Home/Engage/Article

फरवरी 08, 2025 42 0 फादर जोसेफ गिल, USA
Engage

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: इस साल के अंत में, मेरे भाई का दूसरे पुरुष से विवाह होने जा रहा है। मैं अपने भाई के बहुत करीब हूं, लेकिन मुझे पता है कि विवाह एक पुरुष और एक महिला के बीच होता है। क्या मुझे उसकी शादी में शामिल होना चाहिए?

उत्तर: यह सवाल अब तेजी से महत्वपूर्ण बनता जा रहा है, क्योंकि हमारे परिवार और दोस्तों में से कई लोग ऐसे जीवनशैली जी रहे हैं जो ईश्वर की प्रकट की हुई योजना से मेल नहीं खाती।

ऐसी उलझन गहरी चिंता का कारण बन सकती है क्योंकि हम अपने परिवार से प्यार करना और परिवार के उन सभी सदस्यों का समर्थन करना चाहते हैं, भले ही हम उनके निर्णयों से असहमत हों। इसी समय, हम जिस सत्य को जानते हैं उस सत्य को धोखा नहीं दे सकते, क्योंकि हमें विश्वास है कि ईश्वर की योजना वास्तविक खुशी की ओर ले जाती है।

कैथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा (अनुच्छेद 1868) इस पर चर्चा करती है, जब यह उन तरीकों के बारे में बात करती है जिनसे हम किसी और के पापपूर्ण निर्णय में सहयोग कर सकते हैं। हम तभी किसी और के पाप में भाग लेते हैं जब हम उस पापपूर्ण क्रिया की ‘सराहना या अनुमोदन’ करते हैं। जब कोई व्यक्ति हमारे कैथलिक विश्वास के खिलाफ की कोई जीवनशैली का चुनाव करता है, तो किसी भी तरह से उस निर्णय को बधाई देना या जश्न मनाना हमारे लिए नैतिक रूप से गलत होगा, क्योंकि यह ईश्वर के साथ उनके संबंध को नुकसान पहुँचाता है और उनके उद्धार को खतरे में डालता है।

तो, सबसे अच्छा कदम क्या होगा? मैं सिफारिश करूंगा कि आप अपने भाई के साथ ईमानदार बातचीत करें। उसके प्रति अपने गहरे प्रेम की भावना को आप व्यक्त करें और यह बताएं कि आप चाहते हैं कि उसके साथ आपका नजदीकी का रिश्ता बना रहे। साथ ही, उसे यह भी बताएं कि आपका विश्वास और आपकी अंतरात्मा आपको यह सिखाती है कि आप उन चीजों को अनुमोदित नहीं कर सकते जो आप जानते हैं कि गलत हैं। शादी में शामिल न होने, उपहार न भेजने, या उसे बधाई न देने का निर्णय लें, लेकिन उसे यह बताना सुनिश्चित करें कि आप फिर भी उसके लिए, उसकी सेवा में तैयार खड़े हैं। यह स्पष्ट करें कि यह ‘घृणा’ या ‘दुश्मनी’ से नहीं, बल्कि ईश्वर ने जिस विवाह को एक पवित्र संबंध के रूप में रचा है, जो एक पुरुष और एक महिला के बीच ही होना है, उस दृढ़ और अपरिवर्तनीय विश्वास के कारण आप उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते हैं।

यह आपके परिवार में संघर्ष और विवाद उत्पन्न कर सकता है, या नहीं भी कर सकता। लेकिन हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि येशु ने वादा किया था: “मैं शांति नहीं, बल्कि तलवार लेकर आया हूं”। येशु ने कहा कि किसी भी अन्य रिश्ते से ऊपर, चाहे वह परिवार और दोस्तों का ही क्यों न हो, हमें येशु का ही अनुगमन करना चाहिए। यह निश्चित रूप से उनकी कठिन शिक्षाओं में से एक है, लेकिन हमें याद रखना चाहिए कि सत्य और प्रेम कभी एक-दूसरे के विरोधी नहीं होते, और अपने भाई से सच्चे प्रेम के लिए, आपको उसे उस सत्य के अनुसार प्रेम करना चाहिए जो मसीह प्रकट करते हैं।

यह भी कभी न भूलें कि प्रार्थना और उपवास की शक्ति बहुत बड़ी होती है। अपने भाई के साथ बातचीत से पहले प्रार्थना और उपवास करें ताकि उसका दिल आपकी सद्भावना के प्रति खुल सके, और बातचीत के बाद प्रार्थना और उपवास करें ताकि वह मसीह में गहरे रूपांतरण का अनुभव कर सके, क्योंकि येशु मसीह ही अकेले मानव हृदय की इच्छाओं को पूरा करते हैं।

अपने परिवार से ऊपर मसीह को चुनने से न डरें, और अपने परिवार से मसीह में और मसीह के माध्यम से प्रेम करना जारी रखें — भले ही आपके भाई की प्रतिक्रिया कैसी भी हो। डरिए मत, लेकिन सत्य में प्रेम करना जारी रखें।

Share:

फादर जोसेफ गिल

फादर जोसेफ गिल हाई स्कूल पादरी के रूप में एक पल्ली में जनसेवा में लगे हुए हैं। इन्होंने स्टुबेनविल के फ्रांसिस्कन विश्वविद्यालय और माउंट सेंट मैरी सेमिनरी से अपनी पढ़ाई पूरी की। फादर गिल ने ईसाई रॉक संगीत के अनेक एल्बम निकाले हैं। इनका पहला उपन्यास “Days of Grace” (कृपा के दिन) amazon.com पर उपलब्ध है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel