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जून 03, 2023 277 0 Father Fiorello Mascarenhas SJ
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ईश्वर से क्रोध ?

क्या आपने कभी सोचा है कि जीवन में बुरी बातें क्यों घटती हैं? वजह आपको हैरान कर सकती है

अक्सर, जब हम गंभीर संकटों और कष्टों का सामना करते हैं, तब हममें ईश्वर पर दोष लगाने का प्रलोभन होता है: “ईश्वर मेरे साथ ऐसा क्यों कर रहा है,” या “यदि ईश्वर प्रेमी है तो मेरी सहायता के लिए तुरंत क्यों नहीं आता?” इस प्रक्रिया में, हम आसानी से भूल जाते हैं कि बाइबल हमें बताती है कि हमारी इस दुनिया में कार्यरत एक रहस्यमयी दुष्ट शक्ति भी है जिसका एकमात्र उद्देश्य “चोरी करना, घात करना और नष्ट करना” है (योहन 10:10)। येशु ने इस दुष्ट शक्ति को शैतान कहा और उसे “आरंभ से हत्यारा… झूठा और झूठ का पिता” बताया (योहन 8:44)।
“यह किसी शत्रु ने किया है” (मत्ती 13:28)। येशु ने विशेष रूप से हमें सिखाया कि हमें कभी भी अपने कष्टों के लिए उसके/हमारे “अब्बा पिता” को दोष नहीं देना चाहिए! अपने अंतर्दृष्टि से पूर्ण एक दृष्टान्त में येशु हमें सुनाते हैं कि जब सेवकों ने अच्छे गेहूँ के बीच खरपतवार की उपस्थिति के बारे में प्रश्न किया, तो स्वामी ने स्पष्ट रूप से उत्तर दिया, “यह किसी शत्रु ने किया है, मैंने नहीं।”

अपनी जीत चुनो

ईश्वर एक बदमिज़ाज, अत्याचारी, या बेपरवाह देवता नहीं है जो अपने प्यारे बच्चों पर महामारी, सुनामी, या कैंसर भेजते हैं या फिर विवाहितों की शादी टूटने का कारण बनते हैं! इसका कारण अच्छाई की ताकतों और बुराई की ताकतों के बीच चल रही रहस्यमयी आध्यात्मिक लड़ाई में निहित है जिसमें हर इंसान शामिल है! स्वतंत्र इच्छा हमारे सृष्टिकर्ता द्वारा दिया गया एक अनमोल उपहार है, जो खुश रहने के लिए ईश्वर के पक्ष में या शत्रु के पक्ष में जाने के लिए, हम में से प्रत्येक को “जीवन को चुनने या मृत्यु को चुनने” की अनुमति देता है (विधि विवरण 30:15-20)।

और यह गलत चयन केवल व्यक्तियों द्वारा ही नहीं, व्यवस्थाओं और संस्थाओं द्वारा भी किया जाता है। व्यक्तिगत पाप के अलावा, व्यवस्थागत पाप भी है – सुव्यवस्थित दमनकारी प्रणालियाँ और संस्थाएँ जो सामाजिक अन्याय और धार्मिक उत्पीड़न को कायम रखती हैं। बाइबिल हमें बताती है कि येशु ने बुराई की सभी ताकतों पर विजय प्राप्त की है, और यह कि “नए स्वर्ग और नई पृथ्वी” में (प्रकाशना ग्रन्थ 21, 22) जो कुछ भी सृष्टि को उसके मूल उद्देश्य से दूर कर देता है, उसे नई सृष्टि के खातिर नष्ट कर दिया जाएगा। इससे प्रभु की प्रार्थना ‘तेरा राज्य आए’ पूर्ण हो जायेगा।

पवित्र आत्मा पर अपने 1986 के सार्वभौम पत्र में, संत जॉन पॉल द्वितीय ने इस व्यापक आध्यात्मिक युद्ध की व्याख्या की जब उन्होंने समझाया कि कैसे आदम और हेवा के पाप द्वारा दुनिया में “संदेह बोने में पथभ्रष्ट प्रतिभाशाली को” लाया गया। यह उपयुक्त वाक्यांश सही ढंग से व्यक्त करता है कि शत्रु एक प्रतिभाशाली है (एक पदच्युत स्वर्गदूत के रूप में, उसकी बुद्धि हमसे बेहतर है)। लेकिन वह एक पथभ्रष्ट प्रतिभाशाली है (वह अच्छे के बजाय बुरे उद्देश्यों के लिए अपनी बुद्धि का उपयोग करता है), और उसकी (सफल) रणनीति ईश्वर की सृष्टि, अर्थात हमारे मन में स्वयं सृष्टिकर्ता ईश्वर के विरुद्ध संदेह बोने की रही है! असली दुश्मन बच निकलता है:

“सृष्टि की सम्पूर्ण गवाही के बावजूद, अंधेरे की दुष्टात्मा ईश्वर को अपनी खुद की सृष्टि के शत्रु के रूप में और सबसे पहले मनुष्य के शत्रु के रूप में दिखाने में सक्षम है। इस तरह, शैतान मनुष्य की आत्मा में उस ईश्वर के विरोध का बीज बोने में कामयाब होता है, उसे ही शुरू से मनुष्य का शत्रु माना जाना चाहिए — पिता को नहीं। पाप का यह विश्लेषण इंगित करता है कि मानवता के पूरे इतिहास में मनुष्य पर ईश्वर को अस्वीकार करने का और यहाँ तक कि उससे घृणा करने का एक निरंतर दबाव रहेगा। मनुष्य का झुकाव मुख्य रूप से ईश्वर को स्वयं की सीमा के रूप में देखने का होगा, न कि अपनी स्वतंत्रता और अच्छाई की परिपूर्णता के स्रोत के रूप में” (डोमिनुम एत विविफिकांतेम, नं.38)।

संदेह का कारण

क्या हमारे अपने निजी अनुभव इसकी पुष्टि नहीं करते? पूरे मानव इतिहास में, ईश्वर पर संदेह करने के लिए मानवता पर निरन्तर दबाव रहा है! और इस वजह से, संत जॉन पॉल द्वितीय बताते हैं, “ईश्वर के ह्रदय में एक अकल्पनीय और अकथनीय दर्द है। यह रहस्यमय और अवर्णनीय पितृवत् ‘पीड़ा’, सबसे बढ़कर, वह पीड़ा येशु मसीह में मुक्ति के प्रेम की अद्भुत व्यवस्था को लाएगी, ताकि मानव इतिहास में पाप से अधिक शक्तिशाली के रूप में प्रेम स्वयं को प्रकट कर सकेगा” (डोमिनम एट विविफेंटेम, नं.39)।

जब मैं होली फैमिली चर्च, मुंबई में पल्ली पुरोहित था, तो मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि मैं ईश्वर के खिलाफ अपने गिरजाघर का बीमा करने केलिए बाध्य किया जा रहा था! जिस बीमा अनुबंध को मुझे नवीनीकृत करना था, उस में यह लिखा हुआ था: “हम इस इमारत को बाढ़, आग, भूकंप और ईश्वर के इस तरह के हर कार्य के खिलाफ बीमा करते हैं!” मैंने बीमा दलाल के सामने अपना विरोध दर्ज किया कि येशु मसीह द्वारा प्रकट किए गए मेरे ईश्वर को कभी भी प्राकृतिक आपदाओं के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, बल्कि इसके बजाय वह अनंत प्रेम का ईश्वर है। (मैंने अंततः अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, लेकिन अपमानजनक शब्दों को काटने के बाद ही)।

इस घटना ने मुझे सिखाया कि कैसे “ईश्वर के लिए विकृत संदेह” मानव रीति-रिवाजों और परंपराओं में इतना गहरा हो गया है कि एक अच्छे ईश्वर को एक बदमिज़ाज, अत्याचारी देवता के रूप में प्रस्तुत किया जाता है! हमारे संसार में व्याप्त दु:ख और पीड़ा का कारण ईश्वर की सृष्टि का एक आज्ञाकारी प्रबंधक होने के कर्त्तव्य से मनुष्य इनकार करता है (उत्पत्ति ग्रन्थ 1:28 देखें) इस बात को पहचानने के बजाय धर्मनिरपेक्ष लोग (और अक्सर धार्मिक लोग भी), जो कुछ गड़बड़ हैं उन सब केलिये ईश्वर को बलि का बकरा बनाना पसंद करते हैं!

जो भी हो, हम वैश्विक ताप, आतंकवाद, युद्ध, गरीबी, क्षमा की कमी, संक्रामक रोग आदि के परिणामस्वरूप होने वाली हमारी मानवीय बीमारियों के लिए ईश्वर को दोष नहीं दे सकते। इसके विपरीत, उनके अपने पुत्र की क्रूस पर भयानक मृत्यु और पुनरुत्थान के रहस्य से, हमें यह निष्कर्ष निकालना चाहिए कि ईश्वर हमेशा हमारी भलाई चाहता है, और “जहां कहीं बुराई बढ़ती है, वहां उसका अनुग्रह भी अधिक होता है” (रोमियों 5:20)।

अच्छाई की ताकतों और बुराई की ताकतों के बीच अगोचर रूप से एक आध्यात्मिक लड़ाई चल रही है। 2023 में भी, मानवता को याद दिलाने की आवश्यकता है कि, अपनी तमाम तकनीकी प्रगति और वैज्ञानिक उपलब्धियों के बावजूद, यह आध्यात्मिक लड़ाई जारी है, और इसमें हर इंसान शामिल है!

“क्योंकि हमें निरे मनुष्यों से नहीं, बल्कि इस अंधकारमय संसार के अधिपतियों, अधिकारियों तथा शासकों और आकाश के दुष्ट आत्माओं से संघर्ष करना पड़ता है।” (एफीसी 6:12)।

तो कृपया, आइए उस पर दोष लगाए जो असल में दोषी है और कभी भी येशु और हमारे पिता ईश्वर को दोष न दें!

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Father Fiorello Mascarenhas SJ

Father Fiorello Mascarenhas SJ is the Chairman of the Catholic Bible Institute, Mumbai. He was the Director and Chairman (1981-1987) of the International Council for Catholic Charismatic Renewal, as resident in Vatican City. Father Mascarenhas was awarded the Doctor of Ministry degree in Biblical Spirituality by the Catholic Theological Union, Chicago.

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