Home/Engage/Article

अगस्त 18, 2021 1436 0 Rosemaria Thomas, USA
Engage

एक वादा हमेशा के लिए

क्रिस्टोफर गिरजाघर में बैठकर अपने पिता का इंतजार कर रहा था| पिता ने उसे लेने का वादा किया था। वह अपने धर्म शिक्षा के शिक्षक की बातों पर सोच रहा था। शिक्षक ने कक्षा में ब्लैक मास और शैतान के उपासकों के बारे में बताया था। शैतान के ये उपासक येशु के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और पवित्र संस्कार की रोटी या ओस्तिया को अपमानित करते हैं। उसने पहले कभी भी ब्लैक मास के बारे में नहीं सुना था और येशु के लिए उसके ह्रदय में बड़े दुःख का अनुभव हुआ।

अपने निर्दोष सोच विचार में, क्रिस्टोफर ने एक रणनीति बनाने की कोशिश की। अचानक एक छिपकली ने उसका ध्यान आकर्षित किया| भूरे रंग का एक चित्तीदार पक्षी छिपकली का शिकार करने के प्रयास में लगा था। उस पक्षी को विचलित करने के लिए छिपकली ने स्वयं अपनी पूंछ को विच्छिन्न कर दिया और उसे त्याग दिया। क्रिस्टोफर ने देखा कि कटी हुई पूंछ उलट पलट कर तड़प रही थी और भूरे रंग के पक्षी ने पूंछ को उठा लिया, यह महसूस किए बिना कि छिपकली वास्तव में वहां से भाग चुकी थी।

इसे देखते हुए क्रिस्टोफर ने सोचा, ‘अगर येशु पवित्र संस्कार से बाहर निकल आवें तो अच्छा होगा न? छिपकली की तरह अगर येशु शैतान के उपासकों से बच सके तो बढ़िया होगा न ? येशु को पवित्र संस्कार में अपनी उपस्थिति को त्याग देना चाहिए ताकि उसे दुःख और अपमान झेलना न पडे। यदि येशु ने अपनी उपस्थिति पवित्र संस्कार में से अलग कर दिया, तो प्रतिष्ठित रोटी साधारण रोटी बन जाएगी। इस तरह, शैतान उपासक, या जो लोग ब्लैक मास में भाग लेते हैं, वे येशु को अपमानित करने में सफल नहीं होंगे।‘ दोपहर बाद, जब उनके पिताजी उसे लेने आए, तो क्रिस्टोफर ने पिताजी को येशु के लिए अपनी इस नई योजना को विस्तार से और बड़ी तत्परता के साथ बताया।  “पापा, येशु पवित्र संस्कार से क्यों नहीं निकल आ सकते? इस तरह, उसे दुःख झेलना नहीं पड़ेगा, ठीक है न?” क्रिस्टोफर ने पूछा।

एक पल के लिए, उसके पिता चुप थे। यह एक विचित्र प्रश्न था और उसके पिता ने इसके बारे में पहले कभी नहीं सोचा था। उसके पिता ने आखिरकार कहा। “मेरे बेटे, यीशु पवित्र संस्कार को त्यागकर बाहर निकल नहीं सकते, क्योंकि वह अपने वचन में और अपने वादे में पक्के हैं। जब पुरोहित पवित्र संस्कार को प्रतिष्ठित करते हैं, तो वे येशु के शब्दों का उपयोग करते हैं। येशुकहते हैं: ‘यह मेरा शरीर है जो तुम्हारे पापों की क्षमा के लिए अर्पित है’,इन शब्दों के द्वारा उसने हमसे एक वादा किया है।वह अपने वादे से कभी पीछे नहीं हटेगा। इसलिए, मानव जाति के लिए, वह किसी भी अपमान को सहने के लिए तैयार है। येशु ने दो हज़ार साल पहले मानव जाति को बचाने के लिए कलवारी पर पीड़ा भोगते हुए अपनी जान दे दी। वह अभी भी पीड़ा भोग रहे हैं।” क्या हमें एहसास है कि येशु हमारे पाप, अज्ञानता और अपमानपूर्ण व्यवहार के कारण पवित्र संस्कार में कितनी पीड़ा भोग रहे हैं? आइए हम ब्लैक मास में भाग लेने वाले लोगों के लिए और अन्य सभी पापियों के मन परिवर्तन के लिए प्रार्थना करें । हम संपूर्ण मानव जाति के लिए प्रार्थना करें कि सभी लोग पवित्र संस्कार में येशु का सम्मान और प्यार करें।

Share:

Rosemaria Thomas

Rosemaria Thomas is a high school student. Despite her busy schedule, her priority is her faith and what she can do to grow in that faith. She lives with her family in Camarillo, California.

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel