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अप्रैल 19, 2022 389 0 फादर जोसेफ गिल, USA
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प्रश्नोत्तर: बाइबिल को मैं कैसे पढूं ?

प्रश्न: मैं बाइबिल की पढ़ाई करना चाहता हूँ। लेकिन मुझे नहीं मालूम कि कहाँ से शुरू करूं, क्या मैं इसे उपन्यास की तरह शुरू से अंत तक पढूं? क्या मैं किसी भी पन्ने को ऐसे ही खोलकर पढ़ना शुरू करूँ? आप की क्या सलाह है?

उत्तर: बाइबिल येशु का साक्षात्कार पाने का शक्तिशाली माध्यम है। संत जेरोम ने कहा है: “पवित्र ग्रन्थ की अज्ञानता येशु के प्रति अज्ञानता है”। आपने इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया  है, इसलिए आप को बधाइयां।

पहली नज़र में बाइबिल बोझिल लग सकती है,  एक दुसरे से भिन्न अलग अलग बिखरी हुई कहानियाँ, लम्बी वंशावलियां, कानून और भविष्यवाणियाँ, पद्य और गीत आदि इत्यादि से यह भरी हुई है। मेरा सुझाव है कि आप बाइबिल को दो तरीके से पढ़ सकते हैं। सबसे पहले ध्यान दें कि बाइबिल को आरम्भ से अंत तक न पढ़ें, क्योंकि बाइबिल की कुछ किताबें समझने में आपको कठिनाई होगी। इसके बजाय, डॉ. जेफ़ कैविंस द्वारा लिखित “दी ग्रेट एडवेंचर बाइबिल टाइम लाइन” नामक किताब पढने से मुक्ति इतिहास की कहानी आप की समझ में आएगी – हमें अपने पापों से बचाने के लिए ईश्वर ने किस तरह सम्पूर्ण मानव इतिहास में कार्य किया है, इसकी कहानी उत्पत्ति से शुरू होती है। ईश्वर ने संसार की सुन्दर रचना की, और उसे यह अच्छा लगा, लेकिन मानव ने आदि पाप के कारण विनाश का रास्ता अपनाया और इस तरह वह संसार में बुराई लाया। लेकिन ईश्वर ने हमें त्याग नहीं दिया। इसके बदले उसने इब्राहिम, मूसा और दाऊद के द्वारा हमारे साथ रिश्ता जोड़ा और विधान को स्थापित किया। व्यवस्था के माध्यम से उनका अनुसरण करने के लिए उसने हमें सिखाया, और उसने अपनी प्रतिज्ञाओं के प्रति विश्वस्तता के जीवन में लौटने के लिए नबियों के द्वारा हमारा आह्वान किया। आखिर में, पाप के कारण उत्पन्न मानवीय बिखराव, पीड़ा, और उत्कंठा के सम्मुख निश्चित समाधान के रूप में ईश्वर ने अपने पुत्र येशु को भेजा। अपने जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान द्वारा येशु ने हमें हमेशा के लिए ईश्वर से मेलमिलाप कराया और संसार के कोने कोने तक मुक्ति को पहुंचाने के लिए अपनी कलीसिया को स्थापित किया।

मुक्ति इतिहास की इस अद्भुत कथा को बाइबिल हमें विभिन्न पुस्तकों के अलग अलग हिस्सों में बताती है। आदम से येशु तक की सम्पूर्ण कहानी को समझने और विभिन्न किताबों और अध्यायों के माध्यम से निर्देश पाने के लिए आपको डॉ. कैविंस का टाइम लाइन पढ़ना चाहिए।

बाइबिल को पढने के दूसरे तरीके को ‘लेक्शियो डिवीना’ या ‘पवित्र वाचन’ कहते हैं। एक छोटे पाठांश को लेकर उसके माध्यम से ईश्वर को आपसे बात करने के लिए इस पवित्र वाचन का तरीका अवसर देता है। अच्छा होगा कि आप सुसमाचारों से या संत पौलुस के पत्रों से कोई छोटा पाठांश – 10 या 20 पद लें और ईश्वर को मौका दें कि वह आपसे इसके द्वारा बात करें।

वाचन (लेक्शियो): पहले पवित्र आत्मा से प्रार्थना करें । उसके बाद पाठ को एक बार धीमी गति से पढ़ें (यदि हो सके तो जोर से पढ़ें)। कोई शब्द, वाक्यांश या बिम्ब जो आपका ध्यान आकर्षित करता है, उस पर ध्यान केन्द्रित करें।

ध्यान (मेडिटेशियो): उसी पाठ को दुबारा पढ़ें, और ईश्वर से पूछें कि वह उस शब्द, वाक्यांश या बिम्ब के द्वारा आप को क्या सन्देश संप्रेषित करना चाहता है। किस तरह यह आपके जीवन में प्रयोग में आता है?

प्रार्थना (ओरेशियो): इस पाठ को तीसरी बार पढ़ें, और जिस शब्द, वाक्यांश या बिम्ब ने आपका ध्यान आकर्षित किया, उसके बारे में ईश्वर से बात करें। ईश्वर के बारे में यह वाक्य क्या प्रकट करता है? उसके वचन के प्रत्युत्तर में आपको कुछ परिवर्तन लाने के लिए क्या ईश्वर आपसे कह रहा है? उसके प्रति और अधिक विश्वस्त रहने का संकल्प लें।

मनन (कोंटाम्प्लाशियो): ईश्वर की उपस्थिति में शांत बैठें। आपकी सोच में आ रहे किसी शब्द, बिम्ब या स्मृति पर मनन करें – इस तरह से परमेश्वर मौन में अपने सन्देश का संचार करता है।

सुसमाचार या पौलुस के पत्र को पढ़कर लाभ उठाने के लिए इस तरीके का प्रतिदिन प्रयोग करें। आप पायेंगे कि ईश्वर आपको बहुत सी प्रेरणा और ज्ञान देगा जिसकी आप ने कभी अपेक्षा नहीं की थी। ईश्वर के वचन के द्वारा उसे जानने के आपके प्रयासं में वह आपको आशीषें दे। चाहे आप इसे मुक्ति-इतिहास को समझने या अतीत में ईश्वर के किये कार्य को समझने के लिए आप पढ़ रहे हैं, या वर्त्तमान में ईश्वर किस तरह कार्य कर रहा है, यह जानने के लिए आप लेक्शियो डिविना के द्वारा प्रार्थना कर रहे हैं, दोनों स्थितयों में ईश्वर का वचन जीवंत और प्रभावशाली है, और यह आपके जीवन को बदल सकता है।

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फादर जोसेफ गिल

फादर जोसेफ गिल हाई स्कूल पादरी के रूप में एक पल्ली में जनसेवा में लगे हुए हैं। इन्होंने स्टुबेनविल के फ्रांसिस्कन विश्वविद्यालय और माउंट सेंट मैरी सेमिनरी से अपनी पढ़ाई पूरी की। फादर गिल ने ईसाई रॉक संगीत के अनेक एल्बम निकाले हैं। इनका पहला उपन्यास “Days of Grace” (कृपा के दिन) amazon.com पर उपलब्ध है।

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