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जुलाई 27, 2021 1208 0 आन्टनी कलापुराक्कल
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मुझे क्यों माफ़ करना चाहिए?

कभी आपने सोचा है कि जो हमें चोट पहुंचाते हैं  उन्हें माफ करने की क्या ज़रुरत है?

क्षमा करना कठिन है; यह आसानी से कैसे किया जा सकता है यह जानने के लिए आगे पढ़ें ।

सीमा से परे

यदि तुम दुसरो को क्षमा नहीं करोगे, तो तुम्हारा पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा नहीं करेगा। (मत्ती 6:15)

एक ख्रीस्तीय के रूप में, हमारी सारी आशा पूरी तरह से एक ही बात पर निर्भर करती है – ईश्वर से क्षमा। यह स्पष्ट है कि जब तक वह हमारे पापों को माफ नहीं करता हम स्वर्ग के भागीदार कभी नहीं बन सकते। परमेश्वर का धन्यवाद करो, जो प्रेमी पिता होने की वजह से अपने बच्चों को माफ करने के कारणों की तलाश करता है। हमारे पापों की गंभीरता और संख्या कितनी भी क्यों न हो, पिता ईश्वर हमें क्षमा करना चाहता है । हमें बस अपने द्वारा किए गए गलतियों को स्वीकार करने, उन के लिए क्षमा मांगने और दूसरों को भी क्षमा करने की ज़रुरत है। मानो कि हमारी परीक्षा लिखने के पूर्व ही प्रश्न पत्र आउट हो चुका है। फिर भी, हम में से अधिकांश इस न्यूनतम कसौटी को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

हमारे पापी स्वभाव के कारण, बिना शर्त माफ करना हमारी क्षमता से परे है। इस के लिए हमें दिव्य आशीष की आवश्यकता है। हालांकि, हमारे उद्देश्यपूर्ण इच्छा और कदम महत्वपूर्ण है। एक बार जब हम ये कदम उठाते हैं, तो प्रभु की ओर से हम पर बहने वाले अनुग्रह का हम अनुभव करना शुरू कर देंगे।

हम कैसे अपनी भूमिका निभाते हैं? एक बात हम कर सकते हैं: वह है क्षमा करने का कारण खोजना। क्षमा करने के कुछ कारण मैं यहां दे रहा हूँ ।

मुझे क्यों माफ़ करना चाहिए?

उत्तर 1: क्योंकि, मैं एक स्वस्थ जीवन का हकदार हूँ

माफ करना कैदी को मुक्त करना जैसा है, और पता चलता है कि कैदी आप स्वयं थे!

– लुईस बी. स्मीडेस

धर्मग्रन्थ ने बहुत पहले जो सिखाया था उसे आधुनिक शोध ने स्वीकार किया है- क्षमा करने की आवश्यकता! क्षमा करने से क्रोध, चोट, अवसाद और तनाव कम हो जाते हैं और आशावाद, उम्मीद और करुणा की भावना बढ़ती है। क्षमा उच्च रक्तचाप को कम करती है। क्षमावान लोगों में न केवल तनाव कम रहता है, बल्कि वे बेहतर रिश्ते बनाते हैं| ऐसे लोगों को सामान्य प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं और सबसे गंभीर बीमारियों को बहुत कम झेलना पड़ता है- इनमें अवसाद, हृदय रोग, मस्तिष्क का आघात और कैंसर शामिल हैं ।

यहाँ, मेरा ध्यान मेरी अपनी भलाई पर है। जीवन सृष्टिकर्ता से मिला एक उपहार है, और यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं एक अच्छा जीवन जीऊँ। क्षमाशीलता की कमी मुझे गुणवत्तापूर्ण जीवन का आनंद लेने से रोकती है। इसलिए, मुझे क्षमा करने की आवश्यकता है।

उत्तर 2: क्योंकि, ईश्वर मुझे क्षमा करना चाहता है

ख्रीस्तीय होने का मतलब अक्षम्य को क्षमा करना है क्योंकि ईश्वर ने आप में अक्षम्य को माफ कर दिया है – सी.एस. लुईस

यह बहुत ही सीधी बात है। मैं क्षमा करने का फैसला लेता हूँ, क्योंकि ईश्वर मुझसे यह उम्मीद करता है। मेरा ध्यान ईश्वर के प्रति आज्ञाकारी होना है। मैं माफ करने की शक्ति के लिए उनकी कृपा पर निर्भर हूँ।

उत्तर 3: क्योंकि, मैं बेहतर नहीं हूँ

कोई भी धार्मिक नहीं रहा –  एक भी नहीं (रोमियों 3:10)

मेरी भरसक कोशिश है कि मैं अपना ध्यान मेरे पापी स्वभाव पर केन्द्रित करूँ। मैं खुद को दूसरे व्यक्ति की दृष्टि से देखने की कोशिश करता हूँ। यदि मैं उसकी जगह पर होता तो मेरी प्रतिक्रिया क्या होती? कई बार, जब हम अपने न्यायसंगत स्पष्टीकरण को त्याग देते हैं और दूसरों को चोट पहुँचाये गए अवसरों पर ध्यान देना शुरू करते हैं तब हमें यह एहसास होने लगता है कि हम दूसरों से बेहतर नहीं हैं। यह अहसास हमारे काम को आसान कर देगा।

उत्तर ४: क्योंकि ईश्वर मेरी भलाई के लिए उन दर्दभरी स्थितियों का उपयोग कर रहा है

हम जानते हैं, कि जो लोग ईश्वर को प्यार करते हैं, और उसके विधान के अनुसार बुलाए गए हैं, ईश्वर उनके कल्याण केलिये सब बातों में उनकी सहायता करता है।(रोमियों 8:28)

संत स्तेफनुस की मृत्यु के विषय में हम प्रेरित चरित में पढ़ते है। मरने से ठीक पहले, स्तेफनुस ने ईश्वर की महिमा को और ईश्वर के दाहिने येशु को देखा! जब भीड़ उस पर पत्थर मार रही थी, तब स्तेफनुस ने अपने अत्याचारियों के लिए प्रार्थना की, “हे प्रभु यह पाप उनपर मत लगा”। हमें मिलने वाले पुरस्कार को ध्यान में रखते हुए हमें दूसरों को क्षमा करने में मदद दे रही एक मुख्य बिंदु यहाँ हम देखते हैं। स्तेफनुस ने ईश्वर की महिमा को देखा। ऐसा अनुभव करने के बाद, मुझे विश्वास है कि स्तेफनुस जितना जल्दी हो सके ईश्वर के साथ रहना चाहता था। शायद इसलिए उसे अपने अत्याचारियों को क्षमा करना और भी आसान हो गया था, क्योंकि वह अपने अंतिम गंतव्यस्थान तक जल्द पहुंचने में मदद करनेवालों के रूप में उन अत्याचारियों को देख पाता था।

पिछली चोटिल घटना के नकारात्मक परिणामों के बारे में सोचना एक मानवीय प्रवृत्ति है। अगर हम उद्देश्यपूर्ण ढंग से उस तरह से सोचना बंद कर देते हैं और उन घटनाओं के कारण हमें मिलने वाले लाभों को गिनना शुरू कर देते हैं, तो यह बड़े आश्चर्य पूर्ण कार्य होगा। उदाहरण के लिए, मैंने अपने कार्यालय के एक पुराने सहयोगी की गंदी राजनीति के कारण अपनी नौकरी खो दी होगी, लेकिन इसी के कारण मुझे एक बेहतर नौकरी के लिए आवेदन करने और उसमे सफलता हासिल करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था! मैं गैर-भौतिक लाभों को भी गिन सकता हूँ। उन घटनाओं ने शायद मुझे आध्यात्मिकता में बढ़ने में मदद की होगी या हो सकता है कि उन घटनाओं ने मुझे एक मजबूत व्यक्ति बनाया है, आदि इत्यादि। एक बार जब हम इसे मूर्तरूप होते देखना शुरू कर देंगे, तो हमें चोट पहुँचानेवालों को माफ़ करना हमारे लिए बहुत आसान होगा।

उत्तर 5: उसे माफ करें ? किस लिए? उसने क्या किया?

