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नवम्बर 24, 2022 310 0 Barbara Lishko, USA
Evangelize

अपने संपूर्ण प्रेम को प्राप्त करें

उस प्यार का अनुभव करें जिसका आपने हमेशा सपना देखा था

येशु मसीह के कई और विभिन्न प्रकार के चित्र उपलब्ध हैं। पवित्र ह्रदय की तस्वीर मेरे मन को दुखी करती है, साथ साथ मेरे अन्दर बहुत आशा भी जगाती है। इस काफी प्रचलित चित्र में, येशु अपने लबादे को हटा रहे हैं, ताकि आग का शोला उगलता हुआ, छेदा हुआ और कांटों के मुकुट से घिरा हुआ अपने दिल को वह हमें दिखा सकें। यदि हम इसकी सही समझ नहीं रखते हैं, तो हम इसे पराजय का संकेत मानने की भूल करेंगे। शायद कोई गलती से यह भी सोच सकता है कि येशु दर्द और पीड़ा का महिमा मंडन कर रहे हैं।

बीमारी की पीड़ा भोगनेवाले ऐसे व्यक्ति होने के नाते, मैं उस पीड़ादायक तस्वीर को, सांत्वना देने वाली तस्वीर के रूप में पहचानती हूं। कई बार, जब भौतिक दुनिया में, कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो मेरे अकेलापन और पीड़ा की गहराई में, मुझे शांत कर सकता था। मेरी मदद करने के अच्छे इरादे रखने वाले लोग भी मुझे सांत्वना नहीं दे पाते थे। ऐसे में मैं हमेशा क्रूस के चरणों पर और येशु के उस छिदे हुए हृदय में साहस और सांत्वना पाती थी। येशु मुझे जानता था। वह उस स्थान पर मुझसे मिलने के लिए हर वक्त उपलब्ध था।

येशु ने संत मार्गरेट अलकोक को दर्शन दिए और उससे कहा, “मानव जाति से तीव्र प्रेम करने वाला मेरा हृदय, अब उसकी दयालुता की लपटों को समाहित नहीं कर सकता है; उसके लिए यह आवश्यक है कि वह अपने ह्रदय को लोगों पर प्रकट करें, ताकि वे उसमें निहित निधि से समृद्ध हों।”

क्या अभी भी संदेह है?

मसीह के प्रेम का हृदय हमारे लिए इतनी गहराई से और उदारता से जल रहा है कि वह स्वयं को समा नहीं सकता। वह अपने पवित्र हृदय के खजाने को साझा करते हुए मानव जाति पर अपने अति उदार, अथाह प्रेम को उंडेलना चाहता है।

तो हमें किस बात का डर है? शुद्ध, निःस्वार्थ, अथाह प्रेम से? सबसे उदार इस उपहार को स्वीकार करने में हमें कौन रोक रहा है?

मानव को इस प्रेम से कौन वंचित रखता है? और वह प्यार हमें समाहित कर लें, तो इस पर हम क्यों अनिच्छुक हैं और किस बात का हमें डर है? कभी-कभी, मैं उस स्तर के उदार, और हृदय विशाल प्रेम के लिए अपने आप को अयोग्य महसूस करती हूँ। क्या यह प्यार मेरे जैसे लोगों के लिए भी मुफ़्त में उपलब्ध है?

परमेश्वर के हृदय को प्यार ही दिशा निर्देश देता है। परमेश्वर प्रेम है! शायद हमारी विकृत समझ, और प्यार का विकृत अनुभव ही हमें सबसे ज्यादा डराते हैं। हो सकता है कि पूर्व में हमारे साथ ठीक से प्यार किये जाने के बजाय, हमें इस्तेमाल किया गया हो। हो सकता है कि अतीत में हमें किसी ऐसे व्यक्ति ने प्यार दिखाया हो, जो हमारे निकट थे, जो प्यार हमारे लिये नाप तौल करके दिया गया था, हमसे वह प्यार जबरन लिया गया, या शर्तों के आधार पर हमसे प्यार किया गया। जब उनका पेट भर गया या वे ऊब गए, तो उन्होंने हमें त्याग दिया और कुछ अन्य चीज़ों या दिलचस्प व्यक्ति की ओर वे बढ़ गए।

