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अगस्त 18, 2021 1402 0 Maria Angeles Montoya
Encounter

एक अपरिचित पथ

जब मुझे होश आया,तो मुझे नहीं पता था कि मैं कहाँ थी,

वह सप्ताह का कौन सा दिन था या मैं कितने साल की थी।

उस दिन मुझे सब कुछ बहुत अपरिचित लग रहा था।

 

मैं अंधों को अपरिचित पथ पर ले चलूँगा, मैं अपरिचित मार्गों पर उनका पथप्रदर्शन करूंगा।

मैं उनके लिए अंधकार को प्रकाश में बदलूँगा और घुमावदार पथ सीधे बनाऊंगा।

मैं ये योजनायें पूरी करूंगा, और इन्हें किसी भी प्रकार से नहीं छोडूंगा। (इसायाह 42:16)

 

चूँकि मैं अपने मस्तिष्क में एक असामान्य द्रव्यमान के साथ पैदा हुई थी, बचपन में मुझे दौरे पड़ने लगे थे। अपने जीवन के नियमित दिनचर्या के रूप में उन दौरों के साथ व्यवहार करने की मैं आदी हो गयी थी। लेकिन एक नए प्रकार के दौरे ने मेरी दिनचर्या को बाधित किया। एक दिन सुबह, मैं अपनी माँ के साथ नाश्ते का आनंद ले रही थी, और अचानक मैं बेहोश हो गयी। मैं कुर्सी से नीचे गिर गयी और एक दौरे का अनुभव किया जिसकी अवधि 10 से 15 मिनट तक थी।

पराजित और हताश

जब मुझे होश आया, तो मैंने अपनी मां को पहचान लिया, लेकिन इसके अलावा मैंने घर या किसी भी चीज को नहीं पहचाना, जो मेरे आसपास थी। मुझे नहीं पता था कि मैं कहाँ थी, वह सप्ताह का कौन सा दिन था, या मैं कितने साल की थी। मैं अपने बेडरूम को भी नहीं पहचान पाई। मुझे सब कुछ बहुत अपरिचित लग रहा था। उस दौरे के कारण मेरी बहुत सारी याददाश्त नष्ट हो गयी। मैं बहुत खोई हुई और पराजित महसूस होने लगी। यह लगभग दो सप्ताह तक जारी रहा, और मैं हताश हो रही थी।

एक रात, अपनी हताशा के बीच में, मैंने अपने बेडरूम की दीवार पर लटकी हुई दिव्य करुणा की पवित्र तस्वीर को देखा, और मैं ईश्वर को पुकारती रही। मैंने प्रभु से कहा कि वह मुझे मजबूत बनावें, मेरा मार्गदर्शन करें, लेकिन सबसे बढ़कर, वह मुझे उसके   करीब रखें । हे ईश्वर, इस हालात में मुझे तुझसे अलग होने दे। इसके बजाय, कृपया मुझे तेरी करीब ले आने केलिए इसे एक अवसर के रूप में उपयोग कर। येशु, मुझे तुझ पर भरोसा है।

उसी रात, लगभग दो बजे मैं उठी और मुझे एक दर्शन मिले: मैंने खुद को एक गहरी खाई में गिरते हुए देखा। फिर अचानक मैंने देखा कि और गहराई में डूबने से रोकने केलिए एक हाथ मुझे बचा रहा है। यह प्रभु का हाथ था। कुछ ही पलों के अन्दर, मेरा दर्द और हताशा शांति और खुशी में बदल गई। तब से मुझे पता था कि मैं प्रभु के हाथों में हूं, और मैं सुरक्षित महसूस करने लगी।

उमड़ते दर्द

 उस दौरे के दो हफ्ते बाद, मैंने बचपन से लेकर अब तक की यादों को फिर से पाना शुरू कर दिया, लेकिन उनमें से ज्यादतर यादें दर्दनाक थीं। मैं उन्हें याद करना नहीं चाह रही थी। इसके बदले, मैं अपने जीवन के खूबसूरत और सुखद क्षणों को याद करना चाहती थी। सबसे पहले, मेरी समझ में नहीं आया कि मुझे ज्यादातर दर्दनाक यादें क्यों मिल रही थीं। शायद न्यूरोलॉजिस्ट और मनोवैज्ञानिकों के पास कोई स्पष्टीकरण होगा: सबसे बड़ा मनोवैज्ञानिक प्रभाव वाली यादें मस्तिष्क में बेहतर रूप से दर्ज की जाती हैं। लेकिन इस पर विश्वास और आस्था की एक अलग व्याख्या थी: प्रभु चाहते थे कि मैं अपने घावों को पहचानूं और उन घावों से चंगाई पाऊं।

एक रात को सोने से पूर्व जब मैं प्रार्थना कर रही थी, तब मुझे उन लोगों के नाम और चेहरे याद आ गए, जिन्होंने मुझे गहरी चोट पहुंचाई थी। मैं गहरी पीड़ा में रोयी, लेकिन मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ कि मुझे उनके प्रति गुस्सा या मनमुटाव महसूस नहीं हुआ। इसके बजाय, उनके पश्चाताप और मनपरिवर्तन के लिए प्रार्थना करने की इच्छा मेरे मन में उमड़ आयी और मैंने ऐसा ही किया। बाद में मुझे एहसास हुआ कि पवित्र आत्मा ने मुझे उनके लिए प्रार्थना करने हेतु प्रेरित किया था क्योंकि पवित्रात्मा मुझे चंगा करना चाहता था। प्रभु मेरे घावों को ठीक कर रहा था।

एक अलग जवाब

मैं एक डायरी लिखा करती हूं, और कुछ यादें पुन: प्राप्त करने के उद्देश्य से मैं ने इस डायरी को पढ़ना शुरू किया। जैसे जैसे मैंने इसे पढ़ा, मुझे एहसास हुआ कि कोविड-19 के लॉकडाउन से एक हफ्ते पहले मार्च महीने में मैंने शालोम ग्रोथ नामक आध्यात्मिक साधना में भाग लिया था। उस साधना के दौरान, मैंने प्रभु के सामने पूरी तरह अपना समर्पण कर दिया था और मैं ने प्रभु से कहा था कि वह मेरे जीवन को दिशा निर्देशित करें। बाद में मई महीने में, मैं अपनी पल्ली में चंगाई के मिस्सा बलिदान में शामिल हुई, और मैंने प्रभु से कहा की कह अपने घावों की पहचान करने और उन्हें ठीक करने में मेरी मदद करें।

मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रभु इस तरह से जवाब देंगे। मैं विश्वास करती हूँ कि दौरा, याद्दाश्त खो जाना और उसके बाद की घटनाएँ, मेरी प्रार्थनाओं के प्रति ईश्वर का सही प्रत्युत्तर हैं। आप पूछेंगे कि ईश्वर ने मेरी प्रार्थना का उत्तर उस दौरा और याद्दाश्त खोने के द्वारा कैसे दिया, और मेरा उत्तर यह है: दुख का हर क्षण हमारे लिए ईश्वर के करीब आने का निमंत्रण है, हमारे लिए हर कठिनाई, प्रभु पर भरोसे करने का प्रेमभरा आमंत्रण है, और अपने शरीर पर नियंत्रण खो देने पर, वह हमारे लिए यह याद रखने का निमंत्रण है कि सब कुछ उन्हीं प्रभु के नियंत्रण में है और उसकी योजनाएं हमारी योजनाओं की तुलना में बेहतर हैं।

एक यादगार सैर

 यह कुछ ऐसा अनुभव था जो मैंने पहले कभी अनुभव नहीं किया था। प्रभु निश्चित रूप से मुझे एक बहुत ही अपरिचित मार्ग पर ले गया, लेकिन वह लगातार मेरे साथ था। भले ही मैं कई चीजों को भूल गयी, लेकिन उसने मुझे कभी उसके प्यार को भूलने नहीं दिया। प्रतिदिन का बाइबल पाठ, उस पर मनन चिंतन, दिव्य करुणा की पवित्र तस्वीर, मेरे सपने और मेरे लिए प्रार्थना करने वाले लोग, ये सब मिलकर मुझे प्रभु के प्यार की निरंतर याद दिलाते थे। प्रभु मेरे साथ-साथ चल रहा है, ऐसा मुझे लगता था, इस वजह से यह अपरिचित पथ मेरे लिए बहुत आसान बना। और इसी कारण पीडाओं से ज्यादा मजबूत निश्चित रूप से प्रभु की आशिषें थीं।

लगभग पिछले एक साल से, मैं कैथलिक लेखों और अन्य दस्तावेजों का अनुवाद करके प्रभु की सेवा कर रही थी। इन महीनों में इस कार्य को जारी रखने में मैं सक्षम थी। भले ही मैं कई चीजें भूल गयी थी, लेकिन मैंने अनुवाद करने की क्षमता और कौशल को नहीं खोया। मैं इसके लिए बहुत आभारी हूं, क्योंकि इस कौशल ने कठिनाई के समय में प्रभु के राज्य के लिए काम करने का मुझे अवसर दिया था। अब, कई महीनों बाद, मैंने बहुत सारी यादें वापस पा ली है। मैं अभी भी कई बातें भूल जाती हूँ  और कुछ बातों में या कार्यों में मेरी गति कम हो गयी है, लेकिन उन सभी यादों के लिए जिन्हें मैंने वापस प्राप्त की हैं और इन महीनों के दौरान मुझे जो भी आशीर्वाद मिला है, उन सब के लिए मैं ईश्वर के प्रति बहुत आभारी हूं ।

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Maria Angeles Montoya

Maria Angeles Montoya enjoys using her skills and gifts to serve the Lord in various ways, especially through the ministries of intercession and evangelization. Maria has been involved with Shalom Media since 2017, and hugely contributes her time and efforts for Shalom Tidings. She lives with her parents in Texas, USA.

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