्य और अशिक्षित या कुशलहीन समझ रहे थे, तभी मैंने एक नए तरीके से “दिल के उछाल” को अपने अन्दर अनुभव किया। वे तीनों बहुत ही प्यारे और सुन्दर बच्चे थे – चार साल की एक लड़की, ढाई साल का उसका भाई, और सिर्फ छः महीने की उनकी छोटी बहन।

जैसे जैसे हमने निद्राविहीन उन पहले कुछ हफ्तों को गुज़ारा, वैसे ही हमने एक तरीका अपनाया, जिसके कारण धीरे-धीरे मेरे लिए अपने ईशशास्त्र के अध्ययन को फिर से चालू करना संभव हो गया, और सप्ताह में एक दो बार, मैं घर से थोड़ी दूर पर स्थित प्रार्थनालय की ओर चली जाती थी और वहां के शांत वातावरण में सुकून पाती थी। फिर भी, मेरे दिमाग में तूफ़ान उठा हुआ करता था। उस समय तक मेरे लिए यह स्पष्ट था कि मेरे सर पर ये तीन बच्चे सवार थे, जिनमें से प्रत्येक अपने पूर्व माता-पिता और बड़े भाई से अलग किये जाने के बाद हमारे साथ जीवन को समायोजित करने के लिए संघर्ष कर रहा था। फिर भी मैं यह भी जानती थी कि अगर मैं उन तीनों की देखभाल करने में असमर्थ थी, तो यह संभावना नहीं थी कि मैं उनमें से किसी को भी रख पाऊंगी – जिसमें वह सुंदर, छोटी, भूरी आंखों वाली बच्ची भी शामिल है, जिसने मेरे दिल में अपना घोंसला बना लिया है।

देर रात, मैं उनके बगल में झूले में बैठ जाती, बच्चों में से किसी एक के साथ झपकी लेती और ईश्वर से पूछती कि वह मुझसे क्या चाहता है। जब तक वे बच्चे हमारे पास लगभग एक वर्ष बिता चुके थे, तब तक यह स्पष्ट नहीं था कि क्या हम उन्हें गोद ले पाएंगे, या वे अपने माता-पिता के पास लौट जाएंगे। (जबकि हमारे जैसे संरक्षक पालकों केलिए बच्चों का उनके अपने मातापिता से पुनर्मिलन कराना ही प्राथमिक लक्ष्य है। दुर्भाग्य से बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे कभी घर नहीं लौट पाते हैं।) इसलिए, मैंने परमेश्वर के हृदय की कुंजी की तलाश की। सेमिनरी के एक प्रोफेसर ने मुझे धन्य चार्ल्स डी फुकॉल्ड द्वारा रचित एक प्रार्थना दी थी। इसे “समर्पण की प्रार्थना” कहते हैं। मुझे यकीन था कि ईश्वर ने मुझे उस विशेष प्रार्थना के द्वारा एक जीवन रेखा दी थी, जिसमें निम्नलिखित पंक्तियाँ थीं जिन्हें मैंने बार-बार दोहराया था।

तू जो कुछ कर सकता है, उसके लिए तुझे धन्यवाद;

मैं सब कुछ के लिए तैयार हूं, मुझे सब कुछ स्वीकार्य है।

मुझ में केवल तेरी ही इच्छा पूरी हो,

और तेरे सभी प्राणियों मे भी,

इससे अधिक मेरी कोई कामना नहीं है प्रभु।

मैंने पाया कि परित्याग की यह मुद्रा मध्यस्थता का एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है – अनिवार्य रूप से यह परमेश्वर के हृदय की कुंजी है। जब हम परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने की अपनी इच्छा को प्रकट करते हैं—और उस इच्छा को पहचानने में हमारी कठिनाइयों को स्वीकार करते हैं — तब परमेश्‍वर हर कदम पर हमारा मार्गदर्शन करेगा। यह एक निष्क्रिय “खुदाई” या आध्यात्मिक गतिरोध नहीं है, बल्कि येशु में एक बच्चे जैसा भरोसा है, जिसे एक महान पुराने गीत में, “सब कुछ अच्छी तरह से करता है”, ऐसे शब्दों में वर्णित किया गया है।

