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वयस्कता की उम्र डरावनी हो सकती है, लेकिन इसी वयस्क उम्र में आप सही संगति पाएंगे तो अनुग्रह और शक्ति के साथ खिलना सीख सकते हैं!
येशु ने मित्रता को संजोया और 12 व्यक्तियों को चुना, ताकि वे 12 लोग उनके साथ निकट रहकर चल सकें और उनसे सीख सकें। न केवल पुरुष, बल्कि महिला मित्र भी उनके जीवन की हिस्सा थीं। मरियम और मार्था बहनों को याद करते हैं न? और मरियम मगदलीनी को? सुसमाचारों में इन मित्रताओं का उल्लेख यह दर्शाता है कि हमारे जीवन में मित्र लोग कितने महत्वपूर्ण हैं।
येशु ने अपने शिष्यों को मित्र कहा! “अब मैं तुम्हें सेवक नहीं कहूँगा, सेवक नहीं जानता कि उसका स्वामी क्या करने वाला है। मैंने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैंने अपने पिता से जो कुछ सुना, वह सब तुम्हें बता दिया है।” (योहन 15:15) येशु के द्वारा मित्र कहलाना सम्मान और उत्थान का अवसर है! इसी प्रकार, यह हमारे लिए भी महत्वपूर्ण है कि हम एक-दूसरे के मित्र होने के सम्मान को समझें। यह एक किरदार है जिसे गंभीरता से निभाना चाहिए। जैसा कि येशु हमें याद दिलाते हैं: “तुमने मेरे छोटे भाइयों और बहनों में से किसी एक के लिए जो कुछ किया, वह तुमने मेरे लिए ही किया” (मत्ती 25:40)। आपकी उपस्थिति, या इसकी कमी, किसी अन्य व्यक्ति पर प्रभाव डाल सकती है। आपके कार्य, समर्थन, और प्रार्थनाएं किसी के जीवन पर गहरा प्रभाव डाल सकती हैं। जैसे हमें सौंपी गई किसी भी जिम्मेदारी को हम गंभीरता से निभाते हैं उसी तरह मित्रता भी एक ज़िम्मेदारी है जिसे गंभीरता से निभानी चाहिए।
वयस्क बन जाने पर, कई लोग मित्रता की कमी या मित्र बनाने में कठिनाई पर खेद व्यक्त करते हैं। सच्चे मित्रों के लिए तरसता दिल की पीड़ा वास्तविक है। मित्रता वास्तव में एक उपहार है, ऐसा उपहार जिसे निश्चित रूप से प्रार्थना द्वारा मांगा जाना चाहिए।
सच्ची ख्रीस्तीय मित्रता किसी के जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप सोच-समझकर उन लोगों को चुनें, जिन्हें आप इस पद के योग्य समझते हैं। एक मित्र जो समान मूल्यों को साझा नहीं करता, वह शत्रु के सामान हो सकता है। सूक्तिग्रंथ 27:17 हमें याद दिलाता है: “जैसे लोहा लोहे को तेज करता है, वैसे ही मनुष्य का मनुष्य से सुधार होता है।” संतों का जीवन इस बात का निरंतर प्रोत्साहन है, क्योंकि हम अक्सर एक संत के दूसरे संत के साथ मित्र होने के बारे में सुनते हैं! संत फ्रांसिस और संत क्लारा को मित्रों के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने उद्देश्य और आध्यात्मिकता में साझेदारी की और एक-दूसरे के जीवन को समृद्ध किया। इसी तरह अविला की संत तेरेसा और क्रूस के संत योहन भी मित्र थे। संत जॉन पॉल द्वितीय और मदर तेरेसा 20वीं सदी के दोस्ती के आदर्श हैं। सच्चे दोस्त हमें खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए प्रेरित करेंगे।
मैं अपने जीवन में हुई वृद्धि और सफलताओं का श्रेय मेरी चारों तरफ के सही मित्रों को देती हूं। मेरे निकटतम लोग स्पष्ट आध्यात्मिक दृष्टि रखते हैं। वे सही समय पर प्रोत्साहन प्रदान करते हैं, और मुझे पता है कि वे मुझे प्रार्थना का समर्थन देने के लिए हमेशा उपलब्ध हैं। इसकेलिए वे अपने उपलब्ध समय पर मेरे लिए मध्यस्थ प्रार्थना केलिए या मेरे साथ बैठकर प्रार्थना करने केलिए सब कुछ त्याग देने केलिए भी तैयार रहते हैं ।
येशु मसीह पर केंद्रित कोई भी मित्र अक्सर जानता है कि आपको कब प्रार्थना की आवश्यकता है। मेरी एक मित्र है जो मेरे जीवन के उस क्षेत्र को समझ सकती है जिसके लिए मुझे प्रार्थना की आवश्यकता है। वह अक्सर साझा करती है कि पवित्र आत्मा ने उसे प्रार्थना में क्या बताया है। उसके साथ बातचीत हमेशा उत्साहजनक होती हैं और वे बातचीत मुझे शक्ति और पुष्टि प्रदान करती हैं। मुझे याद है कई बार जब किसी मित्र ने कोई पवित्र ग्रन्थ के वचन या पवित्र आत्मा से कोई वचन बिलकुल सही समय पर मुझे भेजा जो मेरे लिए उस समय केलिए पूरी तरह उपयोगी रहा। अनगिनत अवसरों पर, मुझे अपने एक मित्र से संदेश मिले जिनमें उसने मुझे बताया कि मेरे लिए प्रार्थना करने के लिए उसे प्रेरणा मिली है। ये सन्देश ज्यादातर तब आते हैं जब मैं जीवन के बहुत बड़े निर्णय लेने या किसी बड़े आंतरिक संघर्ष का सामना करने के दौर में होती हूँ।
