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मार्च 09, 2023 431 0 Graziano Marcheschi, USA
Encounter

क्या परमेश्वर मुझसे प्यार करता है?

वह जीवन को बदलने वाला क्षण तब है जब आपको एहसास होता है कि  ईश्वर आपको में किसी से भी अधिक प्यार करता है …

मैं संभवतः उन सभी अवसरों की गिनती नहीं कर सकता, जब मैंने कितनी बार दूसरों को बताया कि परमेश्वर उनसे प्रेम करता है, और मैंने उन्हें इस पर विश्वास करने की चुनौती भी दी है। हमारे लिए ईश्वर का बेशर्त प्रेम हर कार्यक्रम में एक प्रमुख विषय रहा है, चाहे वह कई वर्षों तक मेरी अगुवाई में आयोजित हर साधना हो, या हर पल्ली-मिशन हो या हर ध्यान दिवस में हो। मैं बहुत से लोगों के सम्मुख, उनके लिए परमेश्वर के प्रेम की वास्तविकता पर, उनके जीवन को दांव पर लगाने के लिए राजी कराने में कामयाब मेहनत की है।

लेकिन जब मेरे अपने जीवन में यह बात आयी, उस सत्य को जो मेरे मूल में प्रवेश करने वाले सत्य की तरह पकड़ लेना, मेरे लिए हमेशा एक मायावी लक्ष्य था। मैं चाहता था कि यह विश्वास मेरी सांसों की तरह स्वत: हो जाए, लेकिन यह मानना ​​कि ईश्वर मुझसे प्यार करता है, यह कुछ ऐसी बात थी, जिसे मैंने अपने दिमाग में समझा, लेकिन शायद ही कभी अपने दिल में महसूस किया हो।

और फिर मेरी मुलाकात माया एंजेलो से हुई। पहले से ही वे राष्ट्रीय स्तर पर अपने लेखन और कविता के लिए जानी जाती थीं; गायिका, नर्तकी, अभिनेत्री और ओपरा विन्फ्रे की अच्छी दोस्त होने के कारण भी वे विख्यात थीं। जब उन्होंने राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के पहले उद्घाटन पर एक कविता लिखी और उसका पाठ किया तो उनका नाम सब केलिए सुपरिचित हो गया। अगले वर्ष, वे वार्षिक लॉस एंजिल्स धार्मिक शिक्षा कांग्रेस में मुख्य वक्ता थीं – यह संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ा कैथलिक आयोजन है, जिसमें एक लंबे सप्ताहांत के दौरान पच्चीस हजार वयस्कों और किशोरों को शामिल किया जाता है। मेरी पत्नी नैन्सी और मैं भी वक्ताओं की सूचि में थे और माया के मुख्य भाषण के समापन पर, नैन्सी को नृत्य के लिए आमंत्रित किया गया, जब माया ने अपनी कविता सुनाई।

उनका मुख्य प्रबोधन चौंकाने वाला था। वे बड़ी शिद्दत से बोलीं। उन्होंने कविता पाठ किया। उन्होंने गाया। और उन्होंने हॉल में उपस्थित सभी को प्रेरणा और ऊर्जा से भर दिया – हम सभी छह हजार लोग थे। उनके परिचय में दिये गए किस्से से मैं प्रभावित हुआ। वह किस्सा इस प्रकार है: जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा, “आपके जीवन का वह कौन सा क्षण है जो आपके अंदर बदलाव लाया?” माया ने तुरंत उत्तर दिया, “क्यों, यह आसान है। यह वह क्षण था जब मुझे एहसास हुआ था कि ईश्वर वास्तव में मुझसे प्यार करता है।

जब प्रवचन और नृत्य समाप्त हो गया, तो मैंने नैन्सी को बधाई दी और सुझाव दिया कि हम वक्ताओं के लाउंज में जाएँ। “यदि माया वहां हैं, तो मैं उनका ऑटोग्राफ माँगने जा रहा हूँ।” आम तौर पर भीड़भाड़ से भरा रहनेवाले कमरे को हमने खाली पाया तो मुझे बड़ी ख़ुशी हुई; सिवाए वे सिस्टर जिन्होंने माया के प्रवचन के पहले उनका परिचय और स्वागत किया था और स्वयं माया एंजेलो के अलावा और कोई नहीं थे। हमने बैठकर बातें कीं, लेकिन जल्द ही सिस्टर को जाना पड़ा।  उन्होंने अपने बैग से नोटबुक और कलम निकाल कर माया को सौंपते हुए कहा, “”मेरे जाने से पहले, क्या आप मुझे अपना ऑटोग्राफ देंगी?” माया ने जवाब दिया, “ओह मेरी प्यारी सिस्टर, मैं ऑटोग्राफ नहीं देती!” सिस्टर के निकल जाने के बाद टेबल पर हम तीनों ही बचे थे।

मैं तुरंत माया की ओर मुड़ा और कबूल किया कि मैंने भी उनसे ऑटोग्राफ मांगने की योजना बनाई थी। मैंने कहा, “लेकिन मुझे अब एहसास हुआ है कि मुझे वास्तव में आपका ऑटोग्राफ नहीं चाहिए, मुझे कुछ और चाहिए।