मैं उनके पापों को याद नहीं रखूंगा (इब्रानी 8: 12 )

जब मुझे लगता है कि दूसरे व्यक्ति ने मुझे चोट पहुंचाने के उद्देश्य से कार्य किया है तभी क्षमा करने का एक कारण बनता है! यदि उसके कार्य ने मुझे आहत नहीं किया, तो क्षमा करने की बात कहना अप्रासंगिक हो जाता है।

मेरे मित्र के जीवन की एक घटना इस प्रकार है: एक बार वह किसी बहुत ही महत्वपूर्ण साक्षात्कार के लिए बाहर जाने वाला था| इसलिए विशेष रूप से चुने गए, अच्छी तरह से इस्त्री किए गए कपड़े पहन लिया था| घर छोड़ने से ठीक पहले, उसने देखा कि उसकी छोटी बच्ची एक सुंदर मुस्कान के साथ उसके पास रेंगकर चली आ रही थी। उसने तुरंत उसे अपनी बाहों में ले लिया और एक पल के लिए उसे पुचकारा। कुछ ही पलों के बाद, उसने अपने शर्ट पर गीलापन महसूस किया और उसे पता चला कि बच्ची ने लंगोट नहीं पहनी है। वह बहुत परेशान हो गया और अपना क्रोध पत्नी पर उतार दिया।

उसने जल्दी अपने कपड़े बदल दिए और निकल गया। रास्ते में, प्रभु उससे बात करने लगे:

“क्या तुमने उसे माफ कर दिया?”

“यह उसकी गलती थी … उसे और अधिक जिम्मेदार होना चाहिए था” उसने बड़बड़ाया।

प्रभु ने सवाल दोहराया, “मेरा मतलब, क्या तुमने अपनी बच्ची को माफ कर दिया?”

“मैं अपनी बच्ची को माफ करूँ? किस लिए? उसने क्या गलती की? वह क्या सही और गलत को जानती है? ”

उस यात्रा के दौरान, प्रभु ने मेरे दोस्त के सम्मुख अपना दिल खोलकर अपने दिव्य शब्दकोश में ‘क्षमा’ का अर्थ समझा दिया।

याद करो येशु ने क्रूस पर जो प्रार्थना की, “हे पिता, उन्हें क्षमा कर; क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।“ (लूकस 23:34)

येशु ने जिस तरह क्षमा की उसी तरह क्षमा करना हमारे लिए आदर्श है, लेकिन यह केवल प्रभु की प्रचुर कृपा से ही हासिल किया जा सकता है। हम क्षमा करने का निर्णय लेकर अपनी इस सच्ची इच्छा को स्वर्ग की ओर उठा सकते हैं। हमारे पास माफ करने के कारणों की कमी नहीं है। आइए हम शिशु की तरह छोटे छोटे कदम बढायें और प्रभु से कहे कि वह हमारी मदद करें।

प्यारे प्रभु, मैं अनुभव करता हूँ कि तेरे प्रिय पुत्र ने मुझे इतना प्यार किया कि वह पृथ्वी पर उतर आया और अकल्पनीय पीड़ा से गुज़रा ताकि मुझे क्षमा मिल सके। मेरी गलतियों और असफलताओं के बावजूद उसके घावों से तेरी दया बहती रहती है। मेरी मदद कर ताकि मैं येशु के पदचिन्हों पर चलते हुए मुझे चोट पहुँचाने वाले सब लोगों को माफ़ कर सकूँ। इस तरह मैं करुणा का अनुभव करूँ जो वास्तव में पूर्ण क्षमा करने से ही आती है। आमेंन।

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आन्टनी कलापुराक्कल

आन्टनी कलापुराक्कल शालोम टाइडिंग्स की संपादकीय परिषद में कार्यरत हैं। वे क्वींसलैंड, ऑस्ट्रेलिया में अपनी पत्नी विनीता और तीन सुन्दर बच्चों के साथ रहते हैं।

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