हमारा मूल परिवार कैसा था? क्या वह बिखरा हुआ था या निष्क्रिय था? हमारा पहला घर “प्यार की पाठशाला” रहा होगा, जहां हमें प्यार के बारे में जीवन केलिए उपयोगी कई मूल्यवान शिक्षा दी जाती थी, जहां गलती करने और उन गलतियों से सीखने के लिए हमें आज़ादी मिलती थी। अफसोस की बात है कि कुछ लोगों के लिए उनका परिवार शायद विश्वासघात, दर्द और दुर्व्यवहार के स्थान रहे होंगे। आपको अकेलापन और चोट के उस स्थान पर रहने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि आप पवित्र हृदय की ओर कदम बढायें।

उन्नीसवीं सदी के फ्रांसीसी सन्यासी और आध्यात्मिक लेखक, फादर बर्लियो, प्रभु ख्रीस्त के बारे में यह लिखते हैं, “यह प्रेम ही था जिसके कारण उसने इस धरती पर जन्म लिया, कार्य किया, पीड़ा भोगी, और रोया; यह प्रेम ही था, जिसने आखिरकार उसे मरने के लिए मजबूर कर दिया। और यह प्रेम ही है जो युखरिस्त अर्थात पवित्र संस्कार में, स्वयं को हमें देने के लिए, हमारा अतिथि बनने, हमारा साथी बनने, हमारा उद्धारकर्ता बनने, हमारा भोजन बनने और हमारा पोषण बनने केलिए, उसे प्रेरित करता है।”

प्रेम का रसातल

मसीह जो कुछ भी करता है और कहता है, वह प्रेम के कारण ही करता है! यदि वह हमसे कोई भी चीज़ माँगता है, जो अंततः हमारे अपने लाभ के लिए है, तो उस से डरने की ज़रूरत नहीं है। मेरे अपने जीवन में मैं ने जब प्रत्येक भारी क्रूस का सामना किया, तब मैंने शुरू में सोचा था कि उन्हें संभालने की क्षमता मुझ में बिलकुल नहीं होगी। यह सच है कि मेरी क्षमता उतनी ही थी। संत पौलुस कहते हैं, “… ख्रीस्त के प्रति, हम मजबूत हैं” (2 कुरिन्थी 12:10)। जब हम यह विश्वास करने के भ्रम में रहते हैं कि हमारे पास सब कुछ है, तब हमें आगे ले जाने और संपोषित रखने के लिए वहाँ मसीह के पास कोई स्थान नहीं रह जाता ।

यदि आपके अतीत ने आपको केवल नकली प्रेम के विकृत रूप दिखाए हैं, यदि आपकी वर्तमान स्थिति “दूसरे की भलाई के लिए निस्वार्थ दान” का सबसे अच्छा प्रदर्शन नहीं है, तो मैं आपको दृढ़ता के साथ सिफारिश कर सकती हूं कि आप के अन्दर की जो भी कमी हैं, उसे भरने के लिए आप येशु के सच्चे ह्रदय से प्यार करें। येशु के अति पवित्र हृदय से ही आप सीखेंगे कि वास्तविक प्यार कैसे देना और कैसे प्राप्त करना है।

अंत में, संत जेत्रूद, जिन्हें येशु के साथ अंतरंग मिलन का आनंद प्राप्त था, इन शब्दों में अपनी बात रखती हैं, “हे अनंत दयालुता के महान रहस्य और प्रेम के रसातल, यदि लोग जानते कि तू उनसे कितना प्यार करता है, यदि तू उन्हें अपने दिल की अनंत खजाने की खोज करने की अनुमति उन्हें देता, तो वे सभी तेरे चरणों में गिर जाते, और केवल तुझसे प्यार करते … ।”

इसलिए हर इंसान के दिल से यह सवाल पूछा जाता है; क्या आप पृथ्वी पर अपने सीमित दिनों को नकली प्यार को स्वीकार करते हुए, अतीत के दुखों में डूबते हुए, और अपने दिल को नए सिरे से और अधिक दुर्व्यवहार के लिए उजागर करना जारी रखेंगे? या, क्या आप “अनंत दयालुता के रहस्य और प्रेम के रसातल” की शरण की ओर भागेंगे?

हमेशा की तरह, हमारे प्रेमी परमेश्वर इस निर्णय को लेने की छूट हम पर छोड़ देता है, और हमारी अनुमति प्राप्त किये बिना अपने प्रेम के इस अद्भुत उपहार को वह हम पर नहीं थोपेगा। तो क्या यह अनुमति उन्हें देने के लिए आप तैयार हैं?

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Barbara Lishko

Barbara Lishko has served the Catholic Church for over twenty years. Married to Deacon Mark for over forty-two years, she is a mother of five, a grandmother of nine, and counting. They live in Arizona, USA, and she frequently blogs at pouredmyselfoutingift.com

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