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मार्च 16, 2022 315 0 Rosanne Pappas, USA
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जब उसने जीवन को ‘हां’ कह दिया

मैं उससे पहले कभी नहीं मिली थी… फिर भी उसने कहा कि मैंने उसकी जान बचाई…

4 जुलाई की शाम थी। मेरी पंद्रह वर्षीय बेटी बेला और उसके कई दोस्त ऊपर वीडियो गेम खेल रहे थे। वे सीढ़ियों से नीचे उतरे और रसोई में आ गए, जहाँ मैं और मेरे पति बातें कर रहे थे।

“माँ, हम सब भूखे हैं। क्या आप हमारे लिए कुछ पनीर सैंडविच बना सकती हैं,” बेला ने पूछा?

“ज़रूर,” मैंने कहा।

“सैम आपसे एक प्रश्न पूछना चाहता है,” बेला ने कहा।

सैम चूल्हे की ओर यानी मेरी तरफ बढ़ गया।

एक कड़ाही चूल्हे पर रखकर और चूल्हे को चालू करते हुए, मैंने उससे पूछा “तुम यहाँ एक बार पहले भी आ चुके हो, है ना?”

“हाँ, एक महीना या उससे भी पहले,” उसने एक बड़ी आकर्षक मुस्कान के साथ उत्तर दिया।

“सही बात है। तुम कहां के रहने वाले हो?” मैंने पूछ लिया।

“जी, मेरा परिवार मोरोक्को से है,” उसने कहा।

 

सैम की उपस्थिति से माहौल खुशनुमा और प्यारभरा बन रहा था। मुझे पता नहीं था कि वह बेला के साथ हाई स्कूल में पढ़ाई करता था या वे एक दुसरे को सोशल मीडिया, फुटबॉल गेम्स या किसी पार्टी के माध्यम से जानते थे।

“वाह, कितनी अच्छी बात है,” मैंने बड़ी मुस्कराहट के साथ कहा। “तो क्या तुम बेला के स्कूल में पढ़ते हो?”

“नहीं,” उसने कहा। “हम लोग इस गर्मी में समुद्र तट पर मिले थे।”

“ओह, ठीक है, तुम मुझसे क्या सवाल पूछना चाहते हो सैम?”

“जब मैं अपनी माँ के गर्भ में था, उन दिनों क्या आपने मेरी माँ से गर्भपात नहीं करने की बात की थी?”

 वह सालों पुरानी बातचीत

मैं पूरी तरह स्तब्ध रह गयी। यह लड़का कौन है? यह कहाँ रहता है, मैं सोचने लगी और उसे घूर कर देखती हुई, अपने दिमाग में यह याद करने की कोशिश कर रही थी, कि मैं ने इसकी माँ के साथ पूर्व में कहीं बातचीत की थी क्या?

मुझे यकीन था कि वह मैं नहीं हो सकती। जैसे ही मैं ने बेला और सैम को कंधे से कंधा मिलाकर खड़े देखा, अचानक, मुझे एक युवा महिला के साथ बातचीत की याद आई जब बेला मेरी कोख में थी।

“तुम्हारी माँ का नाम क्या है?” मैंने पूछ लिया

“मरियम,” उसने कहा।

यह नाम सुनते ही अवाक् होकर मैं बस उसे देखती रही। मरियम का बेटा मेरी रसोई में कैसे आया … और वह बेला का दोस्त? मैंने उसके चेहरे को ध्यान से देखा।

“हाँ, तुम्हारी माँ के साथ मेरी बातचीत हुई थी।” मैंने कहा।

 

सैम मेरे पास दौड़ आया और उसने अपनी बाहों से मुझे लपेट लीं। उसने मुझे कसकर पकड़ ली।

“आपने मेरी जान बचाई। आपने मेरी जान बचाई। धन्यवाद। धन्यवाद,” वह बोलता गया।

हम कई मिनट तक एक दूसरे के आलिंगन में बंद होकर रसोई में खड़े रहे।

वे यादें

मैं अपने पति की ओर मुड़ी, “क्या आप इस पर विश्वास कर पा रहे हैं?

“नहीं, मैं नहीं कर पा रहा हूँ,” उन्होंने अविश्वास में घूरते हुए कहा।

सैम ने अपनी माँ को फोन किया और हमारी मुलाक़ात और बातचीत के बारे में बात करता रहा । फिर उसने फोन मुझे थमा दिया।

“मैंने ईश्वर से प्रार्थना की थी कि वह आपको फिर से खोजने में मेरी मदद करें और देखिये, उसने मदद की! क्या आप को पता है, सैम और बेला दोस्त हैं”, यह कहते वक्त मरियम की आवाज भावुकता से भर गई थी।

मैंने उससे कहा “मरियम, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है। सच में, मैं अभिभूत हूँ मरियम”।

फोन बंद करने से पहले, हमने अपने जीवन के पिछले पंद्रह वर्षों के बारे में बातचीत करने के लिए एक साथ आने की योजना बनाई।

मेरे पति आश्चर्य प्रकट करते हुए सिर हिलाते रहे।

उन्होंने कहा: “मुझे याद है वह रात, जब तुम घर आई थी, मैंने तुमसे कहा था कि तुम पागल हो, क्योंकि गर्भपात रोकने के बारे में उस महिला को समझाने का कोई मतलब नहीं था।“

मैंने लगभग सोलह साल पहले की उस रात को याद किया। शनिवार का दिन था और मैं अपनी बहनों और कुछ दोस्तों के साथ रेस्तरां में डिनर पर थी। मैं मेज के शीर्ष पर बैठी थी, क्योंकि हम अपनी चौथी गर्भावस्था का जश्न मना रहे थे। हमारी वेट्रेस एक सुंदर, खूबसूरत काले बालों वाली युवती थी जो खुद गर्भवती थी।

अन्दर का खजाना

रात के भोजन के बाद, वेट्रेस ने बचा हुआ भोजन मुझे पैक करके दिया और फिर मेरे बगल में बैठ गई और फुसफुसाई, “काश मैं भी अपनी गर्भावस्था का जश्न मना पाती, लेकिन मैं नहीं कर सकती। आने वाले बुधवार की सुबह मैं गर्भपात करने जा रही हूँ।”

यह सुनकर मैं हैरान और दुखी हो गयी।

“आप गर्भपात क्यों करवा रही हैं?” मैंने पूछ लिया।

“मैं शादीशुदा नहीं हूं, और मेरे देश में अगर किसी को पता चलता है कि मैं अविवाहित रहती हुई गर्भवती हूँ, तो मेरे माता-पिता को उनके शहर से निर्वासित कर दिया जाएगा और वे अपने काम-धंधे से वंचित रह जायेंगे।”

“यह बहुत खराब स्थिति है, लेकिन उन्हें कैसे पता चलेगा?”

वे जान जाएंगे। आप नहीं समझ पाएंगी”, उसने कहा।

“आप सही कह रहे हैं, मैं शायद समझ नहीं पाऊंगी, लेकिन मैं जो जानती हूं वह यह है कि ईश्वर चाहता है कि आपके पास यह बच्चा हो,  नहीं तो ईश्वर आपके कोख में इस बच्चे को पनपने नहीं देता।”

उसने कहा, “मैं आपकी तरह ईसाई नहीं हूं, मैं मुस्लिम हूं। मेरे पास आपकी तरह का ईश्वर नहीं है”।

“नहीं बहन, दो तरह के ईश्वर नहीं होते। केवल एक ही ईश्वर है,” मैंने कहा।

“मैं और मेरा प्रेमी बड़े संकट से गुज़र रहे हैं; हम दोनों के बीच हालात अच्छी नहीं है।”

“मुझे खेद है कि आप संकट से गुज़र रहे हैं। मेरे तीन और बच्चे हैं। जब हमें पता चला कि बहुत छोटे में ही मेरे सबसे बड़े बेटे को एक दुर्लभ और घातक बीमारी हुई है, तब हम सोच भी नहीं सकते थे कि वह आज भी हमारे साथ जीवित होगा। और अब 42 साल की उम्र में मैं अपने चौथे बच्चे को जन्म देनेवाली हूँ और अपने चौथे सिजेरियन ऑपरेशन का सामना करने जा रही हूं। लेकिन उसके बावजूद, मैं आपको बता सकती हूं कि आपके प्रेमी के साथ चाहे कुछ भी हो जाए, और आपकी कठिन परिस्थितियों के बावजूद, यह बच्चा आपका खजाना होगा, आप देखेंगी।”

“मेरे पास कोई नहीं है, मैं इसे जन्म नहीं दे सकती।”

“आपके पास मैं हूँ। मुझे अपना नंबर दीजिये और मैं आपको सुबह फोन करूंगी।”

जब वह जल्दी जल्दी मेरे भोजन के पैकेट के ऊपर अपना सेल फोन नंबर लिख रही थी, उसी समय मैंने उसकी कमीज़ पर लगे उसके नेमटैग को पढ़ा और हमने अलविदा कह दिया।

मैंने अगली सुबह मरियम को फोन किया। उसने अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताया और अपने प्रेमी के साथ अपने संबंधों के कुछ विवरण साझा किए। मैं समझ गई कि उसने किस कारण गर्भपात को ही अपना एकमात्र रास्ता चुना था। मैं उसकी दुर्दशा की कल्पना पूरी तरह नहीं कर पा रही थी। मैंने उसे एक स्थानीय प्रसूता केंद्र के बारे में बताया और उनका फोन नंबर उसे दिया।

सभी बाधाओं के विरुद्ध

मरियम के गर्भपात केलिए निर्धारित दिन से एक दिन पहले, मैंने उसको फिर से फोन किया। उसने आश्चर्यजनक समाचार साझा किया कि प्रसूता केंद्र उसकी मदद करने जा रहा है और उसने गर्भपात करने का फैसला रद्द कर दिया है। हम दोनों ने अपनी गर्भावस्था के दौरान आपस में बातचीत करना जारी रखा, लेकिन प्रसव के बाद हमने एक-दूसरे से संपर्क खो दिया।

मैंने सैम को देखा।

“तुम्हारी माँ एक खूबसूरत युवती थी जो गर्भवती हो गई और उसने अपने आप को एक निराशाजनक स्थिति में पाया। जिस रात हम दोनों मिली, वह अकेलापन, शर्म और तिरस्कृत किये जाने की भावना से गुज़र रही थी। मैंने केवल उसे याद दिलाया था कि शर्म के घर ईश्वर नहीं बनाते, लोग बनाते हैं। ईश्वर अनुग्रह के घर बनाता है, और वह उसे तुम्हारे माध्यम से एक अनोखा खजाना देना चाहता है। आपकी माँ के अन्दर सभी बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का वीर साहस था। मैं आभारी हूं कि मैं उन छोटे तिनकों में से एक था जिन्हें परमेश्वर ने एक साथ जोड़ा था, बस यह संयोग था, ईश्वर की योजना के अंतर्गत एक अप्रतीक्षित मुलाक़ात के द्वारा।

इसके बाद मैं बेला की तरफ मुड़ी।

“और तुम भी इस योजना की एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, क्योंकि अगर तुम मेरे गर्भ में नहीं होती, तो मरियम ने कभी मुझ पर विश्वास नहीं किया होता।”

बेला की आँखे, हाँ बादाम के आकार की वे खूबसूरत आंखें, गर्व से मुस्कुराने लगीं।

उस रात को मरियम को प्यार करना और उसे सुनना मेरे लिए बहुत मुश्किल काम नहीं था। आखिरकार, वह मेरी अविवाहित, गर्भवती बेटी नहीं थी। मैंने सोचा कि अगर उसकी जगह मेरी बेटी होती तो क्या मैं यही प्रतिक्रिया देती? मरियम के साथ मेरी बातचीत से मुझे एक ऐसी माँ बनने की चुनौती मिलती है जो मेरे बच्चों की गलतियों और असफलताओं के बदले में, शर्म महसूस करने और दोष लगाने के बजाय उनकी अच्छाई में विश्वास करते हुए अनुग्रह के साथ व्यवहार करने में प्रेरणा मिलती है। मैं वह व्यक्ति बनना चाहती हूं जिसके पास वे अपनी मुसीबत में आ सकते हैं, मैं उन्हें याद दिला सकूं कि मुसीबतें उनकी गलती नहीं हैं। मैं चाहती हूं कि उन्हें पता चले कि मैंने अपनी गलतियों, असफलताओं और पापों के माध्यम से अपने जीवन में कई गड़बड़ियां की हैं, लेकिन उनके माध्यम से मैंने ईश्वर के उद्धार और परिवर्तनकारी प्रेम का अनुभव किया है, और वे भी ऐसे प्रेम का अनुभव कर सकते हैं।

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Rosanne Pappas

Rosanne Pappas एक कलाकार, लेखिका और वक्ता हैं। पप्पस अपने जीवन में ईश्वर की कृपा की व्यक्तिगत कहानियों को साझा करके दूसरों को प्रेरित करती हैं। 35 से अधिक वर्षों से विवाहित, वह और उसका पति फ्लोरिडा में रहते हैं, और उनकी चार संतानें हैं।

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