Home/Engage/Article

मार्च 16, 2022 384 0 बिशप रॉबर्ट बैरन, USA
Engage

आप मुर्गी नहीं, चील बनकर उड़ने केलिए बनाए गए हैं: बपतिस्मा पर एक चिंतन

जब मैं पल्ली में पूर्णकालीन सेवकाई कर रहा था, तो मेरी पसंदीदा गतिविधियों में से एक बपतिस्माओं का अनुष्ठान करना था। मैंने इस शब्द को बहुवचन में रखा है, क्योंकि मैंने शायद ही कभी एक बार में एक बच्चे को बपतिस्मा दिया हो, लेकिन आमतौर पर दस या एक दर्जन बच्चों को एक साथ बप्तिस्मा दिया करता था। रविवार दोपहर लगभग दो बजे साधारणत:, परिवार और दोस्तों का काफी बड़ा समूह सेंट पॉल ऑफ़ क्रॉस चर्च की पहली पंक्तियों में इकट्ठा होता, मैं उनका स्वागत करता और जो कुछ होने वाला था उसका एक बहुत ही संक्षिप्त विवरण देता था। और फिर अनिवार्य रूप से बारह बच्चों के एक साथ रोने की खुशनुमा बेमेल कुसंगीत शुरू हो जाता है। मैं चिल्ला चिल्लाकर प्रार्थना और बपतिस्मा का रस्म पूरा कर देता था और अक्सर एक अनोखा  आनंद प्राप्त कर लेता था। इन दिनों जबकि मैं एक धर्माध्यक्ष हूँ, मेरे पास बपतिस्मा देने का अवसर कम है, और मुझे यह कमी खलती है। लेकिन पिछले हफ्ते एक अवसर प्राप्त हुआ। डग कमिंस और उनकी पत्नी एरिका की बेटी हेज़ल रोज कमिंस को चर्च में स्वागत करते हुए मुझे बड़ी खुशी हुई। सांता बारबरा में वर्ड ऑन फायर कार्यक्रम के सहयोगी निर्माता के रूप में डग कमिंस हमें सहयोग करते हैं।

मैंने उस बपतिस्मा समारोह के लिए सांता बारबरा में संत रोक चर्च के बाहर एकत्रित समूह (वह कोविड का समय था) को संबोधित करते हुए जो प्रवचन दिया था उसे मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूं। मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने डेट्रॉइट महाधर्मप्रांत के पुरोहित फादर मैथ्यू हूड की कहानी सुनी है। उन्होंने अपने स्वयं के बपतिस्मा का एक वीडियो देखने के बाद पता लगाया, कि उनका बपतिस्मा अवैध था। बपतिस्मा की धर्मविधि को संपन्न करने वाले डीकन ने सही शब्दों का प्रयोग नहीं किया, और परिणामस्वरूप, फादर हूड का कलीसिया में सही रूप से प्रवेश नहीं हुआ था। और इसके कारण, फादर हूड ने प्रथम परम प्रसाद का संस्कार, दृढीकरण का संस्कार, या पुरोहिताभिषेक का संस्कार भी वैध रूप से प्राप्त नहीं किया था, क्योंकि ये सभी संस्कार बपतिस्मा की वैधता पर निर्भर करते हैं। अब, यह पता चलने के बाद, डेट्रॉइट के आर्चबिशप ने फादर हुड के लिए बपतिस्मा से लेकर पुरोहिताभिषेक तक के सभी संस्कारों को विधिवत संपन्न किया। अब इसके बाद, नवजवान फादर हूड एक पुरोहित के रूप में अपनी सेवा देने में सक्षम हो गए। आप सोच सकते हैं, “ठीक है, यह एक अजीब कहानी है, जिसका अंत सुखान्त है।” लेकिन यह घटना, वास्तव में, बपतिस्मा के बारे में कलीसिया की समझ के बारे में कुछ बेहद महत्वपूर्ण जानकारी हमें देती है। हम मानते हैं कि संस्कार की विधि में प्रयुक्त शब्दों और चिन्हों द्वारा कुछ ख़ास बात घटित होती है। बपतिस्मा केवल एक नए जीवन का उत्सव नहीं है, या यहाँ तक कि एक बच्चे के लिए प्रार्थना करने और ईश्वर को समर्पित करने का सिर्फ एक कार्य भी नहीं है। यदि यह सब है, तो फ्लैनरी ओ’कॉनर के शब्दों में  बपतिस्मा येशु के रहस्यमय शरीर का अंग बनने के अदृश्य अनुग्रह का दृश्य संकेत है। हम मानें या न मानें, यह संस्कार वास्तविकता की वस्तुनिष्ठ स्थिति को बदल देता है।

यह सब कहने के बाद, मैंने बपतिस्मा के व्यक्तिपरक पक्ष पर प्रकाश डाला। चूँकि वहाँ कुछ युवा लोग मौजूद थे, मैंने बाज के अंडे के पुराने दृष्टांत का इस्तेमाल किया, जिसके अनुसार एक बाज का अंडा ऊपर घोंसले से बाहर होकर नीचे मुर्गियों के झुंड के बीच गिर गया। जब बाज के चूजे का जन्म हुआ, तो उसे केवल मुर्गियों की दुनिया के बारे में पता चला, और इसलिए उसने अपना पहला साल जमीन पर चोंचते हुए बिताया और कभी भी अपने महान पंखों को नहीं फैलाया। एक दिन, एक राजसी बाज ऊपर उड़ रहा था और देखा कि नीचे एक कम उम्र का बाज मुर्गे की तरह चल फिर रहा है। “तुम्हारा यह क्या मामला है?” उसने पूछा। “क्या तुम नहीं जानते कि तुम कौन हो?” फिर उसने उस बाज को सिखाया कि कैसे अपने पंखों को फैलाना और उड़ना है।

यह दृष्टांत आध्यात्मिक क्षेत्र में भी चलता है। प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति, वस्तुनिष्ठ रूप से, ईश्वर की संतान है, दिव्य है, और एक महान संत बनना उसकी नियति में है। लेकिन समस्या यह है कि जिन लोगों ने यह नई पहचान प्राप्त की है उनमें से अधिकांश इसे तुरंत भूल जाते हैं और दुनिया की मान्यताओं, प्रथाओं और आस्थाओं को अपना लेते हैं। टेलीविजन, फिल्मों, सोशल मीडिया, पॉप सितारों और धर्मविरोधी विचारकों की सोच और संकेतों को अपनाने के बाद, हम धन या शक्ति या भौतिक सफलता या प्रसिद्धि की प्राप्ति के लिए खुद को समर्पित करते हैं। ये चीजें अपने आप में बुरी नहीं हैं, लेकिन इन्हें अपना सर्वोच्च मूल्य मानना ​​और अपनी सारी शक्तियों के साथ इनके पीछे दौड़ना मुर्गियों की तरह जमीन पर चोंच मारने के बराबर है। हेज़ल के बपतिस्मा के लिए इकट्ठी छोटी मण्डली से मैंने कहा कि हमें एक मजबूत समुदाय की ज़रूरत है, जो इस छोटी बालिका को याद दिला सकें कि वह कौन है। हेज़ल को परमेश्वर की सन्तान उन्होंने नहीं बनायी; मसीह ने बपतिस्मा के माध्यम से ऐसा किया। लेकिन वे वास्तव में उसे सिखा सकते हैं कि उसे जो होना चाहिए, वही बने, और कुछ बनने का कोई दयनीय बहाना लेकर समझौता बिलकुल न करें। वे जो कुछ भी उसे सिखाएंगे, जो कुछ करने के लिए उसे प्रोत्साहित करेंगे, वे सब उसे एक महान संत बनने के लक्ष्य की ओर एक मार्गदर्शन होना चाहिए।

मुझे विश्वास है कि अभी भी अधिकांश राष्ट्रों में बपतिस्मा लेने वाले बहुत सारे लोग हैं, इसलिए  मैंने अक्सर इस पर कल्पना की है कि अगर बपतिस्मा लेने वाला हर व्यक्ति परमेश्वर की संतान के रूप में अपनी पहचान के साथ रहता है तो यह दुनिया कैसी होती। अगर आसमान पर उड़ने के लिए सृष्ट हर व्यक्ति, आखिरकार, जमीन पर इधर-उधर चोंच मारना बंद करके ऊपर उड़ता फिरता रहता तो कितना अच्छा होता?  यह एक सच्ची क्रांति होगी।

Share:

बिशप रॉबर्ट बैरन

© बिशप रॉबर्ट बैरन लेख मूल रूप से wordonfire.org पर प्रकाशित हुआ था। अनुमति के साथ पुनर्मुद्रित।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Neueste Artikel