मैं ने देखा है कि सभी विश्वासियों की आत्मिक माँ, मरियम के सन्दर्भ में यह बात विशेष रूप से सही है। एक नए कैथलिक के रूप में, मुझे मरियम के साथ अपने रिश्ते को बढाने में दिलचस्पी नहीं थी, क्योंकि मैंने हमेशा ईश्वर से सीधे प्रार्थना की थी। लेकिन जब मैं अविवाहित थी, कैथलिक धर्म में दृढीकरण संस्कार प्राप्त करने के कुछ ही समय बाद, एक मित्र ने मुझे एक चमत्कारी पदक दिया था और मुझे जब भी अकेलापन महसूस हुआ तब “मरियम को इसके बारे में बताने” के लिए उस मित्र ने प्रोत्साहित किया। मैं हाल ही में नए स्थान पर आयी थी, और नयी जगह, नए दोस्तों की संगति के लिए प्रार्थना कर रही थी, तब जल्द ही मुझे एक अप्रत्याशित तरीके से मेरी प्रार्थनाओं का उत्तर मिला। लगातार तीन सप्ताह, मैंने मरियम से प्रार्थना की, कि वह किसी को मेरे साथ मिस्सा बलिदान में साथ बैठने के लिए भेज दे और लगातार तीन सप्ताह एक नए नए अजनबी लोग मेरे बगल में बैठे, जिनसे मेरी पहचान बनी। उस समय से, मैं मरियम को एक ऐसा व्यक्ति मानने लगी जो मेरी मानवीय जरूरतों और कमजोरियों को समझती है, और जब मेरे पास ईश्वर को अर्पित करने के लिए अपने शब्द नहीं होते हैं, तब वह मेरे लिए प्रार्थना करती है।

सब केलिए तीन प्रार्थनायें

जैसे-जैसे मेरे बच्चे बड़े हो गए (दोनों छोटे बच्चों को गोद लेने में हम सफल हो गए थे, जबकि उनकी बड़ी बहन को दूसरे परिवार ने गोद लिया था) और जैसे वे तीनों ने युवावस्था में प्रवेश किया, मैं ने उनके लिए प्रार्थना करने का तरीका बदला है … लेकिन कभी-कभी मैं किसी विशेष स्थिति के लिए प्रार्थना कैसे करूं ऐसी पशोपेश महसूस करती हूं। जब ऐसा होता है, तो तीन प्रार्थनाएँ होती हैं, जो परमेश्वर के हृदय की कुंजी को बदल सकती हैं। वे तीनों प्रार्थनाएं मेरे दिमाग को साफ करने में मेरी मदद करती हैं, और एक नए तरीके से पवित्र आत्मा को मेरे दिल में आमंत्रित करती हैं:

प्रभु, तुझे धन्यवाद

सबसे बुरे दिनों में भी, ईश्वर हमारे साथ इतने उदार हैं। हमारे लिए और हमारे परिवारों के लिए उनकी उदारता और सुरक्षा को स्वीकार करने पर, हमें सांसारिक बातों और छोटी छोटी क्षुद्र बातों से ऊपर उठने में यह स्वीकृति मदद करती है और परमेश्वर हमें क्या बताना चाहता है, यह सुनने में भी यह स्वीकृति मदद करती है। स्तोत्र ग्रन्थ को खोलने और स्तोत्रकार के साथ प्रार्थना करने से, मेरे दिल पर दबाव डाल रही उन बातों के नाम लेकर बताने में मुझे मदद मिलती है।

प्रभु मुझे क्षमा कर

सबसे अच्छे दिनों में भी, वैसी परिस्थिति की ज़रुरत के अनुसार मैं उतनी कृपापूर्ण व्यवहार नहीं करती जितनी की आवश्यकता होती है। अपनी कमियों को स्वीकार करने से उन लोगों को क्षमा करना आसान हो जाता है, जो हमें परेशान करते हैं या हमें चोट पहुँचाते हैं। मेरी एक दोस्त बुद्धिमानी से “नौ कष्टप्रद बातों की नवरोज़ी” प्रार्थना करती है ताकि उसकी दैनिक झुंझलाहट को मज़बूत विश्वास के अवसरों में बदल दिया जा सके।

प्रभु मेरी मदद कर

ऐसा कहा जाता है कि “ईश्वर योग्य या गुणवान व्यक्ति को नहीं बुलाता, बल्कि बुलाए गए को योग्य और गुणवान बनाता है।” जब परमेश्वर हमसे हमारे विश्वास (या हमारे पालन-पोषण के कौशल) को नए तरीकों से विकसित करने के लिए कहता है, यदि हम इसकी मांग उससे करें, तो इस काम को अच्छी तरह से करने के क्षमता और ज्ञान वह हमें प्रदान करता है। हो सकता है कि हम आगे स्वयं बढ़ने और इसे अपने दम पर संभालने के प्रलोभन में पड़ जाएँ, लेकिन अगर हम प्रत्येक कार्य को परमेश्वर को सौंप दें, तो वह हमें दिखाएगा कि उन सभी कार्यों को प्यार से कैसे संभालना है।

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Heidi Hess Saxton

Heidi Hess Saxton कईं किताबों की लेखिका हैं, जिनमें से कुछ किताबें हैं The Ave Prayer Book for Catholic Mothers (अक्टूबर 2021 में इसे आवे मारिया प्रेस प्रकाशित करेगा), A 40 Day Marriage Adventure (जिसे आप मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं) और A Life on the Road Less Traveled” (जो परित्याग की प्रार्थना पर आधारित प्रार्थना अभ्यास है), जिसे आप उनकी वेबसाइट heidisaxton.com पर जा कर प्राप्त कर सकते हैं।

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