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जून 03, 2023 296 0 Father Hayden Williams OFM Cap
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सबसे बड़ा खज़ाना

दुनिया का सबसे बड़ा खज़ाना हर व्यक्ति की पहुँच में है!

परम पवित्र संस्कार (पवित्र यूखरिस्त) में येशु की उपस्थिति की वास्तविकता असल में महान और अद्भुत है। येशु वास्तव में पवित्र संस्कार में उपस्थित हैं, मैं अपने अनुभव से जानता हूँ, केवल इसलिए नहीं कि कलीसिया इस सच्चाई को सिखाता है।

पहला स्पर्श

कैथलिक करिश्माई नवीकरण में मेरे शुरुआती दिनों में पवित्र आत्मा में बपतिस्मा लेने के बाद का अनुभव प्रभु में मेरे विश्वास को बढ़ाने में मदद करनेवाले मेरे विभिन्न अनुभवों में से एक महत्वपूर्ण अनुभव था। मैं उस समय पुरोहित नहीं था। मैं एक प्रार्थना सभा का नेतृत्व कर रहा था और उस सभा के दौरान हम लोगों के ऊपर प्रार्थना की जा रही थी। परम पवित्र संस्कार आराधना के लिए प्रदर्शित किया गया था और फिर लोग एक-एक करके प्रार्थना करने के लिए आगे बढ़ रहे थें।

एक महिला ने हाथ जोड़कर मुझसे प्रार्थना करने के लिए विनती की। मुझे लगा कि वह मेरे साथ भी प्रार्थना कर रही है। उसने मुझे अपने पति के लिए प्रार्थना करने के लिए आग्रह किया। उनके पति के पैर में समस्या थी। लेकिन जब मैं प्रार्थना कर रहा था, मैंने अपने दिल में महसूस किया कि प्रभु उस महिला को भी चंगा करना चाहता है। इसलिए, मैंने उससे पूछा कि क्या उसे किसी प्रकार के शारीरिक उपचार की आवश्यकता है। उसने मुझसे कहा, “मेरे हाथ ऐसे हैं क्योंकि मेरे कंधे जम गए हैं।” उसे अपने हाथों के कारण हिलने-ढुलने में समस्या थी। जब हम उसकी चंगाई के लिए प्रार्थना कर रहे थे, उसने कहा कि परम पवित्र संस्कार से मानो ऊष्म किरणें निकली, उसके जमे हुए कंधों पर उतरी और वह उसी समय ठीक हो गई।

यह पहली बार था जब मैंने वास्तव में परम पवित्र संस्कार की शक्ति के माध्यम से इस तरह की चंगाई को होते देखा था। यह ठीक वैसा ही है जैसा हमने सुसमाचारों में पढ़ा है — लोगों ने येशु को छुआ और सामर्थ उसमें से निकली और उन्हें चंगा किया।

अविस्मरणीय पल

मुझे अपने जीवन में परम पवित्र संस्कार का एक और शक्तिशाली अनुभव याद है। एक बार मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ प्रार्थना कर रहा था जो तंत्र-मन्त्र और ओझाई में शामिल था, और उसे मुक्ति की आवश्यकता थी। हम एक समूह के रूप में प्रार्थना कर रहे थे और हमारे साथ एक पुरोहित भी था। लेकिन यह महिला, जो फर्श पर थी, उस पुरोहित को नहीं देख पाई जो परम पवित्र संस्कार को गिरजाघर के पूजा-सामग्री-कक्ष में ले जा रहा था। ठीक उसी क्षण जब पुरोहित उसके मुंह के पास पवित्र संस्कार लाया, एक पुरुष हिंसक आवाज ने ये शब्द कहे: “जिन्हें तुम अपने हाथ में लाए हो, उन्हें मुझसे दूर हटा दो!” इसने मुझे हैरान कर डाला क्योंकि अपदूत ने ‘इसे’ या ‘रोटी का एक टुकड़ा’ नहीं कहा, लेकिन “उन्हें” कहा। शैतान पवित्र संस्कार में येशु की जीवित उपस्थिति को पहचानता है। मैं अपने जीवन के उस पल को कभी नहीं भूलूंगा। जब मैं बाद में पुरोहित बना, तो मैंने शैतान में येशु की वास्तविक उपस्थिति पर दिल और मन से विश्वास करने और प्रचार करने के लिए उन दो घटनाओं को अपने दिल में रखा।

अकथनीय आनंद

एक पुरोहित के रूप में मुझे एक और अनुभव याद आती है जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा। मैं कभी-कभी जेल में धर्म सेवा का कार्य करने जाता हूँ। एक बार मैं जेल के एक विशेष विभाग में परम-प्रसाद दे रहा था। अचानक मैंने अपने दिल में खुशी महसूस की जो स्वयं को कैदियों को देने में येशु महसूस कर रहे थे। यह कुछ ऐसा है जो मैं आपको समझा नहीं सकता। यदि आप पवित्र संस्कार में हम में से हर एक के अन्दर प्रवेश करने में येशु के उस आनंद को अनुभव करें और जान पाएं तो कितना अच्छा होता!

पवित्र-संस्कार का एक और अनुभव जो मुझे याद है वह मेरे लिए एक व्यक्तिगत, भावनात्मक चंगाई थी। एक बार गिरजाघर में मौजूद किसी व्यक्ति ने अपने शब्दों से मुझे बहुत आहत किया। मैं गुस्से को काबू नहीं कर पा रहा था। हालांकि मैं स्वभाव से आक्रामक नहीं हूँ, लेकिन इस चोट ने उस व्यक्ति के खिलाफ बहुत सारी भावनाएं और बुरे विचार पैदा कर दिए। मैं पवित्र-संस्कार में येशु के पास दौड़ा और केवल रोया। उस क्षण जिसने मुझे चोट पहुंचाई उस व्यक्ति केलिए येशु के प्रेम को मैंने महसूस कियावह प्रेम पवित्र संस्कार से निकलकर मेरे हृदय में प्रवेश कर गया। मैंने में उपस्थित येशु ने मुझे चंगा किया, लेकिन इससे भी अधिक, एक पुरोहित के रूप में उन्होंने मुझे यह महसूस करने में मदद की कि हमारे जीवन में प्रेम और चंगाई का वास्तविक स्रोत कहाँ है।

न केवल मेरे लिए एक पुरोहित के रूप में, बल्कि विवाहित व्यक्तियों और युवा लोगों के लिए – वास्तव में वह प्यार कौन दे सकता है जिसकी हम तलाश कर रहे हैं? हमें वह प्रेम कहाँ मिल सकता है जो पाप और घृणा से बढ़कर है? जो प्रभु पवित्र संस्कार में मौजूद है, उसमें वह प्रेम मौजूद है। जिसने मुझे चोट पहुंचाई थी, उस व्यक्ति के लिए प्रभु ने मुझे बहुत प्रेम दिया है।

जिस दिन मैं अपना पहला व्रत लेने वाला था, उसी दिन अचानक मेरे दिल में एक अंधेरा छा गया। मैं समुदाय में अपना नया कमरा खोजने के बजाय सीधे पवित्र संस्कार के प्रकोश की ओर गया। फिर मैंने अपने दिल की गहराइयों में प्रभु को मुझसे यह कहते सुना, “हेयडन, तुम मेरे लिए यहाँ आ रहे हो।” और अचानक सारी खुशी लौट आई। पवित्र संस्कार में येशु ने मुझे फ्रांसिस्कन पुरोहित के रूप में मेरे जीवन के बारे में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात सिखाई- उसने मुझे अपने लिए बुलाया है, मैं उसके लिए जीवित हूँ। परम प्रसाद का पवित्र संस्कार हम में से प्रत्येक को सिखाता है कि हम येशु से अलग होकर कुछ नहीं कर सकते – यह हमारे बारे में नहीं है, यह केवल उसके बारे में है। हम उसके साथ रहने के लिए कलीसिया में हैं!

एक पुरोहित के रूप में, प्रभु के साथ मिस्सा बलिदान चढ़ाना मेरे लिए सबसे अद्भुत क्षण है और यह मुझे ख्रीस्तीय समुदाय के और भी करीब लाता है। पवित्र संस्कार में येशु ही हमारे बीच एकता के स्रोत हैं। एक पुरोहित के रूप में, मैं पवित्र संस्कार के बिना नहीं रह सकता। जब हम येशु को अपने हृदय में ग्रहण करते हैं, तब वह सबसे बड़ी बात क्या है जो हम उससे पूछ सकते हैं? हम उससे एक बार फिर अपनी पवित्र आत्मा से भरने के लिए आग्रह करते हैं। जब येशु मृतकों में से जी उठे, तो उसने प्रेरितों में पवित्र आत्मा फूंक दी। जब हम पवित्र संस्कार में उसे अपने हृदय में ग्रहण करते हैं, तो वे हमें एक बार फिर हमारे जीवन में पवित्र आत्मा की उपस्थिति और शक्ति प्रदान करते हैं। उससे मांगे कि वे आपको पवित्र आत्मा के वरदानों और सामर्थ्य से भर दे।

आपके लिए तोड़ा गया येशु

एक बार जब मैं परम-प्रसाद को उठाकर उसे तोड़ रहा था, तो मुझे पुरोहिताई के बारे में एक गहरा विश्वास हो गया। हम लोगों को पवित्र संस्कार में ख्रीस्त की उपस्थिति के माध्यम से देखते हैं, हम पुरोहित ख्रिस्त की तरह एक टूटा हुआ शरीर है। एक पुरोहित को ऐसा होना चाहिए। वह अपने जीवन को तोड़ता है ताकि वह अपने जीवन को समुदाय और बाकी दुनिया को दे सके। इस सुंदरता को वैवाहिक जीवन में भी खोजा जा सकता है। प्रेम परम प्रसाद की तरह है। स्वयं को दूसरों को देने के लिए स्वयं को तोड़ना पड़ता है। यूखरिस्त ने मुझे सिखाया है कि ब्रह्मचर्य का जीवन कैसे जीना है, कैसे समुदाय के लिए येशु बनना है, उनके लिए अपना पूरा जीवन देना है। वैवाहिक जीवन में भी ऐसा ही होना है।

अंत में, मैं आपको बता सकता हूँ कि जब भी मैंने अकेलापन या निराश महसूस किया है, तो बस उसके पास जान काफ़ी है – पर्याप्त शक्ति प्राप्त करने के लिए वाही काफ़ी है, भले ही मुझे थकावट महसूस हो रही हो या नींद आ रही हो। मैंने अपनी यात्राओं में और अपने प्रचार में कितनी बार इसका अनुभव किया है कि मैं इसकी गिनती नहीं कर सकता। उसके करीब जाने में ही सबसे अच्छा आराम है। मैं आश्वासन दे सकता हूँ; येशु हमें शारीरिक, आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से नवीनीकृत कर सकते हैं। क्योंकि परम पवित्र संस्कार में येशु जीवित हैं — वे हमारे लिए हैं!

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