एक समय था जब मैं ज़िन्दगी के सफ़र में बहुत अटकी हुई महसूस करती थी; ऐसा लगता था कि मैं कोई प्रगति नहीं कर पा रही हूँ। एक प्रिय मित्र ने मुझे एक वचन भेजा कि उसे विश्वास है कि परमेश्वर मेरे जीवन में पर्दे के पीछे कुछ बहुत खास कर रहा है। मुझे आगे बढ़ने की शक्ति महसूस हुई और मुझे एहसास हुआ कि परमेश्वर कुछ करने वाला था, भले ही मैं निराश महसूस कर रही थी। उसके कुछ दिनों बाद, चीजें सही जगह पर आने लगीं – जिन बातों या अरमानों के लिए मैंने कई सालों से प्रार्थना की थी, वे मेरे जीवन में प्रकट होने लगीं!
सच्चे दोस्त आपके संघर्षों में आपकी मदद करने के लिए तैयार रहेंगे। वे आपके जीवन में ईश्वर की जीत का जश्न मनाएंगे और आपके जीवन के किसी भी अन्य पहलू से ज़्यादा आपके आध्यात्मिक कल्याण के बारे में चिंतित होंगे। लेकिन याद रखें, ऐसे समय भी आते हैं जब आपको अपने दोस्त को यह बताना होगा कि आपको प्रार्थनाओं की ज़रूरत है।
मुझे पता है कि अगर मेरे दोस्त पवित्र आत्मा के साथ तालमेल नहीं रखते तो मेरा जीवन बहुत अलग होता। मसीह के सामने समर्पण की उसी यात्रा पर दूसरों के साथ चलने से स्पष्ट लाभ हुए हैं। इस जीवन में अनंत जीवन और पवित्रता के लक्ष्य का साझा दृष्टिकोण दोस्ती में मूल्यवान है। मुझे मदद पाने और दोस्तों के जीवन में उनके अपने क्रूस को उठाने में उनकी मदद करने, खुशियाँ साझा करने और साथ मिलकर ईश्वर की स्तुति करने का सम्मान और सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
क्या आप जीवन के ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ आप और अधिक मित्रों की चाहत रखते हैं? उनसे मिलने के अवसर के लिए प्रार्थना करें! आपके जीवन में अप्रत्याशित तरीके से उनके आने के लिए अपनी आँखें खुली रखें। अगर आप जीवन के ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ आपके पास मित्र तो हैं, लेकिन आप उनसे दूर हो जाने की बात महसूस करते हैं, तो किसी ऐसे मित्र जो हाल ही में आपके ख्याल में रहा हो, उन्हें संदेश भेजकर या फ़ोन करके शुरुआत करें ।
दोस्ती के लिए अपना दिल खोल दें। एक या दोनों पक्षों की व्यस्तता के कारण बहुत सी मित्रताएँ मुरझा गई हैं और उन्हें कभी पूरी तरह से पनपने का मौका नहीं मिला है। किसी भी अन्य रिश्ते की तरह दोस्ती के लिए भी त्याग की आवश्यकता होती है। यह अलग-अलग समय पर अलग-अलग प्रकार के त्याग के रूप में दिखाई देंगे। फिर भी, यह ईश्वर की ओर से एक जबरदस्त आशीर्वाद और उपहार है। दोस्ती बनाना और उसे बनाए रखना एक निवेश है। स्थायी दोस्ती आपके जीवन में बहुत समृद्धि और मूल्य ला सकती है। एक अच्छे दोस्त के उपहार को संजोएँ और जब आपको एक मित्र का खिताब दिया जाए तो उसे बहुत अच्छी तरह संजोएँ।
हे येशु, कृपया हमें दूसरों के लिए सच्चे और वफादार दोस्त बनने में मदद कर। हमें ऐसे दोस्त भेज दे जिनके साथ कदम मिलाकर हम तेरी ओर लगातार चल सकें। आमेन!
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लियाना म्यूएलर संयुक्त राज्य अमेरिका के टेक्सास में एक काउंसलर के रूप में सेवा देती हैं। उन्हें अपने खाली समय में कथाएं और लेख लिखना पसंद है, और वे sunflowersojourn.wordpress.com पर ब्लॉग लिखती हैं
लियाना म्यूलर works as a counselor in the Dallas, TX area. She loves to write fiction and non-fiction in her free time, and blogs at sunflowersojourn.wordpress.com
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