“वह क्या है?” उन्होंने पूछा।

“मैं आपका हाथ पकड़ना चाहता हूं,” मैंने कहा।

“क्यों, मुझे वह अच्छा लगेगा,” उन्होंने जवाब दिया।

मैंने अपना दाहिना हाथ टेबल पर रखा। उन्होंने अपना बायाँ हाथ मेरे हाथ में रखा। मैंने अपना बायाँ हाथ उसके ऊपर रख दिया, और उन्होंने अपना दाहिना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रख दिया। जैसे ही हम इस “चार हाथ खेल” के साथ बैठे, मैंने सीधे उनकी आँखों में देखा और उनसे कहा, “सिस्टर ने आपका परिचय देते हुए जो कहानी साझा की, उससे मैं बहुत प्रभावित हुआ, जब आपसे उस क्षण के बारे में पूछा गया जिससे आपके अंदर बदलाव आया।”

माया ने संकोच नहीं किया। मेरी आँखों में झांकते हुए उन्होंने कहा, “ओह हाँ, हाँ, अब भी.. अब भी, सिर्फ इसके बारे में सोचती हूँ … मैं सिर्फ यही सोचती हूँ कि ईश्वर मुझसे कितना प्यार करता है … ।” जैसे ही उन्होंने यह कहा, उनकी बड़ी-बड़ी आँखों में बड़े-बड़े आँसू आ गए जो मोती बनकर उनके गालों पर लुढ़क गए। जब मैंने परमेश्वर के प्रेम के बारे में उनकी जागरूकता को उन अनमोल आँसुओं में बदलते देखा, तो मैंने मन ही मन सोचा, “मुझे यही चाहिए। मैं यही चाहता हूँ कि मैं अपने लिए परमेश्वर के प्रेम को पूरी तरह जानना चाहता हूँ जैसे ये जानती हैं।”

कई वर्षों तक यही मेरी आशा और प्रार्थना बनी रही। हां, मुझे पता था कि ईश्वर मुझसे प्यार करता है, लेकिन माया की तरह मेरे अंतरतम की गहराई तक नहीं। उस दृढ़ विश्वास के साथ नहीं कि मेरे आँखों से आंसू लुढ़क जाएँ।

वर्षों बाद मुझे वह सौभाग्य मिला जब मुझे एक संपादक से एक ईमेल मिला जिसमें मेरे लिखे एक लेख केलिए मुझे धन्यवाद दिया गया। उन्होंने मुझे बताया कि मैं उनके मीडिया संगठन केलिए एक “वास्तविक आशीर्वाद” था। उन्होंने कहा, “ईश्वर आपसे बहुत प्यार करता है।”

इस पत्र से वह चमत्कार हुआ। परमेश्वर वास्तव में मुझसे प्यार करता है, इस दृढ़ विश्वास की इतने वर्षों तक की खोज के बाद, उस एक वाक्य ने यह चमत्कार कर दिखाया! मैं संपादक से व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं मिला था, फिर भी समुद्र के उस पार से भेजे गए उनके शब्दों ने मेरे दिल को छलनी कर दिया। यह ऐसा था मानो परमेश्वर ने स्वयं ये शब्द कहे: “मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ, ग्राज़ियानो!” मैं जानता था कि यह सच था। यह एक जबरदस्त और अप्रत्याशित उपहार था। और इससे मेरे जीवन में बहुत फर्क आया!

ईश्वर मुझसे प्यार करता है चाहे मैं अच्छा हूँ या बुरा। जब मैं प्रार्थना कर रहा हूँ, और जब मैं प्रार्थना नहीं कर रहा हूँ, तब भी परमेश्वर मुझसे प्रेम करता है। मैं इसके लायक बनूँ या न बनूँ, यह कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि परमेश्वर इसे मुफ्त में देता है। और मैं ऐसा कुछ नहीं कर सकता कि परमेश्वर मुझसे प्रेम करना बंद कर दे। पाप भी नहीं। मुझे परमेश्वर के दिल को तोड़ने और उसके प्रेम को अस्वीकार करने की स्वतंत्रता है। लेकिन फिर भी, परमेश्वर मुझसे प्रेम करता रहेगा।

और निश्चित रूप से, परमेश्वर मुझे हमेशा से प्यार करता आ रहा है। जब मुझे पता चला कि वह मुझसे प्यार करता है, उसने उसी दिन मुझे प्यार करना शुरू नहीं किया था। पहले मैं इस सत्य को अपने “दिमाग” में जानता था। उस दिन, परमेश्वर ने एक अलग तरह की जानकारी के साथ मेरे दिल में प्रवेश किया… एक शांत और शांतिपूर्ण आश्वासन जो जीवन की सभी परिस्थितियों से परे है।

इतनी स्पष्टता और निश्चितता के उस बिंदु पर आने में मुझे काफी समय लगा, उस शांति का अनुभव पाने में वक्त लगा जो शान्ति अपने आप को कंबल की तरह आपके चारों ओर लपेट लेती है। और परमेश्वर ने मेरे लिए जो किया, वह आपके लिए भी कर सकता है। क्या आप परमेश्वर के प्रेम का आश्वासन चाहते हैं? सिर्फ मांगें। और फिर प्रतीक्षा करें। यह आश्चर्य की बात हो सकती है कि परमेश्वर अपने प्रेम को प्रकट करने के लिए किसे चुनता है। ऐसा होने के बाद, आप खुद को यह कहते हुए पायेंगे, “ओह हाँ, हाँ, अब भी.. अब भी, सिर्फ इसके बारे में सोचती हूँ … मैं सिर्फ यही सोचती हूँ कि ईश्वर मुझसे कितना प्यार करता है…।”

 

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Graziano Marcheschi

Graziano Marcheschi serves as the Senior Programming Consultant for Shalom World. He speaks nationally and internationally on topics of liturgy and the arts, scripture, spirituality, and lay ecclesial ministry. Graziano and his wife Nancy are blessed with two daughters, a son, and three grandchildren and live in Chicago.

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