Home/Engage/Article

जनवरी 03, 2025 34 0 जॉन एफ.पी.कोल
Engage

छुट्टियों के बाद की आशा

हानि अपने साथ अनिवार्य दुःख और पीड़ा लेकर आती है …….. लेकिन क्या यह टाली नहीं जा सकती है ?

छुट्टियों के बाद उदासीनता का मनोभाव आना असामान्य नहीं है और यह व्यक्तिगत हानि के समय में और भी अधिक पीड़ादायक हो सकता है। चाहे वह किसी प्रियजन या वफादार पालतू जानवर का अपेक्षित या अप्रत्याशित निधन हो, अलगाव, तलाक, पुरानी बीमारी, आघात, घर या नौकरी की हानि यह प्रत्येक स्थिति अपनी अपनी अलग अलग तरह की पीड़ा ला सकती है| हमें अपने शरीर, मन और आत्मा के बीच के संबंध को समझने का प्रयास करना चाहिए, चाहे हमारी उम्र जो भी हो। इन तीनों क्षेत्रों का सम्मानपूर्वक पोषण करना आवश्यक है, क्योंकि किसी एक पर हमारा ध्यान कितना जाता है, यह शेष दो पर भी प्रभाव डालता है। पर्याप्त आराम, संतुलित आहार, और आध्यात्मिक पोषण एक मज़बूत आधार हो सकता है, जो हमें कठिन परिस्थितियों से निपटने में मदद कर सकता है।

मृत्युशील प्राणी के रूप में, हम दुःख को संभालने की पूरी कोशिश करते हैं। दुःख से छिप जाने से काम नहीं चलता। इसे स्वीकार करना हानि के साथ जीने और रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने का पहला कदम है। हालांकि, इसका साया लंबा और व्यापक होता है। दुःख को नियंत्रित करने की क्षमता समय और स्वीकार्यता के साथ आती है, लेकिन सबसे अधिक क्षमता विश्वास से आती है। आत्महत्या जैसी अचानक और बिना कारण की हानि और अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है क्योंकि परिस्थितियाँ स्थायी अपराधबोध को उकसा सकती हैं। सही दृष्टिकोण पाने में दृढ़ संकल्प, समय (शायद परामर्श भी), और सर्वज्ञ, सर्वदयालु ईश्वर में अटूट विश्वास की आवश्यकता होती है।

शोक करना स्वाभाविक है और यह हमें नई वास्तविकताओं के साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है। हालांकि, भारी दुःख के समय में ‘वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना’ महत्वपूर्ण है। हम में से कई लोग अतीत में जीते हैं या भविष्य में क्या होगा, इसकी चिंता में डूबे रहते हैं। लेकिन जो लोग वास्तव में ईश्वर की समझ और दया में विश्वास करते हैं, वे किसी भी परिस्थिति में अपने जीवन में उद्देश्य खोज सकते हैं। आस्था हमें दिव्य विधान पर भरोसा करने और अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण तरीके से फिर से संवारने के रास्ते खोजने के लिए तैयार करती है।

कुछ भी स्थायी नहीं रहता

बादल हमेशा के लिए नहीं रहते, न ही धूप। कुछ समय के लिए बैठकर और वक्त निकालकर दो सूचियाँ बनाना मददगार हो सकता है। पहली सूची में, उन सभी चीजों को पहचानें जिनके लिए आप आभारी हैं। दूसरी सूची में, उन व्यक्तिगत रूप से फायदेमंद कार्यों को लिखें जिन्हें आप अगले छह महीनों में पूरा करने की उम्मीद करते हैं। सूची को फिर से देखें, सबसे महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दें, और हर कार्य को पूरा करने की एक तारीख तय करें। ये कार्य कुछ भी हो सकते हैं, जैसे मनोरंजन के किसी कार्यक्रम में जाना या देशभर में किसी दोस्त या रिश्तेदार से मिलना। योजनाएँ बनाएं और बस उन्हें लागू करें। जो भी आप चुनें, वह आपको एक अधिक खुशी देने वाले स्थान पर ले जाएगा। आप धीरे धीरे अपने जीवन पर सक्रिय नियंत्रण लेना शुरू कर देंगे|

अपराधबोध मानव व्यवहार का एक सामान्य चालक है; जबकि यह स्वाभाविक है, यह आपके लिए कुछ अच्छा करने के रास्ते में नहीं आना चाहिए। आपकी खुशी उन लोगों में संक्रामक हो सकती है जो आपकी परवाह करते हैं, और यह भी आपके लिए एक इनाम है। यदि आपको प्रभु पर अपने चरवाहे के रूप में वास्तविक विश्वास है, तो आप अंत तक डटे रहेंगे।

क्या हानि के दर्द को संभालने की उम्मीद है? हां, है। किसी चीज़ का अंत कुछ और की शुरुआत हो सकता है। यदि हमारे पास विशवास है, तो हम कभी अकेले नहीं होते। हम कभी त्यागे नहीं जाते। हम सभी परमेश्वर के बच्चे हैं। हमारे पास परमेश्वर में विश्वास स्वीकार करने और उनकी चंगाई प्राप्त करने की उम्मीद रखने का विकल्प है। यह एक रात में नहीं होता, लेकिन यह हो सकता है और होता है। जब त्रासदी या हानि व्यक्तिगत बन जाती है, तो आस्था हमें उस कठिनता को स्वीकार करने में मदद कर सकती है। परमेश्वर का हाथ वहाँ है; अपने आप से बाहर निकलकर परमेश्वर से जुड़ने और उसकी दिव्य दया में विश्वास करने के लिए हमें केवल एक क्षण चाहिए।

————————-

जॉन एफ. पी. कोल समर्पित अगुआ, शिक्षक और उद्यमी हैं। जो लोग अपने जीवन में हानि और शरीर की विकलांगता का सामना कर रहे हैं, जॉन उन व्यक्तियों के सहायक और सहानुभूतिपूर्ण समर्थक हैं। सेमी-रिटायरमेंट के बाद, जॉन और उनकी पत्नी शार्लेट अपने दो बच्चों और दो पोते-पोती के साथ न्यू जर्सी के ग्रामीण इलाके में रहते हैं।

Share:

जॉन एफ.पी.कोल

जॉन एफ.पी.कोल is a dedicated leader, educator, entrepreneur, and compassionate supporter of individuals experiencing loss and disabilities. Semi-retired in rural New Jersey, John and his wife, Charlotte, are blessed with two children and two grandchildren.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel