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जुलाई 27, 2021 1670 0 Teresa Ann Weider, USA
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आपके अकेलापन के दौर में

तकलीफ के दिन ही तुम्हें सिखायेंगे कि अकेले बैठने में हिम्मत उठाना है 

और जानो की तुम अकेले नहीं हो |

टेलीफोन मौन है | दरवाजे की घंटी पर अनछुआ पडी है, यानी किसी मेहमान के आने की सूचना के लिए वह अब बजती नहीं है | सारे मित्र और उनके परिवार मानो बहुत दूर चले गए हैं, शायद वे अपने ही कार्यों में व्यस्त हैं | इसलिए ताज्जुब नहीं होना चाहिए कि मैं इन दिनों अपने रेफ्रिजरेटर को घूरकर देखती हूँ, इस उम्मीद से कि उसके अन्दर की खाद्य सामग्री से कुछ सुकून मिलगा | पूरा दिन कुछ न कुछ काम करती रहती हूँ, लेकिन उन कार्यों में बी कोई अर्थ नहीं निकलते | क्या अपने कभी पुरे दिन को उदासी और हताशा के भाव को देखा है, और यह भाव को पनपने दिया है, परिणाम स्वरूप आप दुःख और चिंताओं से भर गए हैं? हम में से बहुत सारे लोग इन दिनों यही करते हैं | सबसे सुखमय समय में भी एकाकीपन को सुलझाना कठिन कार्य है, लेकिन इन दिनों समूची दुनिया कोविड-१९ महामारी से जूझ रही है, यदि हम दुर्बल है तो एकाकीपन हमें बुरी तरह जकड सकता है | तो, हम क्या करें ?

सबकी परिस्थितियाँ भिन्न भिन्न हैं | तो भी, जब कभी मुझे अकेलापन महसूस होता है, मैं घर से बाहर निकलती हूँ, और एक लम्बी सांस लेती हूँ | कभी मैं अपने दरवाजे से बहार निकलकर सिर्फ दस १० कदम चलती हूँ, कभी लंबा देर के लिए टहल हो जाती है | दरवाज़ा खोलने के कार्य से ही हवा मेरे घर के अन्दर प्रवेश करती है, और अपने आसपास का एक भिन्न पहलू मुझे दिखाता है, और चाहे सिर्फ छह फीट के दूरी पर ही कोई व्यक्ति गुज़रता है तो यह एकाकीपन को दूर कर लेता है |

हल ही में एक दिन सुबह, अपनी सोच और नज़रिया बदलने के उद्देश से मैं हाथ में रोज़री माला लिए टहलने गयी | वह ऐसा दिन था जिस दिन आनंद के भेद पर मनन किया जाता है | धन्य माँ मरियम के साथ आनंद के साथ चलने की सोच से ही मेरे दृष्टिकोण में तत्काल अच्छा प्रभाव पड़ गया | टहलते हुए माला विनती करने से मेरे अन्दर एक शांतिपूर्ण लय बन जाती है, और अनायास ही ध्यान में मगन हो जाती हूँ | हर भेद पर मनन करते हुए मैं ने माँ मरियम से कहा कि वह उन भेदों के आनंद का खुलासा कर दें | उसके द्वारा प्रकाशित बातें विभिन्न तरीकों से प्रकट हो जाती हैं, लेकिन उस दिन वह बिलकुल अप्रतीक्षित बातें थीं |

मैं आनंद के अंतिम भेद पर मनन करने लगी जहां मरियम और जोसेफ येशु को मन्दिर में पाते हैं | जैसे ही मैं ने भेद का उच्चारण किया, उसी समय एक महिला जॉगिंग करती हुई निकल गयी | मैं ने अपने मन में सोचा, कितनी अच्छी बात है कि वह अपने शरीर रूपी मंदिर का ख्याल कर रही है और स्वस्थ रहने केलिए म्हणत कर रही है | मेरे मन में यह भी सवाल उठा कि उसका आत्मिक मंदिर कितना स्वस्थ होगा? जैसे ही यह सोच मेरे मन में आयी, अगली सोच उभरकर आयी: “तुम अपने मंदिर के बारे में मानंद करों” | तुरंत माँ मरियम ने मुझ से सवाल पूछा | “ तेरेसा, क्या तुमने आज अपने मंदिर में येशु को पाया है? जब तुम येशु को अपने मंदिर में खोजोगी, और उसे पाओगी, तब वह तुम्हें आनंद लाएगा” |

मैं कितनी मूर्ख थी | मैं कभी भी अकेली या एकाकी नहीं हूँ | येशु मेरे साथ हमेशा रहते हैं | पवित्र ग्रन्थ में येशु हमसे कहते हैं कि वह हमारे साथ हैं और हमें अकेले नहीं छोड़ेंगे | मत्ती 7:7 में येशु हमसे कहते हैं कि हम उनका द्वार खटखटायें और वह द्वार हमारे लिए खुल जाएगा | इसलिए मैं अपने मंदिर के द्वार खटखटाती हूँ और येशु को खोजती हूँ | वह हमेशा मेरा स्वागत करता है, अपने आनंद मुझे देता है, और

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Teresa Ann Weider

Teresa Ann Weider ने विभिन्न सेवाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी द्वारा कई वर्षों तक कलीसिया की सेवा की है। वे अमेरिका के कैलिफोर्निया में अपने परिवार के साथ रहती हैं।

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